लीवर ट्रान्सप्लाण्ट से बचाया आयुष ग्राम चित्रकूट ने!!

 

 ➤      मेरे पिता जी श्री प्रकाशचन्द्र तिवारी, उम्र ४८, को ९ दिसम्बर २०२१ के पहले से शारीरिक समस्या होने लगी थी, लेकिन ९ दिसम्बर २०२१ को मेरे आँखों का पीलापन काफी दिखा, पेशाब में पीलापन, भूख न लगना, पेट में भारीपन। हम गोसाईगंज (अयोध्या) ले गये, वहाँ पर एलएफटी जाँच हुयी जाँच में बिल्यूर्बिन ६.५ आया। बताया गया कि इन्हें लीवर की समस्या है। ये शराब बहुत ज्यादा पीते थे, गोसाईगंज में २ दिन भर्ती रखा, कोई आराम नहीं हुआ तो वहाँ से रिफर कर दिया गया।

       फिर डॉ. अनुराग वाजपेयी अयोध्या बाईपास फैजाबाद ले गये, वहाँ पर ८ दिनों तक भर्ती रखा, लेकिन कोई लाभ नहीं अब जाँच में बिल्यूर्बिन ६.५ से बढ़कर १३.५ हो गया।

       हम सब परेशान और हमें भय लगने लगा कि अब क्या होगा। सब लोग घबराकर पिता जी (प्रकाशचन्द्र) को किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ ले गये, वहाँ ८ दिनों तक भर्ती रखा, जब जाँच आयी तो- बिल्यूर्बिन १३.५ से बढ़कर २५.६, एएलपी ३७४.६ आ गया।

       डॉक्टरों की टीम ने लीवर ट्रांसप्लांट के लिए बोल दिया, अब तो हम और डर गये, उसी समय पिता जी को देखने इनके परिचित के साथ उनके मित्र भी आये, उन्होंने आयुर्वेद के डायरेक्टर साहब प्रो.एस.एन.सिंह से बात की वे उनके परिचित थे, डायरेक्टर साहब ने चित्रकूट में डॉ. वाजपेयी और आयुष ग्राम चिकित्सालय का पता दिया। संयोग देखिए यहीं से हमारी बुआ विजयलक्ष्मी अपनी किडनी फेल्योर का उपचार करवाकर डायलेसिस से बची हैं, ठीक हैं।


➤       २९ दिसम्बर २०२१ को हम पिता जी को आयुष ग्राम चिकित्सालय
, चित्रकूट लेकर आये, पहले पर्चा बना, कुछ खून की जाँचें हुयीं- हेमोग्लोबिन १२.४, सीरम बिल्यूर्बिन (टोटल) २२.४, यूरिन बिल्यूर्बिन (±±±) आया।

➤      अब ओपीडी नं.-२ में बुलाया गया, सर ने देखा और कहा कि जैसा मैं कहूँगा वैसी बात माननी पड़ेगी नहीं तो मैं इलाज नहीं करूँगा। हमने कहा सब मानेंगे, बस, एक आखिरी उम्मीद से आपके पास आया हूँ। सर ने कहा कि पहले १ हफ्ते देखते हैं जैसी जाँच आयेगी उसी तरह किया जायेगा, पिता जी को भर्ती कराया, केवल गाय के दूध पर इन्हें रखा गया, जब भी भूख-प्यास लगे तो केवल गीर गाय का दूध साथ में पंचकर्म तथा दवाइयाँ। पिता जी अपने आप को स्वस्थ महसूस करने लगे और उम्मीद भी बढ़ती गयी। पेट का भारीपन और पानी खत्म हो गया, कमजोरी चली गयी, आँखों का पीलापन ८०% से ज्यादा हट गया, एलोपैथिक दवायें जिस दिन से चित्रकूट आये थे उसी दिन से बन्द हो गयीं थीं।

       हमें आज डेढ़ माह पूरे हो रहे हैं हम डिस्चार्ज हो रहे हैं। अभी भी गौदुग्ध दिया जा रहा है लेकिन गौदुग्ध के अलावा और कुछ खाने-पीने का मन भी नहीं कर रहा है और गौदुग्ध से मुझे काफी ताकत महसूस हो रही है।

               १३ फरवरी २०२२ की जाँच में हेमोग्लोबिन १३.५, सीरम बिल्यूर्बिन (टोटल) ८.६, एएलपी १९४.९ हो गया।

                आयुष ग्राम चित्रकूट में रोज डॉ. अर्चना वाजपेयी एम.डी. (मेडिसिन-आयुर्वेद) राउण्ड में आतीं, पंचकर्म लिखतीं। बहुत अच्छी चिकित्सा का तरीका। जब पहली बार जाँच हुयी तो बिल्युर्बिन घटकर आया और भी सब पैरामीटर कम होने लगे।

                मेरे पिता जी लीवर ट्रांसप्लांट से बच गये, हम क्या कह सकते हैं। हम कितने खुश हैं बता नहीं सकते। हम सब आयुष ग्राम चित्रकूट परिवार का कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं। मैं तो कहता हूँ कि कोई भी लीवर, किडनी की समस्या से परेशान हो वह आयुष ग्राम चित्रकू, अवश्य जायें।

- राजशेखर तिवारी पुत्र श्री प्रकाशचन्द्र तिवारी पता- भगोला, सोनारा, अम्बेडकर नगर (उ.प्र.)

चिकित्सा व्यवस्था -
    देवव्यापाश्रय चिकित्सा- नित्या यथासंभव यथाशक्ति स्नान , ध्यान ,जप , योग , प्राणायाम , सकारात्मक चिंतन , शांति हेतु व्यर्थ की चर्चायेँ बंद, ईश्वर नाम जप, हवन, रुद्रभिषेक।
➤    पंचकर्म में- युक्तिव्यापाश्रय चिकित्सा - यापना बस्ति और वासाघ्रत से स्नेहन और सामान्य विरेचक द्रव्य का प्रयोग । चूंकि प्रकाश जी के मद्धपान के कारण ओज विक्रति कामला (पीलिया) की उत्पत्ति हुई अतःआहार मे केवल गोदुग्ध लिखा गया अन्य सभी वस्तु का निषेध कर दिया गया । क्यूंकी मद्धापान के विकारो का नाशक सह पित्त शामक द्रव्यों मे गोदुग्ध से उत्तम अन्य कोई वस्तु नहीं है। सूत्रकार कहते हैं-
स्वादु शीतम स्निग्धम बहलं श्लक्षणपिच्छिलं।
गुरु मंत्रम प्रसन्न च गव्यम दशगुणम पय:॥
                                                            तदेवम गुणमेवौज: सामान्यादभिवर्धयेत।                                                                                                                         च0 सू0 27/217-218 ➤    यांनी गोदुग्ध रस मे स्वादु , वीर्य मे शीत , गुण मे म्रदु , स्निग्ध, बहल, श्लक्षण, पिच्छिल, मन्दऔर प्रशान्न इन दशगुण से युक्त हैं।
➤    औषधि व्यवस्था-- अभ्रक भस्म शतपुटी, मुक्तापिष्टि 3 ग्राम , प्रवालभष्म 10 ग्राम , यौगेश्वर रस 2 ग्राम , और बसंत कुसुमाकर रस 2 ग्राम सभी घोंट कर 14 मत्राए 1-1 मात्रा मधु से दिन मे 2 बार ।
    भू धात्री कषाय 20 मि॰ ली॰ शीशम पत्र स्वरस10 मि॰ली॰कुटकीपटोलादीकषाय 10 मि॰ली॰ का मिश्रण दिन मे 2 बार।
    अणु तैल 2-2 बूंद नस्य दिन मे 3 बार भूमिआवला, कुटकी , कालमेघ , चिरायता का वस्त्रपूत चूर्ण 3-3 ग्राम हर 3 घंटे मे।
  जांच में सकारात्मक रिपोर्ट
    9 जनवरी 2022 को रक्त परीक्षण कराया गया तो बहुत ही उत्साह वर्धक रिपोर्ट आयी- सीरम विल्यूर्बिन 22.4 से घाट कर 18.5 फिर 13 फरवरी 2022 को हुमोग्लोबिन 13.5 सीरम बिलयूर्बिन 8.6 एसजीपीटी 128॰0 एसजीओटी 199.7 एएलपी 194.9 तथा सीआरपी 29.9 हो गया ।
➤    रिपोर्ट आने पर सब प्रसन्न हुये 13 फरवरी को श्री प्रकाश चन्द्र तिवारी जी को डिस्चार्ज दे दिया गया ।
तत्पश्चात 1 मार्च 2022 को तिवारी जी ने अयोध्या मे जांच कराई तब सीरम बिलयूर्बिन 2.0 निकला आज तिवारी जी पूर्णतः स्वस्थ ओर आनंदमय जीवन यापन कर रहे हैं ।
आभार
    हम यह बात गर्व से कह सकते हैं कि मेरी पुत्रवधु डाक्टर अर्चना वाजपेयी एम॰डी॰ (मेडिसिन-आयु0) की चिकित्सालय मे महत्वपूर्ण भूमिका रही वे ही सम्पूर्ण पंचक्रम व आईपीडी संभालती हैं । हम उन्हे ओर काम करने और सीखने तथा निरंतर शास्त्र पढ़ने के लिए कहते रहते हैं और उनके साथ हमारी प्रशिक्षित आयुर्वेद नर्सेज बहुत दक्षता, साहस और अपनत्व पूर्वक कार्य करतीं हैं ।

    हम आपको बताते चले कि गुरु क्रपा से समय पर और अवसर मे 'शास्त्र वचन ' उपस्थित हो कर सहायता करता हाय तभी तो अर्जुन ओर कर्ण के अंतिम निर्णायक युद्ध के समय कर्ण को उनकी पढ़ी विद्या गुरु शाप वस कर्ण का साथ नहीं दे सकी तो उधर अर्जुन कि विद्या गुरु क्रपा वश बिलकुल साथ खड़ी हो जाती थी इसलिए हम आयुष चिकित्सकों को गुरु और शास्त्र क्रपा प्राप्त करने कि हम सलाह देते रहते हैं, हमेसा आयुर्वेद गुरु से प्राप्त "मंत्र" का नियमित और खूब जप करना चाहिए , बहुत चमत्कार मिलते हैं। यह हैं वैदिक चिकित्सा प्रभाव और उनकी वैज्ञानिकता ! बस अब अवस्यक हाय इसे जन-जन तक पाहुचनें की !
                                                                                                 - आचार्य डा0 मदन गोपाल वाजपेयी !



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*आयुष ग्राम चिकित्सालय* 

*(सुपर स्पेशयलिटी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल*)


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सूरजकुंड रोड (पुरवा मार्ग तरौंहा मार्ग )

चित्रकूट धाम (उ. प्र.) 210205

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