हार्ट का इलाज़ और किडनी फ़ेल

 हार्ट का इलाज़ और किडनी फ़ेल

मेरा नाम अमित कुमार है मेरे पिता श्री एस.के. सिंह उम्र 66 वर्ष, हम लोग उरई जालौन (उ.प्र.) के रहने वाले हैं। मेरे पिता जी आर्मी से रिटायर्ड हैं। मेरे पिता जी को 2019 में हार्ट अटैक आया, इसके बाद ओपेन सर्जरी करवाई, दवायें चलती रहीं। उसी समय से हाई ब्लडप्रेशर व थायरॉयड की भी समस्या बन गयी, उसकी भी तभी से दवायें चल रही थीं। सबसे पहले उरई में डॉ. राजपूत जी को दिखाया गया, उस समय अचानक मेरे पिता जी की यूरिन अपने आप से पास आउट हो जा रही थी, फिर कुछ जाँचें हुयीं, तो उन्होंने वैâथेटर डाल दिया। फिर सर्जन डॉ. चन्द्रा साहब को दिखाया तो उन्होंने केएफटी की जाँच करवाई तो यूरिया, क्रिटनीन सब बढ़े हुए थे तो उन्होंने तुरन्त डायलेसिस के लिए लिख दिया। फिर उसी समय मेरे यहाँ एक सज्जन व्यक्ति के द्वारा आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला। तो हम ७ दिसम्बर २०२२ को पिता जी को लेकर आयुष ग्राम चित्रकूट पहुँचा। उस समय मेरे पिता जी का ब्लडप्रेशर बढ़ा रहता था, थायरॉयड की समस्या थी, कमजोरी, बहुत थी, एक बार बाईपास सर्जरी करवा ही चुके थे, रात्रि में ३०-४० बार पेशाब करने जाना पड़ता था। आयुष ग्राम चिकित्सालय में रजिस्ट्रेशन लेकर डॉ. साहब से मुलाकात की। डॉ. साहब ने कुछ जाँचें करवायीं और १ माह की दवायें दीं, मेरे पिता जी की १ माह की दवाओं से रिपोर्ट नार्मल आ गयी और मेरे पिता जी को ८० प्रतिशत से ज्यादा आराम मिल गया। मैं बहुत खुश हूँ कि मेरे पिता जी डायलेसिस से बच गये, एक बार तो हार्ट का ऑपरेशन करवाकर गलती कर ही चुका था, क्योंकि उस समय और कोई रास्ता नहीं समझ आ रहा था लेकिन अगर वह समस्या आज होती तो मैं कभी ऑपरेशन नहीं करवाता ये मुझे यहाँ आने के बाद से पूर्ण विश्वास हो गया कि मेरे पिता जी उस चीड़-फाड़ से भी बच जाते। मेरे पिता जी जो १ माह पहले अपने से २ मिनट बैङ्ग नहीं पाते थे आज वह पूरे रास्ते गाड़ी में बैङ्गकर और आपस में बातें करते हुये आये हैं। मैं सर को कोटि-कोटि प्रणाम करता हूँ। आयुष ग्राम चिकित्सालय एक अस्पताल ही नहीं है बल्कि जीवनदान देने वाला एक दिव्य स्थान है। अपने पूरे उत्तर प्रदेश में। - अमित कुमार पुत्र श्री एस.के. सिंह हाउस नं.-२७०१, पटेल नगर, नियर जल निगम ऑफिस उरई, जालौन (उ.प्र.)

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