स्ट्रैचर में आई महिला का सफल इलाज

स्ट्रैचर में आई महिला का सफल इलाज


मैं सत्यनारायण मिश्रा, मेरी माँ श्रीमती राजकुमारी मिश्रा उम्र ५४ वर्ष, मझगवां सतना (म.प्र.) से हूँ। मेरी माँ को २०२० जुलाई माह में आँखों में समस्या हुयी, जानकीकुण्ड चित्रकूट लेकर आये, यहाँ पर जाँच में शुगर बढ़ा पाया गया, पहले शुगर कण्ट्रोल कराने के लिए लिखा गया, इसके लिए सतना में इलाज चला, लगातार एलोपैथ की दवा शुगर के लिए लेनी पड़ती थी। नवम्बर २०२१ में बुखार, उल्टियाँ, पतले दस्त की समस्या हुयी तो पुष्पांजली नर्सिंग होम सतना में २ दिनों तक भर्ती रखा गया, आराम न मिलने पर नागपुर (स्टार सुपरलिटी) रिफर कर दिया गया, वहाँ पर जाँचें हुयीं तभी किडनी की समस्या का पता चला। ५ दिनों तक आईसीयू में भर्ती रखा गया और ३ दिन प्राइवेट रूम में और डॉक्टर ने कहा कि जरूरत पड़ने पर डायलेसिस भी करनी पड़ सकती है। नागपुर में मेरी माँ का १ साल तक लगातार इलाज चला, कुछ आराम मिला। फिर मई २०२२ में हाई ब्लडप्रेशर व उल्टियों की समस्या बन गयी, तुरन्त सतना में डॉ. राजेन्द्र नायक को दिखाया गया, उन्होंने कहा कि तुरन्त डायलेसिस करानी पड़ेगी लेकिन मैं कुछ दवायें लेकर घर आ गया, अम्बाला में १५-२० दिन होम्योपैथिक इलाज भी चलाया गया। लेकिन कोई आराम नहीं मिला। बड़ौदा में भी जाँचें करवाई, वहाँ भी डायलेसिस के लिए ही बोला गया। फिर मेरे पिता जी ने राजापुर के हटवा गाँव के वैद्य जी के पास भी दिखाया, उनकी २० दिनों की दवाओं से कुछ आराम तो मिला लेकिन मेरी माँ दवायें समय से नहीं लेती थीं। फिर मेरी मौसी के लड़के के द्वारा आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला। मैं १० जनवरी २०२३ को आयुष ग्राम चित्रकूट में माँ को लेकर पहुँचा, उस समय मेरी माँ स्टेचर में आई थी, कुछ भी खाने-पीने से तुरन्त उल्टी हो जाती थी, यहाँ तक कि पानी भी नहीं पी पाती थी, कमजोरी बहुत ज्यादा थी, डायलेसिस सुनकर पूरा परिवार मेरा घबराया हुआ था। मुझे और मेरी माँ को डॉ. अर्चना वाजपेयी जी के पास बुलाया गया, उन्होंने सभी पुरानी जाँचें देखकर और जो उस समय मेरी माँ की कण्डीशन देखकर तुरन्त इमरजेन्सी में आवासीय चिकित्सा करवाई, समय-समय से दवायें व चिकित्सा की गयीं, मेरी माँ को तीसरे दिन की दवाओं से पूर्णत: उल्टियाँ बन्द हो गयीं, ७ दिन बाद खूब अच्छी भूख लगने लगी, ऊपर-नीचे उतर-चढ़ पाने लगी। आज मुझे २८ दिन आवासीय चिकित्सा करवाते हो गये, इस समय मेरी माँ को शारीरिक रूप से पूर्णत: आराम लग रहा है, पैथालॉजिक भी पहले से काफी अच्छा है। मैं स्वयं सीआरपीएफ से रिटायर्ड हूँ, मेरा भाई भी सेना में ही है, मैं चाहता तो अपने डिपार्टमेण्ट में नि:शुल्क इलाज करवा सकता था, लेकिन मुझे तो अपनी माँ को डायलेसिस से बचाकर स्वस्थ करना था तो मुझे इस हॉस्पिटल से ज्यादा अच्छा कोई और स्थान लगा ही नहीं। आज मेरा विश्वास जो पहले से ही था वह पूरा हो गया और मेरी माँ बिना डायलेसिस के स्वस्थ हैं। मैं गुरु जी को सादर प्रणाम करता हूँ, गुरु जी को भगवान् लम्बी आयु प्रदान करे जो सेवा कार्य करके रोगियों को जीवन प्रदान कर रहे हैं।
- सत्यनारायण मिश्रा, मेरी माँ श्रीमती राजकुमारी मिश्रा मझगवां सतना (म.प्र.)

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