धन्वंतरि पीठ आयुष ग्राम (न्यास ) चित्रकूट में
शक्ति उपासना का अनुष्ठान : सहस्त्रचण्डी महायज्ञ और 5100 राम रक्षा स्तोत्र का पाठ
धन्वंतरि पीठ: आयुष ग्राम (न्यास ) के संस्थापक आचार्य डॉ॰ मदन गोपाल वाजपेयी हैं, माँ की साधना का श्रेष्ठ काल है नवरात्रि।
उनमे भी आश्विन नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण है।
माँ के नौ रूप नौ दिनों में पूजित होते है।
सबका आदिशक्ति रूप गायत्री हैं। तीन रूपों में ही सरस्वति श्री लक्ष्मी क्लीं काली हैं।
इन्हें ब्राह्मणी वैष्णवी शिवानी शक्ति रूप में त्रिदेव की शक्ति बनी संसार की सभी शक्तियां इनकी ही प्रति छाया है।
या देवी सर्व भूतेशु शक्ति रूपेण संस्थित,,। दुर्गा सप्तशती में कहा गया।
गायत्री की साधना माँ के रूप मे अति सहज और कल्याण कारी है।
वहीं तांत्रिक वाम मार्गी उतनी कठिन और शक्ति शाली हैं जिसके आगे परमाणु बम भी लघु हैं।
ब्रह्मा जी इसी मंत्र के सर्व प्रथम दृष्टा हैं।
अपरिमित शक्ति पाकर सृष्टि बनाई।
गौतम ऋषि को अक्षय पात्र विश्वामित्र को नयी सृष्टि बनाने वसिष्ठ को भगवान का गुरु बनने गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य को नवयुग अवतरण 3200 पुस्तके लिखने का अपरिमित ज्ञान गायत्री मंत्र की विशेष साधना से ही मिली।
गायत्री साधना ब्राह्मण बनकर करने का विधान है,अर्थात ब्राह्मण के जो सद्गुण परोपकार ताप इंद्रिय निग्रह शुद्धता जीवन की पवित्रता के साथ करने पर शीघ्र लाभ मिलेगा।
समान्य जन को इस स्तर तक पहुचने में कुछ समय अतिरिक्त लग सकता है, पर गायत्री साधना कभी निष्फल नहीं जाती।
सामूहिक साधनाएं और जल्दी फल देती हैं। व्यक्तिगत साधना जहां व्यक्तिगत कल्याण करती है।
सामूहिक समाज राष्ट और साधनाएं विश्व कल्याण के लिए होती है।
इनके लिए कड़ी नियमावली जो साधना की होती है उसमे छूट रहती हैं।
आयुष परिवार की साधनाएं लोक मंगल राष्ट निर्माण हेतु है। इसलिए कुछ शिथिल नियमो के साथ भी संपादित की जाती है।
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