भयंकर अल्सरेटिव कोलाइटिस में कुछ सफल प्रयोग



 भयंकर अल्सरेटि कोलाइटिस  में कुछ सफल प्रयोग  

योग नं.- 1.    नागकेशर चूर्ण, छोटी दूधी (यूफार्बिया थाइमिफोलिया) का सूखा पंचाग, अतीस असली और अपामार्ग की सूखी मूल सब बराबर-बराबर लेकर मिलाकर कूटकर चूर्ण बना लें (मशीन में न पीसें)। 1-1 चम्मच चूर्ण दिन में 2 बार भोजन के पूर्व थोड़े छाछ से लें। 6 माह तक सेवन करने से अल्सरेटिव कोलाइटिस जड़ से मिट जाता है। पूरी नींद लें।

योग नं.- 2.    राल, नागकेशर, छोटी हरड़, सभी बराबर-बराबर लेकर मिलाकर चूर्ण कर लें। 1-1चम्मच चूर्ण भोजन के बाद दिन में 2 बार उबालकर छानकर ठण्डा किए जल के अनुपान से सेवन करते रहने से अल्सरेटिव कोलाइटिस में लाभ होता है।

योग नं.- 3.    बला मूल, नागकेशर, गिलोय और अतीस (असली) सभी को बराबर-बराबर मिलाकर चूर्ण कर लें। 1-1 चम्मच चूर्ण भोजन के बाद दोनों समय सेवन करने से अल्सरेटिव कोलाइटिस में लाभ होता है।

योग नं.- 4.    मेंहदी के फूल और भृंगराज पंचाग छाया में सूखाकर दोनों बराबर-बराबर, लौंग 5% मिलाकर चूर्ण कर लें।1-1 चम्मच चूर्ण भोजन के बाद दिन में 2 बार सेवन करने से अल्सरेटिव कोलाइटिस मिट जाता है।

योग नं.- 5.    गोरखमुण्डी पंचाग, नागकेशर चूर्ण, आम के बीज की मींगी और जामुन की गुठली सभी बराबर-बराबर लेकर चूर्ण कर लें। इस चूर्ण में 1% असली केशर मिला लें। 1-1 चम्मच चूर्ण भोजन के बाद तक्र के अनुपान से सेवन करने से यह बीमारी धीरे-धीरे मिट जाती है।

योग नं.- 6.    कमलगट्टा की मींगी, कमल पुष्प और कमल केशर सभी 100-100 ग्राम, नागकेशर 25 ग्राम और बला मूल 50 ग्राम। सभी मिलाकर चूर्ण कर लें। 1-1 चम्मच दिन में 2 बार भोजनोत्तर। सौंफ अर्क  30 मि.ली. बराबर जल मिलाकर सेवन करते रहने से अल्सरेटिव कोलाइटिस में लाभ होता है।

योग नं.- 7.    बोलबद्ध रस, अभ्रक भस्म शतपुटी, गिलोय सत्व 10-10 ग्राम, खदिर सार 20 ग्राम सभी को घोंटकर 1-1 ग्राम की पुड़िया बना लें। 1-1 पुड़िया सुबह-शाम उबले हुए जल के साथ सेवन करने से अल्सरेटिव कोलाइटिस मिट जाता है।

योग नं.- 8.    बेलमूल की छाल, आरग्वध के जड़ की छाल, आरग्वध के फूल (छाया में सूखे), काचनार के छाया में सूखे पल सब बराबर-बराबर लेकर चूर्ण करके रख लें। 1-1 चम्मच यह चूर्ण और हरीतकी चूर्ण 250 मि.ग्रा. मिलाकर भोजनोत्तर सेवन करते रहने से 1 वर्ष में अल्सरेटिव कोलाइटिस मिट जाता है।

योग नं.- 9.    तिन्दुक बीज, प्रियाल (चिरौंजी) बीज, मेंहदी के पत्ते और भूमिआँवला पंचाग सभी को मिलाकर चूर्ण कर लें। 1-1 चम्मच चूर्ण भोजन के पूर्व सेवन करते रहने से अल्सरेटिव कोलाइटिस में लाभ होता है।

योग नं.- 10.   तगर, कुटज, बिल्वगिरि, अतीस, नागरमोथा और नागकेशर सभी बराबर मिलाकर अच्छी तरह चूर्ण कर लें। 5-5 ग्राम दिन में 2 बार खाना के बाद फाँक कर गरम पानी से लेना है या 10 ग्राम यह योग (जौ कुट) 100 मि.ली. पानी में पकायें जब 40 मि.ली. पानी बचे तो उतारकर छानकर सुबह खाली पेट लें। ऐसे ही मात्रा तैयार कर रात में सोते समय लेना है। अल्सरेटिव कोलाइटिस मिट जाता है।

योग नं.- 11.   जामुन के जड़ की छाल 100 ग्राम, अतीस असली 100 ग्राम और बिल्व मूल त्वक् सभी मिलाकर अच्छी तरह चूर्ण कर लें। 5-5 ग्राम दिन में 2 बार भोजन के 30 मिनट बाद उबालकर ठण्डा किए जल के अनुपान से। लम्बे समय तक अल्सरेटिव कोलाइटिस के रोगी में लाभ होता है।

नोट- अतीस जड़ी-बूटी में बहुत मिलावट है, रुपये 200/- से रुपये 10,000 प्रति किलो तक मूल्य बाजार में लिया जा रहा था अनुभवी ही अतीस की सही पहचान कर पाता है।







  डॉ. अर्चना वाजपेयी ,एम.डी.(मेडिसिन आयु.)  

चिकित्सा पल्लव अगस्त 2022 

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