सभी गठिया रोगियों का हो सकता है उद्धार : आयुष
ग्राम चित्रकूट से!!
➽ मैं
विजय कुमार गुप्ता, निवासी- १५०, बहादुर नगर, लखीमपुर खीरी (उ.प्र.) से। मेरी पत्नी
सुमनलता को १० सालों से खूनी बवासीर की समस्या थी और टान्सिल की भी समस्या थी,
काफी
एलोपैथिक दवायें भी खायीं पर कोई लाभ नहीं मिला। इधर ५ साल पहले सभी जोड़ों में
दर्द व सूजन होने लगी, गठिया की बीमारी हो गयी, जाँच करवाने पर
आ.ए. पॉजिटिव, सी.आर.पी. बढ़ा हुआ। हाथ व पैर भी टेढ़े होने लगे
थे। जोड़ों-जोड़ों में सूजन हो गयी।
➽हमारे
भारत का दुर्भाग्य है कि हर बीमारी में लोग पहले एलोपैथ में ही जाते हैं, दूसरी
बात यह है हर जगह सफल, सब तरह से सम्पन्न आयुर्वेद के अच्छे हॉस्पिटल
भी नहीं हैं। तो सबसे पहले पलिया के डॉक्टर कपूर को दिखाया वहाँ पर पेन किलर
दवायें व इंजेक्शन भी लगते थे, कुछ तो आराम मिल जाता था, धीरे-धीरे
बिल्कुल असहाय व विकलांग होती चली गयीं, इतना दर्द रहता था कि चिल्लाती थीं कि
मुझे बचा लो। फिर पीजीआई का भी इलाज कराया पर जब तक दर्द की दवा तब तक आराम रहता
था। तभी पलिया (लखीमपुर खीरी) के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति पाण्डेय जी (जो शिक्षक
हैं) द्वारा आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट
ले जाने की सलाह दी गयी। हम लोग गाड़ी में फिर स्ट्रेचर लादकर चित्रकूट ले गये।
➽२४
सितम्बर २०२१ को आयुष ग्राम चित्रकूट
पहुँचे, इन्हें ट्रामाडोल और केट्रान इंजेक्शन दिया जाता था तब भी दर्द के
कारण चिल्ला रही थी, अपने आपसे चल तक नहीं पाती थीं, सहारे
से चलना पड़ता था। न तो दर्द के कारण नींद आती थी, पेट साफ नहीं
होता था।
➽वहाँ
पर्चा बनाया हमारा नम्बर आया, सर ने देखा और कहा कि समय डेढ़ साल
लगेगा, परहेज करना होगा। अभी उम्र कम है अत: ये चल देंगी, अभी
इम्युनिटी है इनकी। परहेज करना पड़ेगा, चिकित्सा होगी, आप बिल्कुल
स्वस्थ हो जायेंगी। उस समय सिर्फये दर्द की दवा माँग रही थी दे दो जिससे दर्द कम हो जाये।
➽इलाज
शुरू हुआ। सर ने कहा कि आप जो पेन किलर देते हैं वे अभी देते रहें जैसे ही यहाँ की
चिकित्सा का प्रभाव होने लगेगा स्वत: ये पेन किलर नहीं मागेंगी। बिल्कुल ऐसा ही
हुआ,धीरे-धीरे आराम मिलने लगा, ६ माह इलाज कराते हो गये अब कोई भी पेन
किलर नहीं लेनी पड़ती है और जाँच करवाने पर आर.ए. निगेटिव आ गया, सी.आर.पी.
घट गया।
हम
बहुत खुश हैं, जहाँ हम हिम्मत व उम्मीद दोनों छोड़ चुके थे
वहीं आज आयुष ग्राम चित्रकूट
की स्पेशल चिकित्सा से चलने लगीं, पेन किलर बन्द हैं। हाथ-पाँव सीधे होने
लगे हैं, अभी तो एक साल तक ट्रीटमेण्ट करना है। मैं कहता हूँ कि पूरा विडियो
सुने और मेरे जैसा कोई रोगी हो तो आयुष ग्राम चित्रकूट पहुँचे।
- श्री विजय कुमार गुप्ता (मेडिकल व्यवस्थापक),
निवासी-
१५०, बहादुर नगर, लखीमपुर खीरी (उ.प्र.)
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