किडनी खराबी में माँ को ऑक्सीजन लगाकर लाये थे आज चलाकर ले जो रहे हैं!!
ज्ञान प्रकाश तिवारी, मेरी माता श्रीमती शकुन्तला तिवारी उम्र 70 साल, हम लोग सतना (म.प्र.) के रहने वाले हैं, मेरी माँ शकुन्तला 2017में आंगनबाड़ी विभाग से रिटायर्ड हैं। इन्हें अचानक 28 दिसम्बर 2021 को दस्त होने लगे, माता जी खागा (फतेहपुर) में अपनी बेटी के लड़के के पास थीं, वे लोग खागा (फतेहपुर) में प्राइवेट हॉस्पिटल ले गये वहाँ पर 1 दिन भर्ती रहीं, दूसरे दिन वहाँ से रिफर कर दिया गया।
फिर हम लोग प्रयागराज के नाजरथ हॉस्पिटल ले गये, वहाँ जाँचें हुयीं, किडनी की खराबी बतायी, जाँच के बाद डायलेसिस के लिए कहा लेकिन हम लोग डायलेसिस के लिए मना कर दिया।
फिर मैंने नाजरथ हॉस्पिटल से ऑक्सीजन वाली एम्बूलेंस की और सीधे चित्रकूट धाम उत्तर भारत के सबसे बड़े आयुष ग्राम चिकित्सालय रात 8:30 बजे पहुँचे, क्योंकि इस हॉस्पिटल में इमरजेन्सी से इमरजेन्सी रोगी ठीक होते हैं मुझे पता था। हॉस्पिटल बन्द हो चुका था, सिर्फ भर्ती रोगियों के लिए इमरजेन्सी में दूसरे डॉक्टर थे। उस समय माता जी 4
दिनों बेहोश थीं, ऑक्सीजन लगी थी, उल्टी-दस्त हो रहे थे। माता जी बिल्कुल एक लाश की तरह थी। यहाँ स्ट्रेचर से लाया गया, ऑक्सीजन और नाड़ी कम थी।
सर ने देखा और माता जी को 2 सप्ताह के लिए भर्ती किया, तुरन्त दवायें बनवायी गयीं और नर्स ने स्वयं दवायें खिलायी रात में ही माता जी के पैर में लगी वीगो को निकाला दूसरे दिन 31 दिसम्बर 2021 को कुछ जाँचें करवायी गयीं, जाँच में- हेमोग्लोबिन 8.8, क्रिटनीन 8.6, यूरिया 156.8, यूरिक एसिड 9.2, कैल्सियम 8.3 सोडियम 156 पोटेशियम 5.7 फास्फोरस 8.4 सीआरपी 28.4 यूरिन में एल्ब्यूमिन (±±±) आया।
दवायें चलीं, पंचकर्म हुआ। दूसरे दिन होश आ गया, दस्त बन्द हो गये, उल्टियाँ भी 2-3 दिनों के बाद पूरी तरह बन्द हो गयीं।
12- 13 दिनों के बाद खूब अच्छे से चल-फिर पाने लगीं, आज ३ सप्ताह हो गये, पंचकर्म और आयुर्वेद चिकित्सा से माता जी खूब खाने-पीने लगीं, अब सीढ़ियाँ भी चढ़ने लगीं। बहुत अच्छा परिणाम आया।
19 जनवरी 2022 को जाँच हुयी तो- हेमोग्लोबिन 8.9, क्रिटनीन 2.9 , यूरिया 88.6, यूरिक एसिड 6.8, फास्फोरस 6.4, एल्ब्यूमिन (±) आ गया, सोडियम, पोटेशियम, कैल्सियम सब नार्मल हो गया।
हमारी खुशी का आप सब अनुमान लगा सकते हैं कि वे मौत के मुख से निकल आयीं, जिनको 4 दिनों से होश ही नहीं था, एलोपैथ में उल्टी-दस्त बन्द नहीं कर पा रहे थे, वहीं आज 3 सप्ताह में खूब चला-फिरा दिया 10 साल पीछे 60 साल की उम्र में थी ऐसी हो गयीं।
मैं यही कहना चाहूँगा कि मेरी माता जी को धन्वन्तरि भगवान ने साक्षात् डॉ. साहब के रूप में आकर यहाँ बचाया है। आयुष ग्राम चिकित्सालय चित्रवूâट में मैंने देखा कि यहाँ ऐसे-ऐसे प्राचीन, वैदिक, शास्त्रोक्त रसौषधियाँ, कल्प हैं जो मरते को बचा लेते हैं।
- ज्ञानप्रकाश तिवारी पुत्र श्री शिवमूरत तिवारी, महदेवा वर्ग क्र.-30, सतना (म.प्र.)
9179574484 , 9039181483
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