➡ मेरी किडनी में बहुत ही सुधार हुआ : आयुष ग्राम चित्रकूट से!!
➡फिर मुझे ४-५ माह दवा बन्द हुयी तो पूरे शरीर में सूजन आ गयी, पैरों में दर्द, कमजोरी, बेचैनी रहने लगी। तभी मैं डॉ.एम.एन. सिंह को फोन लगाया उन्हें सारी समस्यायें बतायीं, तो उन्होंने कहा कि लगातार दवा खाते रहिये, आराम मिलेगा, लेकिन कोई आराम नहीं मिला, ४-५ महीने हम लोग ऐसे ही करते रहे।
➡२२ अक्टूबर २०२१ को हम लोग आयुष ग्राम चित्रकूट में अपनी माता जी के साथ आये, उस समय काफी समस्यायें थीं- पैरों में सूजन, पेट व चेहरे में सूजन, पेशाब से झाग निकल रहा था, पेशाब कम होती थी, पेट साफ नहीं रहता था आदि समस्याओं के चलते मुझे सम्बन्धित ओपीडी नं.-५ में ले गये वहाँ पर डॉ. अर्चना वाजपेयी (एम.डी. काय चिकित्सा) के पास भेजा गया उन्होंने देखा और सारी जाँचें करवायी।
➡२२ अक्टूबर २०२१ की जाँच में यूरिया ४८.९, क्रिटनीन २.६, यूरिक एसिड ८.५ आया। उन्होंने कहा कि आप परेशान न हों आप धैर्य रखिए, यहाँ पर आपको १५ दिन रहना होगा।
➡हम भर्ती हो गये, एकदम प्राकृतिक और शांत वातावरण, स्वर्ग जैसा स्थान, लगता ही नहीं कि अस्पताल है। बहुत बड़ा आयुर्वेद का अस्पताल। पंचकर्म और उपचार शुरु हुआ तो २-३ दिन से आराम मिलने लगा, पंचकर्म चिकित्सा व पथ्यापथ्य का पालन किया गया।➡२९ अक्टूबर २०२१ को पुन: जाँच करायी तो यूरिया ३४.६, क्रिटनीन १.२, यूरिक एसिड ६.८, अल्फलाइनट फास्फेट ३९८.५ आया।
➡अब मुझे पेशाब में कोई समस्या नहीं है, पेट का दर्द व सूजन सब ठीक है, पूरे शरीर की सूजन पूरी तरह से ठीक है, भूख भी लगने लगी, कमजोरी भी ठीक है, इस समय ७०³ आराम है।
➡मैं डॉ. अर्चना वाजपेयी जी को धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने कहा था आप धैर्य रखिए। मैं आयुष ग्राम चित्रकूट आकर बहुत ही स्वस्थ हूँ, यह उत्तर भारत का बहुत बड़ा आयुर्वेद हॉस्पिटल है, एकदम शांत, सरम्य और पवित्र स्थान में है। यहाँ अस्पतालों जैसी गन्दगी, बदबू, रोना-पीटना, अशांति है ही नहीं। आधा रोग तो यहाँ आते ही मिट जाता है। मैं यहाँ की व्यवस्था से संतुष्ट हूँ, मुझे यहाँ आकर बहुत आराम मिला। मेरी बात आप सब जगह पहुँचायें।
➡सौरभ सिंह नगरा, बलिया (उ.प्र.)
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी
एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
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