➡ब्लैक फंगस में आशातीत लाभ आयुष ग्राम चित्रकूट से!!

 ब्लैक फंगस में आशातीत लाभ आयुष ग्राम चित्रकूट से!!
मेरा नाम रंजू देवी, मेरे ससुर जी श्री चन्दकिशोर (उम्र ६३), हम लोग जौदहा, अमेठी रायबरेली (उ.प्र.) के रहने वाले हैं। पिता जी किसान हैं।


सुज जी को मार्च २०२० में कोविड वैक्सीन लगी, इन्हें मधुमेह ४ साल से था ही, वैक्सीन के बाद से समस्या होने लगी, पेट में दर्द, आँखों में ब्लैक फंगस की समस्या होने लगी, आँखें पूरी तरह बन्द हो गयीं, दाहिनी आँख में धुँधला दिखाई देने लगा। उसी समय पेट में बहुत तेज दर्द होने लगा, तो घर के लोग इन्हें संजय गाँधी हॉस्पिटल अमेठी ले गये, वहाँ ७ दिनों तक भर्ती रहा। बुखार तो ठीक हो गया, लेकिन दाँतों में समस्या होने लगी, मसूड़े में पस पड़ने लगा, तो लखनऊ मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया, वहाँ पर ऑपरेशन किया गया, लखनऊ का इलाज १ माह ३ दिन तक चला पर आँख में कोई आराम नहीं मिला।

 





 अब ससुर जी के पेट में धीरे-धीरे ज्यादा समस्या होने लगी, ५-५ दिनों तक पेट साफ नहीं होता था। पेनकिलर व इंजेक्शन लगवा लगवाकर पिता जी परेशान हो गये थे। तभी मुझे मेरे गाँव के एक व्यक्ति के द्वारा चित्रकूट के आयुष ग्राम ट्रस्ट के आयुष ग्राम चिकित्सालय सूरजकुण्ड रोड, चित्रकूट का पता चला। 

हम लोग २० अक्टूबर २०२१ को ससुर साहब को आयुष ग्राम चित्रकूट लेकर पहुँचे, रजिस्ट्रेशन हुआ, फिर ओपीडी नं.-२ में ले गये, वहाँ सर ने देखा और कुछ जाँचें करवायीं, जाँच के बाद सर ने बताया कि तुम्हारे पिता जी का यूरिया, क्रिटनीन भी बढ़ रहा है। यूरिया ५७.०, क्रिटनीन १.८, एएलपी ५७१.९, सीआरपी ५७.१ आया। उस समय मेरे ससुर जी चल नहीं पा रहे थे, कमजोरी बहुत ज्यादा थी, बायीं आँख से बिल्कुल दिखाई नहीं देता था, बिल्कुल बन्द थी, दायीं आँख से धुंधलापन दिखाई देता था, भूख नहीं लगती थी, ५-५ दिनों तक न ही पेट साफ होता था। दाँत का ऑपरेशन करवाकर आये थे लेकिन दाँत में दर्द फिर भी रहता था। सुगर की ४ वर्षों से समस्या थी




सभी अंग्रेजी दवायें चल रहीं थी, सर ने कहा कि १० दिनों तक भर्ती इन्हें यहाँ रखना होगा और बहुत लाभ होगा। मैंने इन्हें १२ दिनों तक भर्ती रखकर चिकित्सा करवाई, मेरे पिता जी जिस दिन हॉस्पिटल में आये थे उसी दिन से अंग्रेजी दवायें बन्द करवा दी गयीं थीं। मेरे ससुर जी को इन १२ दिनों में कम से कम ८०³ आराम मिल गया। 

आज वह अपने आप से चल लेते हैं, सीढ़ियाँ चढ़-उतर लेते हैं, कमजोरी बहुत हल्की रह गयी है, एक आँख आधी खुलने लगी और दूसरी आँख से दिखाई देने लगा, पेट के दर्द में पूर्ण आराम मिल गया, भूख भी अच्छी लगने लगी और पेट भी साफ होने लगा। सुगर नार्मल ही रहने लगा, बिना कोई अंग्रेजी दवा लिए बिना। शारीरिक रूप से आराम है। यूरिया, क्रिटनीन नार्मल आ गया।

मैं और मेरा पूरा परिवार बहुत खुश है कि मेरे ससुर जी को काफी अच्छा परिणाम मिला। मैं इस आयुर्वेद हॉस्पिटल के पूरे स्टॉफ को धन्यवाद देती हूँ, सभी लोग यहाँ के अध्यात्म से जुड़े हुए हैं, यहाँ का पूरा स्टॉफ सहानुभूति व ईमानदारी से अपना-अपना काम करते हैं, यहाँ का वातावरण बहुत ही शुद्ध है। यहाँ आने के बाद चिकित्सा के साथ-साथ अध्यात्म और स्वस्थ जीवनशैली से भी जुड़ाव हो जाता है। मैं तो कहती हूँ कि कोई भी यदि कठिन और पुराने रोग से पीड़ित हैं तो आयुष ग्राम चित्रकूट अवश्य ले जायें। 


रंजू देवी, जौदहा पंडित का पुरवा  (सलोन), रायबरेली (उ.प्र.)



डॉ मदन गोपाल वाजपेयी         आयुर्वेदाचार्यपी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी.साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद)एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
 प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन 

डॉ परमानन्द वाजपेयी                          एम.डी. (एस.&पी.मेडिसिन-आयु0)    
                             

  डॉ अर्चना वाजपेयी           एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)  


सरकार आयुष को बढ़ाये मानव का जीवन बचाये!!
     सरकार को फिर से भारत में अंग्रेजी अस्पताल और अंग्रेजी मेडिकल कॉलेजों की जगह अच्छे और समृद्ध आयुष संस्थान खोलने चाहिए तथा उनसे पूरी क्षमता से कार्य लेना चाहिए। इससे भारत का मानव हार्ट के ऑपरेशनछेड़छाड़ स्टेंट और डायलिसिस जैसी स्थितियों से बचकर और हार्ट को स्वस्थ रख सकेगा। क्योंकि हार्ट के रोगी पहले भी होते थे आज भी होते हैं और आगे भी होते रहेंगे। जिनका सर्वोच्च समाधान आयुष में है। आयुष ग्राम चित्रकूट एक ऐसा आयुष संस्थान है जहाँ ऐसे-ऐसे रस-रसायनों/ औषध कल्पों का निर्माण और संयोजन करके रखा गया है जो जीवनदान देते हैं। पंचकर्म की व्यवस्था एम.डी. डॉक्टरों के निर्देशन में हो रही हैपेयाविलेपीयवागू आदि आहार कल्पों की भी पूरी उपलब्धता है इसलिये यहाँ के ऐसे चमत्कारिक परिणाम आते हैं।









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