➡हार्ट के ऑपरेशन से बचा : समस्यायें मिटी आयुष ग्राम चित्रकूट से!!
➡मेरा नाम रामनारायण पटेरिया (उम्र ७७) हम वार्ड नं.-९, पंचायत मोहल्ला नौगाँव, शिव मंदिरबिल्हारी, छतरपुर (म.प्र.) से हैं। मैं स्वास्थ्य विभाग छतरपुर २००६ में रिटायर्ड हूँ।
➡ मुझे २५ साल पहले शुगर हो गयाी, तभी से अंग्रेजी दवायें खाने लगा।
➡सन् १९९५ में एक बार हार्ट अटैक आया, तो ग्वालियर में डॉ. डालमिया से इलाज करवाया। हमारे देश का दुर्भाग्य है कि बीमार होने पर हम अंग्रेजी दवा/अस्पताल के चंगुल में फस जाते हैं बस! वहीं से केस खराब होने लगता है, शरीर जर्जर होने लगता है। जबकि हमें पहले अपने देश के आयुर्वेद विज्ञान के अच्छे डॉक्टर/हॉस्पिटल का पता कर वहाँ जाना चाहिए। यह मैंने अब अनुभव किया।
➡फिर सन् २०२० में सीने में भारीपन व जलन के चलते मैंने फिर से डॉ. डालमिया को दिखाया, लगातार एलोपैथ इलाज चलता रहा।
➡मुझे अभी १ माह पहले सीने में दाह, पेट में भारीपन, खड़े होने में चक्कर आकर गिर जाने लगा, तो मैं पुन: डालमिया के पास पहुँचा, उन्होंने तुरन्त मेरी हालत देखकर एंजियोग्राफी करवाई, एंजियोग्राफी में ब्लॉकेज बताये और LVEF ३०³ बताया और कहा तुरन्त बाईपास सर्जरी की सलाह दी, मैं मना करके दवायें लेकर घर आ गया।
➡मेरे साले डॉ. एम.एल. तिवारी जी आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट के आयुष कार्डियोलॉजी और यहाँ के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. वाजपेयी और उनके स्टाफ को बहुत अच्छे से जानते हैं उनकी पत्नी का इलाज यहीं हुआ था और वे पूरी तरह ठीक हैं। जो सर को बहुत अच्छे से जानते हैं, वे मुझे आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट लेकर आये। बोले कि जीजा जी! न तो यहाँ पर चीर-फाड़ होगा न ऑपरेशन, न सुई-टाँका और जीवन बहुत अच्छा होगा।
➡मैं ७ नवम्बर २०२१ को आयुष ग्राम चित्रकूट पहुँचा, उस समय मैं चल नहीं पा रहा था, चक्कर खाकर गिर जाता था, श्वास फूलती थी, गले में खरास, कमजोरी, पदाशोथ, पेट साफ नहीं होता था। लगता था कि जीवन थोड़ा बचा है पर आयुष चिकित्सा से इतनी तेजी से सेहत सुधरी कि हम सब लोग दंग रह गये, यह कोई चमत्कार नहीं है बल्कि आयुष ग्राम जैसे सुपर स्पेशलिटी आयुर्वेद हॉस्पिटल के वैज्ञानिक ढंग से की जा रही चिकित्सा का सुपरिणाम है।
➡इन सबके चलते सर ने कहा आपको १० दिनों तक रहना होगा, हम विश्वास दिलाते हैं कि कि आपकी हार्ट अटैक से मृत्यु नहीं होगी। जबकि अंग्रेजी डॉक्टरों ने डरवाया कि किसी भी दिन कुछ हो सकता है। मेरे साले जी ने समझाया मैं रह गया और १० दिनों तक रहकर चिकित्सा ली। आज मेरे १० दिन पूरे हो गये, इस समय मुझे १००³ आराम महसूस हो रहा है।
➡मैं यहाँ के कर्मचारी व नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टर्स के बारे में क्या कहूँ मेरे पास तो इन सबकी बड़ाई के लिए शब्द ही नहीं। यहाँ का वातावरण व यहाँ की सात्विकता की बात ही क्या है। मैं खुद एक सरकारी हॉस्पिटल में अपने स्टाफ के कई लोगों के बीच में रहा हूँ, मैं एक अधिकारी रैंक पर था, मैंने आज तक इससे अच्छी जगह नहीं देखी। मैं कहता हूँ कि आप सभी जगह मेरी बात भेजें।
➡रामनारायण पटेरिया, वार्ड नं.-९, पंचायत मोहल्ला नौगाँव, शिव मंदिर बिल्हारी, छतरपुर (म.प्र.)
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
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