अस्पतालों के भटकाव और किडनी, लिवर, डिप्रेशन से छुटकारा मिला आयुष ग्राम चिकित्सालय चित्रकूट से !!

 अस्पतालों के भटकाव और किडनी, लिवर, डिप्रेशन से छुटकारा मिला आयुष ग्राम चिकित्सालय चित्रकूट से !!



मेरा नाम दिलीप कुमार गौड़ (उम्र ५४), मैं मवई ब्राह्मण (रसूलाबाद), उन्नाव (उ.प्र.) से हूँ, मैं विकास खण्ड ब्लाक गंज मुरादाबाद जनपद उन्नाव में पत्रवाहक पद में हूँ। 




मेरी कहानी बड़ी पीड़ायुक्त है मुझे ४ साल पहले बुखार आया, मैंने पास के डॉक्टर को दिखाकर दवायें ले लीं, आराम मिल गया। 
अब मुझे पेट में समस्या होने लगी, पेट में भारीपन, गैस पास नहीं होना, तो मैं लखनऊ के डॉ. मनीष टंडन को दिखाया वहाँ पर जाँचें हुयीं, जाँच लीवर में सूजन बताई गयी और किडनी में इंफेक्शन बताया गया, टंडन जी का २ माह तक इलाज चला, उसी बीच मुझे पेशाब के साथ खून आने लगा तो मैं तुरन्त मधुराज हॉस्पिटल, कानपुर गया वहाँ पर मुझे ९ दिन भर्ती रखा गया, वहाँ सारी जाँचें हुयीं तो वहाँ पर लीवर और किडनी में समस्या बतायी गयी। १ माह तक दवायें चलीं, खून तो आना बन्द हो गया लेकिन और सभी समस्याओं में आराम नहीं मिला।
फिर मैंने डॉ. राजेश अरोड़ा न्यूरोलॉजिस्ट लखनऊ में दिखाया तो वहाँ पर जाँच में कहा गया कि यूरिन ट्रैक्ट में टी.बी. की समस्या है तो ६ माह लगातार इलाज चला, आराम नहीं मिला, फिर बोले कि अगर आराम नहीं है तो ऑपरेशन करके छल्ला डालना पड़ेगा। मैंने ऑपरेशन नहीं करवाया और घर आ गया। 
तभी मुझे हरदोई में ले जाया गया, वहाँ पर भी लीवर में ही समस्या बतायी गयी, २ माह इलाज चला।
मैं सभी जगह दौड़-दौड़कर हताश हो गया और घर आ गया और सोचने लगा कि मेरा इलाज कोई नहीं कर पायेगा। 
फिर मुझे मेरे उन्नाव जिले के एक व्यक्ति बुजुर्ग जो अपने हार्ट का इलाज आयुष ग्राम चित्रकूट से कराकर स्वस्थ्य हैं के द्वारा आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला। 
मैं और मेरी माँ एक आखिरी आशा लेकर आयुष ग्राम सूरजकुण्ड रोड, चित्रकूट पहुँचे, वहाँ ओपीडी में मेरा रजिस्ट्रेशन हुआ, कुछ जाँचें करवायी गयीं फिर ओपीडी-२ में भेजा गया। सर ने सारी समस्यायें पूछीं, उस समय मुझे पेट में बहुत समस्या हो रही थी, पेट फूला-फूला रहता था, भूख नहीं लग रही थी, किसी काम में मन नहीं लगता था, श्वास फूल रही थी, पेट साफ नहीं होता था, गैस पास नहीं होती थी जिससे घबराहट, बेचैनी सी होने लगती थी, नींद नहीं आती थी, तनाव बना रहता था, किसी काम में मन नहीं लगता था, पेशाब में जलन और पीलापन बहुत रहता था, जाँच में किडनी में इंफेक्शन व लीवर में समस्या आई। 





आयुष ग्राम चित्रकूट में इस सभी समस्याओं के कारण मुझे तीन सप्ताह तक भर्ती रखने को कहा, तो मैं १ हफ्ते की दवायें लेकर घर आ गया और ७ दिन बाद फिर पहुँच गया। ३ सप्ताह रह गया, साथ में मेरी माँ भी थीं। मुझे भाग-दौड़ करते-करते डिप्रेशन भी था अत: कई बार लगता कुछ भी लाभ नहीं हो रहा, लगता है मर जाऊँगा। मेरी माँ भी परेशान। कई बार लगता था कि मैं भाग जाऊँ। पर माँ समझाती तो डॉक्टर साहब भी डॉटकर समझाते। 



आज मुझे ५ माह पूरे हो गये दवायें खाते अब मैं इस समय अपने को बहुत अधिक स्वस्थ महसूस कर रहा हूँ। मैं जो ४ सालों से दवायें खा-खाकर, जाँचें कराकर और हॉस्पिटलों के चक्कर काट-काटकर परेशान हो गया था फिर भी कोई परिणाम नहीं था और हालत खराब होती जा रही थी। 
मैं बहुत खुश हूँ और अपने अनुभव से सभी से यही कहना चाहता हूँ कि लोग अंग्रेजी अस्पतालों के चक्कर लगाते रहते हैं और अपने देश की प्राचीन और वैज्ञानिक चिकित्सा आयुर्वेद की ओर ध्यान नहीं देते, जबकि मैंने माना कि बहुत ही प्रभावशाली चिकित्सा है।
मैं बहुत भटका हूँ और लास्ट में ऑपरेशन तक की नौबत आ गयी और एलोपैथिक दवायें ले-ले कर अपनी किडनी और खराब कर ली लेकिन आज मैं बहुत स्वस्थ हूँ। नौकरी ज्वाइन कर लिया।


दिलीप कुमार गौड़, वी.डी.ओ. कार्यालय गंज मुरादाबाद, मवई ब्राह्मण (रसूलाबाद) उन्नाव (उ.प्र.)



डॉ मदन गोपाल वाजपेयी         आयुर्वेदाचार्यपी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी.साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद)एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
 प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन 

   डॉ अर्चना वाजपेयी    एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)

  डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी

डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी एक प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। शास्त्रीय चिकित्सा के पीयूष पाणि चिकित्सक और हार्ट, किडनी, शिरोरोग (त्रिमर्म), रीढ़ की चिकित्सा के महान आचार्य जो विगड़े से विगड़े हार्ट, रीढ़, किडनी, शिरोरोगों को शास्त्रीय चिकित्सा से सम्हाल लेते हैं । आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम, दिव्य चिकित्सा भवन, आयुष ग्राम मासिक, चिकित्सा पल्लव और अनेकों संस्थाओं के संस्थापक ।

इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।



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