➡यूरिया ३२५ से १०६, क्रिटनीन १२.८ से ६.९ आया! बच गये डायलेसिस से आयुष ग्राम चित्रकूट से !!
➡मैं जितेन्द्र पाल (उम्र २३) हम लोग देवरा दीवाना का पुरवा, पोस्ट- देवरा, प्रयागराज (उ.प्र.) से हैं।
➡दिसम्बर २०२० से बुखार, सिर में दर्द, भूख नहीं लगती थी, इसके चलते गाजियाबाद में जाँचें करवायीं, तो किडनी की समस्या का पता चला, फिर डॉ.डी.के. गुप्ता गाजियाबाद को दिखाया, उन्होंने जाँचें करायी, रिपोर्ट आने पर कहा कि आपको लगातार दवायें खानी पड़ेंगी। मैं २ माह एलोपैथिक दवा खाया तो शारीरिक रूप से बहुत समस्या होने लगी, उल्टी, बुखार, सिर में दर्द लगातार बना रहता था, कमजोरी, चक्कर, घबराहट, भूख नहीं लगती थी। हम लोग वहाँ से लेकर घर आ गये।
➡इसके बाद जून में स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज में दिखाय।
➡जुलाई २०२१ में पुन: गये, कोई आराम नहीं मिला, हम वहाँ से लेकर एम्स दिल्ली में दिखाया, वहाँ पर डॉ. सन्जे कुमार अग्रवाल, उन्होंने पुन: जाँचें करवायीं और कहा कि आप दो माह की दवा खाइये इसके बाद अगर क्रिटनीन कम नहीं होता तो आपको डायलेसिस करवाना पड़ेगा। दवा खाने से कोई आराम नहीं मिला, समस्या गम्भीर होती गयी। तो हम वहाँ से भी वापस आ गये।
➡इसके बाद पीजीआई लखनऊ में दिखाया, उन्होंने भी यही कहा कि आपको डायलेसिस करवाना पड़ेगा या ट्रांसप्लाण्ट करवाना पड़ेगा नहीं आपी ऐसी हालत में मौत हो सकती है। आप कभी नहीं ठीक हो पायेंगे। मैं और मेरा भाई बहुत परेशान होने लगे।
➡फिर मुझे एक दिन गाँव के ही एक व्यक्ति से मुलाकात हुयी, जिनका इलाज चित्रकूट के आयुष ग्राम ट्रस्ट के आयुष ग्राम चिकित्सालय सूरजकुण्ड रोड, चित्रकूट में चल रहा था वे आज बिल्कुल ठीक हैं के द्वारा आयुष ग्राम चित्रकूट का पता चला।
➡हम १४ अक्टूबर २०२१ को आयुष ग्राम चित्रकूट लेकर पहुँचे। जब हम यहाँ पर आये थे तो उस समय चक्कर, मुँह में कड़वापन, ब्लडप्रेशर, शुगर, उल्टी, भूख बिल्कुल नहीं लगती थी, पेट साफ नहीं होता था, घबराहट, कुछ खा नहीं पाते थे, कमजोरी, बुखार १०३-१०४ था। काफी हालत खराब थी।
➡मुझे सम्बन्धित ओपीडी नम्बर-५ में ले जाया गया वहाँ पर डॉ. अर्चना वाजपेयी जी एम.डी. (काय चिकित्सा) ने देखा और सारी जाँचें करवायीं, रिपोर्ट में- यूरिया ३२५.०, क्रिटनीन १२.८, यूरिक एसिड ९.८, शुगर २५६, अल्कालाइन फास्फेट, १७८.३ था। डॉ. अर्चना वाजपेयी जी ने सारी समस्या पूछी और कहा आप बिल्कुल परेशान न हों आप ठीक हो जायेंगे। आपको ३ सप्ताह तक यहाँ रहना पड़ेगा। हम भर्ती हो गये, पंचकर्म और दवायें शुरू हुयीं तो मुझे पहले सप्ताह से ही आराम मिलने लगा। पंचकर्म चिकित्सा व पथ्यापथ्य का पालन किया गया।
➡५ नवम्बर २०२१ की जाँच में यूरिया ३२५ से घटकर १०६.१, क्रिटनीन १२.८ से घटकर ६.९, यूरिक एसिड ९.८ से घटकर ५.९ आ गया। अब मेरी उल्टी बिल्कुल ठीक है, भूख भी लगने लगी, कमजोरी, घबराहट, चक्कर, बुखार, पेट भी साफ हो जाता है। इस समय मुझे किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। मेरा शुगर भी नार्मल हो गया।
➡जब डॉ. साहिबा राउण्ड में आतीं तो यही कहती थीं कि आप परेशान न हो ठीक हो जायेंगे, मेरी अंग्रेजी दवायें भी सारी बन्द करा दी गयीं। इस समय केवल ब्लडप्रेशर की दवा एक टाइम चल रही है। मुझे ७०³ आराम है। मैं चाहता हूँ कि मेरी बात सब जगह पहुँचे। यदि अच्छा लगे तो आप दूसरी जगह भेजें।
➡ जितेन्द्र पाल देवरा दीवाना का पुरवा, पोस्ट- देवरा, प्रयागराज (उ.प्र.)
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
1 टिप्पणियाँ
Uske bad kya Hal hai abhi tak
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