➡आयुष से ठीक होते ऐसे हार्ट रोगी बचते स्टैन्
➡हार्ट रोगी विडियो अवश्य देखे ॥
➡मैं रामचेर मिश्र (उम्र ६४) सतना (म.प्र.) से हैं। मैं सन् २०१८ से ही पुलिस से रिटायर्ड हो गया था।
३१ मार्च २०२१ को हार्ट अटैक आया तो मुझे सतना प्रेम नर्सिंग होम में ले गये, वहाँ पर ३ दिन भर्ती रखा गया, ४ माह तक लगातार इलाज चला, पर अब एक नई बीमारी सामने आ गयी सुगर व ब्लडप्रेशर। उसकी भी अंग्रेजी दवायें चलीं अब आत्मविश्वास कमजोर हो गया और अन्दर से डर बना रहता था कि अटैक न आ जाये।
➡फिर मैं नागपुर कैनवे हॉस्पिटल में गया, वहाँ पर डॉक्टरों ने एंजियोग्राफी करवाई तो हार्ट में ब्लॉकेज बताये गये और कहा कि तुरन्त एंजियोप्लास्टी (स्टेंटिंग) करनी पड़ेगी, मैंने नागपुर के दूसरे डॉक्टर से सलाह ली वहाँ भी एंजियोप्लास्टी (स्टेंट डलवाने) के लिए बोला गया। मैंने कुछ लोगों से सलाह लिया तो बताया कि स्टेंट/एंजियोप्लास्टी कोई कारगर उपाय नहीं है। इसके बाद कमजोरी और नई-नई बीमारियाँ होने लगती हैं, स्टेंट में ब्लॉक हो जाता है तो फिर स्टेंट डालने की सलाह देते हैं। यह भी पता चला कि किसी-किसी को २-३ बार तक स्टेंट डाले गये पर उनकी हालत ऐसे ही बनी रही। इसलिए हम घर वापस आ गये, एंजियोप्लास्टी नहीं करायी।
➡तभी मुझे आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट के आयुष कार्डियोलॉजी के बारे में मेरे एक मित्र ने बताया जो अपना व अपनी पत्नी का इलाज करवाकर स्वस्थ हो चुके थे।
➡मैं १ सितम्बर २०२१ को आयुष ग्राम सूरजकुण्ड रोड, चित्रकूट पहुँचा, यहाँ कुछ जाँचें करवायीं और समस्यायें पूछीं उस समय मैं २५ कदम तक चल नहीं पाता था, सीढ़ियाँ चढ़ना तो दूर। नींद नहीं आती थी, भूख कम लगती थी, सीने में भारीपन रहता था, मधुमेह व ब्लडप्रेशर की समस्या रहती थी, हार्ट अटैक न आ जाये इसकी चिन्ता लगी रहती थी। इन सभी की एलोपैथिक दवायें चल ही रहीं थीं।
➡आयुष ग्राम चिकित्सालय, आयुष कार्डियोलॉजी के डॉक्टर साहब ने अच्छी तरह से देखा और मुझसे कहा आप बिल्कुल परेशान न हों कोई एंजियोप्लास्टी की जरूरत नहीं पड़ेगी और न ही अटैक आयेगा। उन्होंने १ माह की चिकित्सा दी। मुझे पहले माह की चिकित्सा से बहुत आराम मिल गया और सभी अंग्रेजी दवायें भी बन्द हो गयीं।
➡अभी २ माह ही हुये हैं। जहाँ अंग्रेजी डॉक्टर डरवाते थे कि कभी भी मौत हो सकती है। २ माह की चिकित्सा से मैं खूब सीढ़ियाँ चढ़ लेता हूँ, प्रतिदिन २-३ किलो मीटर साइकिल चलाता हूँ, दौड़ भी लेता हूँ, भूख भी अच्छी लगने लगी, नींद भी बहुत अच्छी लगने लगी है।
➡अब तो मैं ऐसा हो गया हूँ कि मुझे न तो एंजियोप्लास्टी की जरूरत पड़ेगी और न ही मेरी मृत्यु हार्ट अटैक से होगी।
➡आयुष कार्डियोलॉजी के अनुसार मुझे ८-९ माह देवा सेवन करना है फिर दवा भी धीरे-धीरे बन्द करनी है। जब मुझे २ माह में ही आशातीत लाभ हो गया तो ८-९ माह में तो मेरी अलग ही स्थिति बनेगी।
➡मैं बहुत भाग्यशाली हूँ जो मुझे सही समय में सही इलाज मिल पाया। नहीं तो स्टेंट डलवाने के बाद भी लोग कमजोर और परेशान घूमते रहते हैं। मैं आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूट का आभारी हूँ जो मुझे इतनी जल्दी बिना स्टेंट या बिना ऑपरेशन के इतना अच्छा परिणाम दिया है।
➡मैं तो कहता हूँ कि किसी को भी हार्ट की दिक्कत हो तो आयुष चिकित्सा ही अपनायें, बहुत ही संतुष्टि होगी। कई लोग तो यहाँ स्टेंट डलवाने के बाद भी परेशान होकर यहाँ इलाज करा रहे हैं और स्वस्थ हैं।
➡रामचेर मिश्रा पुत्र श्री बाला प्रसाद,स्थान पो. रिमारी (बिरसिंगपुर), सतना (म.प्र.)
डॉ मदन गोपाल वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य, पी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी., साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद), एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी एक प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। शास्त्रीय चिकित्सा के पीयूष पाणि चिकित्सक और हार्ट, किडनी, शिरोरोग (त्रिमर्म), रीढ़ की चिकित्सा के महान आचार्य जो विगड़े से विगड़े हार्ट, रीढ़, किडनी, शिरोरोगों को शास्त्रीय चिकित्सा से सम्हाल लेते हैं । आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम, दिव्य चिकित्सा भवन, आयुष ग्राम मासिक, चिकित्सा पल्लव और अनेकों संस्थाओं के संस्थापक ।
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
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