किडनी कि समस्या व डायलेसिस से बचा लिया आयुष ग्राम ने !!

क्या ये सही नहीं है !!
किडनी और हृदय रोगों की चिकित्सा आयुष में बहुत ही उत्कृष्ट है, ऐसे रोगी जिनकी अंग्रेजी दवा खाते - खाते शरीर की जीवनीय शक्ति और व्याधिक्षमत्व शक्ति पूरी तरह से नष्ट हो जाती है ऐसे रोगियों को आयुष चिकित्सा बहुत ही परिणामोत्पादक, प्रभावशाली और जीवनदायिनी है, किन्तु लोगों में जागरूकता का आभाव है जन - जन को इसका प्रचार करना चाहिए। आज अंग्रेजी इलाज की स्थिति यह है कि पहले एक गोली से इलाज शुरू होता है धीरे-धीरे वह हार्टकिडनीलिवर का रोगी बन जाता है और फिरकभी भी बन्द न होने वाली दवाओं का सिलसिला चलने लगता है। जबकि आयुष चिकित्सा में दवायें धीरे-धीरे घटते-घटते बिल्कुल बन्द हो जाती हैं। ऐसे में आप सभी का पावन कर्तव्य बनता है कि पीड़ित मानव का सही मार्गदर्शन करें और उन तक जानकारी पहुँचायें, ताकि ऐसे पीड़ित मानव का कल्याण हो सके और लोग अंग्रेजी दवाओं के जाल से बच सकें 

डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
संस्थाध्यक्षआयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूटधाम (उ.प्र.) २१०२०५
Evidence based treatment (वैज्ञानिक प्रमाण युक्त चिकित्सा)

➡️   मैं जवाहर लाल गुप्ता मेरी पत्नी रामश्री (56 वर्ष), हम देवरिया, सुन्दरवल, लखीमपुर खीरी के रहने वाले हैं। मेरी पत्नी को अचानक 3 माह पहले श्वास फूलने लगी, चलने मे कमजोरी बहुत आ गयी, बुखार आने लगा, ब्लडप्रेशर बढने लगा, भूख नहीं लगती थी, जी मिचलाता रहता था, उल्टियाँ भी हो जाने लगीं। इन सभी समस्याओं के चलते मैंने सबसे पहले महेवागंज के प्राइवेट हॉस्पिटल में दिखाया, वहाँ पर सारी जाँचें हुयीं, उसमें सिर्फ प्लेटलेट्स कम बतायी गईं, 1 हफ्ते तक सिर्फ बुखार का इलाज होता रहा, बुखार में तो आराम मिल गया, बाकी समस्याओं में बिल्कुल आराम नहीं मिला।

➡️ फिर मैंने लखीमपुर खीरी में दिखाया, वहाँ पर ब्लडप्रेशर व बुखार की समस्या के लिए 1 माह से ज्यादा अंग्रेजी दवायें चलतीं रहीं। फिर मैंने लखीमपुर खीरी के दूसरे डॉक्टर संजीव भल्ला को दिखाया उन्होंने भी ब्लडप्रेशर का इलाज किया और धड़कन ज्यादा तेज चल रही है ऐसा बोला। 15-20 दिनों तक इलाज चला लेकिन कोई आराम नहीं मिला।

➡️ फिर धीरे-धीरे परेशानी बढ़ती ही जा रही थी, तो मैंने भोजीपुरा बरेली में दिखाया, वहाँ पर खून जाँच हुयी तो के॰एफ॰टी॰ की भी जाँच हुयी, तब उसमें किडनी की समस्या का पता चला और डॉक्टरों ने कहा यूरिया, क्रिटनीन ज्यादा होने के कारण तुरन्त डायलेसिस करवानी पड़ेगी, मैं तो बिल्कुल इसके बारे में नहीं जानता था कि क्या क्रिटनीन होता है? और क्या डायलेसिस?

➡️ भोजीपुरा में 4 दिनों तक भर्ती रखा गया और 2 डायलेसिस कर दीं गयीं और कुछ अंग्रेजी दवायें देकर घर भेज दिया गया, हर हफ्ते 2 डायलेसिस करवाने कि सलाह दी। फिर मेरे गाँव के एक व्यक्ति के द्वारा आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला। मैं 23 दिसम्बर 2020 को आयुष ग्राम चित्रकूट पहुँचा, रजिस्ट्रेशन हुआ, फिर नम्बर आने पर ओपीडी-2 में डॉक्टर वाजपेयी जी के पास भेजा गया। उन्होंने सारी जाँचें करवाईं, जाँच में हेमोग्लोबिन 8.6, यूरिया 66.6, क्रिटनीन 6.2 एएलपी 137.9 और प्रोटीन (+++) में आया। उन्होंने सारी समस्यायें पूँछीं, उस समय उनकी श्वास फूल रही थी, किसी से बोलने बातें करने का भी मन नहीं करता था, कमजोरी बहुत थी, उल्टियाँ जैसी होती रहती थीं, जी मिचलाता रहता था। इन सबके कारण उन्होंने कहा कि आप बिल्कुल परेशान न हों डायलेसिस से छुटकारा दिलाने की कोशिश करता हूँ, इसके लिए 21 दिनों के लिए भर्ती करवाकर चिकित्सा करवाई। सारी समस्याओं में आराम मिलने लगा, अब तो भूख अच्छी लगने लगी, खूब चलने-फिरने लगीं, ब्लडप्रेशर भी नार्मल रहने लगा, जी मिचलाना, उल्टी होना सब बन्द हो गया।

➡️ 10 जनवरी 2021 की जाँच में हेमोग्लोबिन 8.7, यूरिया 46, क्रिटनीन 4.5, एएलपी 138.4, प्रोटीन (+) में आ गया। मुझे तो इन सभी जाँचों के बारे में भी ज्ञान नहीं था, सर ने कहा आपकी पत्नी डायलेसिस से बच गयी और जाँचे भी अच्छी आने लगी।

➡️ यह सुनकर मुझे बहुत खुशी हुयी, क्योंकि मेरी पत्नी डायलेसिस से बहुत डरती थी और मेरे पास भी इतने रूपये नहीं थे कि मैं पूरी जिन्दगी हफ्ते में 2 डायलेसिस करवा पाऊँ।

➡️ मैं सर व पूरे स्टाफ से बहुत खुश हूँ, सभी लोग बहुत ही विनम्र और सहानुभूत रखने वाले कर्मचारी हैं। सर धार्मिक वातावरण वाले हैं, सभी को धर्म के मार्ग में चलना सिखाते हैं। मैं बहुत खुश हूँ कि मेरी पत्नी हफ्ते में 2 डायलेसिस होने से बच गयी, ब्लडप्रेशर की दवा के अलावा सारी अंग्रेजी दवायें भी बन्द हो गयीं हैं।

श्रीमती रामश्री पत्नी श्री जवाहर लाल गुप्ता

देवरिया (सुन्दरवल), लखीमपुर खीरी (उ.प्र.)   

डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी एक प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। शास्त्रीय चिकित्सा के पीयूष पाणि चिकित्सक और हार्ट, किडनी, शिरोरोग (त्रिमर्म), रीढ़ की चिकित्सा के महान आचार्य जो विगड़े से विगड़े हार्ट, रीढ़, किडनी, शिरोरोगों को शास्त्रीय चिकित्सा से सम्हाल लेते हैं । आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम, दिव्य चिकित्सा भवन, आयुष ग्राम मासिक, चिकित्सा पल्लव और अनेकों संस्थाओं के संस्थापक ।

इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
डॉ. अर्चना वाजपेयी

डॉ. अर्चना वाजपेयी एम.डी. (मेडिसिन आयु.) में हैं आप स्त्री – पुरुषों के जीर्ण, जटिल रोगों की चिकित्सा में विशेष कुशल हैं । मृदुभाषी, रोगी के प्रति करुणा रखकर चिकित्सा करना उनकी विशिष्ट शैली है । लेखन, अध्ययन, व्याख्यान, उनकी हॉबी है । आयुर्वेद संहिता ग्रंथों में उनकी विशेष रूचि है ।

आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा संचालित
   
आयुष ग्राम चिकित्सालय:चित्रकूट 
   मोब.न. 9919527646, 8601209999
 website: www.ayushgram.org



  डॉ मदन गोपाल वाजपेयी         आयुर्वेदाचार्यपी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी.साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद)एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
 प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन 
                                  
डॉ अर्चना वाजपेयी                              एम.डी.(कायचिकित्सा) आयुर्वेद 

डॉ परमानन्द वाजपेयी                                                                  एम.डी.(आयु.) आ.     

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