➡️ मैं गजेंद्र वर्मा (उम्र 25 वर्ष), रायपुरकर्चु, वियान जिला- रीवा (म.प्र.) से हूँ।
वर्ष 2018 अचानक से बुखार आने लगा था, आँखों में धुँधलापन दिखायी देने लगा, पूरे शरीर में दाने निकलने लगे, इसके चलते मैं बिरला हॉस्पिटल सतना में दिखाया, वहाँ के डॉक्टर देखा और जांच कारवाई, सोनोग्राफी करवायी तो किडनी की समस्या का पता चला चला।➡️ तो मैं नागपुर बोकार्ड हॉस्पिटल में डॉ. सूर्य पाण्डेय को दिखाया उन्होंने कुछ जाँचे करवायीं और रिपोर्ट आने पर डॉक्टर ने 15 दिन के लिए भर्ती कर लिया और डायलेसिस के बोला। इंजेक्शन लगते थे, अंग्रेजी दवायें देते थे और डायलेसिस करते थे। इस प्रकार 1 साल का समय बीता और दवायें चलती रहीं।
➡️ 2019 में डेंगू बुखार आने लगा तो मैं आयुर्वेदिक हॉस्पिटल रीवा में दिखाया तो डॉक्टर ने आयुर्वेदिक इलाज किया, 4 माह तक दवायें चलीं, इन दवाओं से मैं बिलकुल ठीक हो गया। रिपोर्ट नॉर्मल आ गयी। उसी समय से दवा खाना बन्द कर दिया।
➡️ वर्ष 2020 में फिर से बुखार आने लगा तो मैं गाँव के डॉक्टर को दिखाया, उन्होंने जाँच करवाने पर टाइफाइड निकाला तो अंग्रेजी दवायें खाने को दिया, बुखार तो ठीक हो गया लेकिन पूरे शरीर में सूजन आ गयी आँखों से धुँधला दिखायी देने लगा, सांस फूलने लगी, कमजोरी, घबराहट, बेचैनी, चलने में परेशानी होती थी। फिर मैं रीवा आयुर्वेदिक हॉस्पिटल दिखाया, उन्होंने 1 माह तक की दवा दी, मुझे कोई आराम नहीं मिला।
➡️ एक दिन मुझे आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला।
➡️ मैं 17 फरवरी 2021 को आयुष ग्राम चित्रकूट पहुँचा, वहाँ रजिस्ट्रेशन हुआ और नम्बर ओपीडी-1 में पर डॉक्टर महेंद्र त्रिपाठी जि के पास बुलाया गया, उन्होंने चेक-अप किया और सारी समस्यायें पूछीं। उस समय मुझे काफी समस्यायें हो रही थीं।
➡️ पूरे शरीर में सूजन, सांस फूलना, आँखों में धुँधलापन दिखायी देना, घबराहट, बेचैनी, ब्लडप्रेशर के चलते काफी दिक्कत होती थी।
➡️ फिर उसी समय डॉक्टर महेंन्द्र त्रिपाठी ने ब्लड जाँच करवाये, रिपोर्ट आने पर 3 सप्ताह के लिए भर्ती होने को कहा लेकिन मेरे पास व्यवस्था नहीं थी। मैं दवायें लेकर घर चला आया पर मेरी समस्यायें बढ्ने लगीं।
➡️ फिर मैं 14.03.2021 को भर्ती होने व्यवस्था से पहुँच गया, उस दिन जाँच हुयी तो यूरिया 149.8, क्रिटनीन 8.8 आया। पंचकर्म चिकित्सा शुरू हुयी, समय समय से दवायें दी गयीं, अब इस समय उचित खान पन दिया गया। मुझे 4-5 दिन में काफी आराम मिलने लगा। अंग्रेजी दवायें बन्द हो गयीं, अब इस समय केवल ब्लडप्रेशर कि दवा लेता हूँ।
➡️ मैं और मेरी बहन बहुत खुश है, हमे काफी आराम है। यहाँ स्टॉफ व डॉक्टरों के व्यवहार मुझे अच्छा लगा। यहाँ हम लोग एक परिवार की तरह रहते हैं।
➡️ आज दिनांक 4 अप्रैल 2021 की जाँच में क्रिटनीन 8.8 से घटकर 7.0, यूरिया 149.8 से घटकर 94.7 है। अब मैं डिस्चार्ज हो गया हूँ मुझे आराम है। मैं यह कहता हूँ कि मेरी बात सभी जगह पहुँचायें।
गजेंन्द्र वर्मा
रायपुर कर्चू, वियान जिला- रीवा (म.प्र.)
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)
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