➡️ मैं सुधा पाठक (उम्र 36), हम लोग मिसरगवां (बड़ोखर), सीधी (म.प्र.) से हैं, मैं एक ग्रहणी हूँ, मेरे पति गाड़ी चलाते हैं। मुझे सबसे पहले 2008 में बुखार आने लगा तो मैंने रीवा के संजय गांधी हॉस्पिटल में दिखाया, वहाँ पर एण्टीबायोटिक आदि दवायें चलीं लेकिन बुखार ठीक नहीं हुआ, रीवा में सारी जाँच में-हेमोग्लोबिन 2.0 आया और किडनी में समस्या बतायी गयी, जाँच में खून बहुत कम बताया गया
➡️ अभी 2019 में मुझे फिर से समस्या होने लगीं, मुझे चक्कर आने लगे, घबराहट होने लगी, पेट में साइडों में दर्द बना ही रहने लगा। तो मैंने नागपुर में दिखाया, वहाँ कहा कि अगर नहीं मिलता तो फिर से डायलेसिस का सहारा लेना पड़ेगा।
➡️ फिर मैं गुजरात में भी दिखाने
गयी, वहाँ पर पूरी जिन्दगी डायलेसिस करवाने या किडनी ट्रान्सप्लाण्ट करवाने की
सलाह दी।
➡️ तभी मुझे मेरे गाँव के एक व्यक्ति के द्वारा आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला। मैं आयुष ग्राम चित्रकूट पहुँची।
वहाँ रजिस्ट्रेशन
हुआ, फिर नम्बर आने पर मुझे ओपीडी-2 में
डॉक्टर वाजपेयी जी के पास बुलाया गया। जब मैं आयुष ग्राम चिकित्सालय आई उस समय मुझे
इतनी समस्यायें थीं-
➡️ मुझे कभी-कभी उल्टी हो जाती थी, गैस बनती थी, पेट साफ नहीं हो रहा था, भूख नहीं लग रही थी,
कमर (पेट के दोनों साइडों में) दर्द, चक्कर आते रहते थे, घबराहट बहुत रहती थी।
➡️ उन्होंने देखा और कुछ जाँचें करवायीं जाँच के बाद उन्होंने कहा कि आप बिल्कुल परेशान न हों आपको डायलेसिस कि जरूरत नहीं पड़ेगी इसकी कोशिश करता हूँ और इसके लिए 3 सप्ताह तक भर्ती रहकर चिकित्सा करवायें।
➡️ मैं 21 दिनों तक रहकर चिकित्सा करवायी, इस समय मुझे शारीरिक रूप से इतने आराम आये।
भूख भी खूब लाग्ने लगी है, चक्कर व घबराहट सब खत्म हो गयी पेट के दर्द व उल्टी में पूर्ण आराम हैं।
➡️ मेरी सारी अंग्रेजी
दवायें भी बन्द हो गयीं और डायलेसिस कि जरूरत ही नहीं पड़ी न कोई अंग्रेजी दवा, न चीर-फाड़, न इंजेक्शन।
➡️ इन 21 दिनों में मारी यूरिया, क्रिटनीन कि रिपोर्ट भी बहुत अच्छी आने लगी जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा कि मुझे डायलेसिस कि जरूरत कभी नहीं पड़ेगी।
मैं बहुत खुश हूँ कि जैसा सर
ने यह कहकर भर्ती किया था कि मुझे डायलेसिस कि जरूरत नहीं पड़ेगी और सभी समस्याओं में
आराम मिल जायेगा, तो मुझे बहुत आराम मिला।
➡️ 8 जनवरी 2021 कि जाँच में क्रिटनीन 11.8, यूरिया 239.4, हेमोग्लोबिन 8.3 आया। 20 दिन कि चिकित्सा के बाद 27 जनवरी 2021 कि जाँच में- हेमोग्लोबिन 8.8, क्रिटनीन 9.0, यूरिया 122.2 आ गया, हम कितने खुश हैं कह नहीं सकते।
सुधा पाठक
मिसरिगवां (बड़ोखर) सीधी (म.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)
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