डायलेसिस और किडनी ट्रान्सप्लाण्ट से बची : यूरिया, क्रिटनीन घटने लगा !!

आयुष के ऐसे हैं प्रभाव!!
आयुर्वेद उपचार से लाखों बच्चों को बचाया जा सकता है इन्हेलर और दमा से आयुर्वेद का मतलब महान् समृद्धवैज्ञानिक और समूल रोगहारी चिकित्सा और स्वास्थ्य विज्ञान का आश्रय है।  ‘‘आज भारत के १० प्रतिशत शहरी बच्चे और किशोर दमा से ग्रस्त हैं और अंग्रेजी डॉक्टरों के पास कोई इसका समाधान नहीं। इन बच्चों और किशोरों की रोगप्रतिरोधक क्षमता घट रही है बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पा रहाफेंफड़े कमजोर हो रहे हैं।’’ किन्तु भारत का दुर्भाग्य है कि मानव आयुर्वेद का लाभ नहीं उठा पा रहा। पर अब समय आ गया है कि मानवता की सेवा हेतु सभी आगे आयें आयुर्वेद की ओर सभी को प्रेरित करें। इस प्रकार दमाश्वासइन्हेलर के चंगुल में फँसे प्रतिवर्ष हजारों बच्चों और किशोर-किशोरियों को ‘आयुष ग्राम’ चित्रकूट मुक्त कर पा रहा है।

डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
संस्थाध्यक्षआयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूटधाम (उ.प्र.) २१०२०५
Evidence based treatment (वैज्ञानिक प्रमाण युक्त चिकित्सा)

➡️ मैं सुधा पाठक (उम्र 36), हम लोग मिसरगवां (बड़ोखर), सीधी (म.प्र.) से हैं, मैं एक ग्रहणी हूँ, मेरे पति गाड़ी चलाते हैं। मुझे सबसे पहले 2008 में बुखार आने लगा तो मैंने रीवा के संजय गांधी हॉस्पिटल में दिखाया, वहाँ पर एण्टीबायोटिक आदि दवायें चलीं लेकिन बुखार ठीक नहीं हुआ, रीवा में सारी जाँच में-हेमोग्लोबिन 2.0 आया और किडनी में समस्या बतायी गयी, जाँच में खून बहुत कम बताया गया 

➡️  अभी 2019 में मुझे फिर से समस्या होने लगीं, मुझे चक्कर आने लगे, घबराहट होने लगी, पेट में साइडों में दर्द बना ही रहने लगा। तो मैंने नागपुर में दिखाया, वहाँ कहा कि अगर नहीं मिलता तो फिर से डायलेसिस का सहारा लेना पड़ेगा।

➡️  फिर मैं गुजरात में भी दिखाने गयी, वहाँ पर पूरी जिन्दगी डायलेसिस करवाने या किडनी ट्रान्सप्लाण्ट करवाने की सलाह दी।

➡️  तभी मुझे मेरे गाँव के एक व्यक्ति के द्वारा आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला। मैं आयुष ग्राम चित्रकूट पहुँची।

वहाँ रजिस्ट्रेशन हुआ, फिर नम्बर आने पर मुझे ओपीडी-2 में डॉक्टर वाजपेयी जी के पास बुलाया गया। जब मैं आयुष ग्राम चिकित्सालय आई उस समय मुझे इतनी समस्यायें थीं-

➡️  मुझे कभी-कभी उल्टी हो जाती थी, गैस बनती थी, पेट साफ नहीं हो रहा था, भूख नहीं लग रही थी,

कमर (पेट के दोनों साइडों में) दर्द, चक्कर आते रहते थे, घबराहट बहुत रहती थी।

➡️  उन्होंने देखा और कुछ जाँचें करवायीं जाँच के बाद उन्होंने कहा कि आप बिल्कुल परेशान न हों आपको डायलेसिस कि जरूरत नहीं पड़ेगी इसकी कोशिश करता हूँ और इसके लिए 3 सप्ताह तक भर्ती रहकर चिकित्सा करवायें।

➡️  मैं 21 दिनों तक रहकर चिकित्सा करवायी, इस समय मुझे शारीरिक रूप से इतने आराम आये।

भूख भी खूब लाग्ने लगी है, चक्कर व घबराहट सब खत्म हो गयी पेट के दर्द व उल्टी में पूर्ण आराम हैं।

➡️  मेरी सारी अंग्रेजी दवायें भी बन्द हो गयीं और डायलेसिस कि जरूरत ही नहीं पड़ी न कोई अंग्रेजी दवा, न चीर-फाड़, न इंजेक्शन।

➡️  इन 21 दिनों में मारी यूरिया, क्रिटनीन कि रिपोर्ट भी बहुत अच्छी आने लगी जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा कि मुझे डायलेसिस कि जरूरत कभी नहीं पड़ेगी।

मैं बहुत खुश हूँ कि जैसा सर ने यह कहकर भर्ती किया था कि मुझे डायलेसिस कि जरूरत नहीं पड़ेगी और सभी समस्याओं में आराम मिल जायेगा, तो मुझे बहुत आराम मिला।

➡️ 8 जनवरी 2021 कि जाँच में क्रिटनीन 11.8, यूरिया 239.4, हेमोग्लोबिन 8.3 आया। 20 दिन कि चिकित्सा के बाद 27 जनवरी 2021 कि जाँच में- हेमोग्लोबिन 8.8, क्रिटनीन 9.0, यूरिया 122.2 आ गया, हम कितने खुश हैं कह नहीं सकते।

सुधा पाठक

मिसरिगवां (बड़ोखर) सीधी (म.प्र.) 

डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी एक प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। शास्त्रीय चिकित्सा के पीयूष पाणि चिकित्सक और हार्ट, किडनी, शिरोरोग (त्रिमर्म), रीढ़ की चिकित्सा के महान आचार्य जो विगड़े से विगड़े हार्ट, रीढ़, किडनी, शिरोरोगों को शास्त्रीय चिकित्सा से सम्हाल लेते हैं । आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम, दिव्य चिकित्सा भवन, आयुष ग्राम मासिक, चिकित्सा पल्लव और अनेकों संस्थाओं के संस्थापक ।

इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
डॉ. अर्चना वाजपेयी

डॉ. अर्चना वाजपेयी एम.डी. (मेडिसिन-आयु.) में हैं आप स्त्री – पुरुषों के जीर्ण, जटिल रोगों की चिकित्सा में विशेष कुशल हैं । मृदुभाषी, रोगी के प्रति करुणा रखकर चिकित्सा करना उनकी विशिष्ट शैली है । लेखन, अध्ययन, व्याख्यान, उनकी हॉबी है । आयुर्वेद संहिता ग्रंथों में उनकी विशेष रूचि है ।

   मोब.न. 9919527646, 8601209999
 website: www.ayushgram.org



  डॉ मदन गोपाल वाजपेयी         आयुर्वेदाचार्यपी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी.साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद)एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
 प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन 

डॉ परमानन्द वाजपेयी                                                एम.डी. (एस.&पी.मेडिसिन-आयु0)    
                             

डॉ अर्चना वाजपेयी                              एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)     

   

          

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