➡️ डॉ0 सूर्यकांत त्रिपाठी बोले- आयुष ग्राम चित्रकूट में 2030 के बाद पूरी दुनिया आपकी होगी आयुर्वेद:आयुष की!!

 


आयुष ग्राम गृकुलम मे आज दिनांक - 21/10/2021 को डॉ सूर्यकान्त त्रिपाठी  जी के आगमन पर गुरु कुल मे एक कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमे रास्ट्र हिट की चर्चाए हुई और डॉ सूर्यकान्त त्रिपाठी जी के द्वारा बच्चो को बताया गया की द्रढ़ संकल्प से किया गया कार्य विफल नही होता ॥




➡️आज आयुषग्राम ट्रस्ट परिसर में ट्रस्ट के संस्थापक आचार्य डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी जी की अध्यक्षता में “कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में आयुर्वेद की भूमिका” विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में उपस्थित चिकित्सकों, उपचारकों/उपचारिकाओं, फर्मासिस्टों एवं अन्य उपस्थित गणमान्य अतिथियों को संबोधित करते हुये मुख्य वक्ता डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष, श्वसन तंत्र विभाग, किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ ने कहा कि गत दो वर्षों से कोविड-19 महामारी के कारण पूरी दुनियाँ त्रस्त रही, जब कहीं कोई रास्ता नहीं दिख रहा था, तो आयुर्वेद ने आगे बढ़ कर देश में जन-जीवन की अधिक हानि नहीं होने दी। इन दो वर्षों में देश के भीतर आयुर्वेद के प्रति लोगों का रुझान तेजी के साथ बढ़ रहा है, उसको देखकर मैं पूरी ज़िम्मेदारी के साथ भविष्यवाणी कर सकता हूँ कि 2030 तक आयुर्वेद देश की प्रमुख चिकित्सा होगी।


➡️ उन्होने बताया कि कोविड से बचाव लिए टीका लगवाने वाला मैं पहला व्यक्ति था इसलिए मुझे इस टीकाकारण अभियान का ब्रांड एमबेसडर चुना गया था। केजीएमसी, लखनऊ के श्वसन तंत्र का विभागाध्यक्ष होने के कारण में कोविड के बाद उत्पन्न होने वाली जटिलताओं के उपचार में मेरी और मेरे विभाग की प्रबल भूमिका रही है। इसलिए मैंने अपने गत एक सप्ताह के आयुषग्राम, चित्रकूट के प्रवास के दौरान यहाँ के कर्मचारियों एवं अन्य निवासियों से कोरोना महामारी के चरम के समय की स्थितियों पर चर्चा की तो मुझे यह जानकार सुखद आश्चर्य हुआ कि यहाँ दूर-दूर तक किसी भी व्यक्ति को इस महामारी के वायरस का आभास तक नहीं हुआ 

 
➡️ जब मैंने इसके कारण जानना चाहा तो मुझे पता लगा कि आचार्य डॉ. वाजपेयी जी के निर्देशन में, यहाँ कार्य करने वालों और निवासियों की आयुर्वेदिक दिनचर्या के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी मजबूत है कि लोगों को सामान्यतः किसी रोग का आभास भी नहीं होता।


➡️ उन्होने आगे बताया कि गत वर्ष कोविड का सर्वाधिक संक्रमण फेफड़ों पर हुआ जिससे लोगों को ऑक्सिजन, जिसे आयुर्वेद में प्राणवायु कहा गया है, का महत्व समझ में आया। एक सामान्य व्यक्ति को कम से कम 350 लीटर ऑक्सिजन की जरूरत पड़ती है। यह ऑक्सीज़न हमें पेड़ पौधों से प्राकृतिक रूप से मिलती है। इसीलिए हमारे पूर्वज ऋषि मुनियों ने वृक्षों को देवता के समान मानकर उनका पूजन करने का विधान बनाया था। हमें सर्वाधिक ऑक्सिजन देने वाले वृक्ष पीपल और बरगद हैं जिनमें 24 घंटे ऑक्सिजन देने वाला वृक्ष पीपल है। इसलिए लिए उसे सर्वाधिक पवित्र माना जाता है। हमें पूर्वजों से ही इस प्रकार के संस्कार मिले हैं कि कारण न जानते हुए भी कोई व्यक्ति पीपल के वृक्ष को काटने के लिए तैयार नहीं होता है। इसी प्रकार, छोटा सा तुलसी, जिसे हर घर में लगाकर, उसका पूजन करने का विधान किया गया है, वह सर्वाधिक ऑक्सिजन देने वाला पौधा तो है ही, साथ ही बहुत से रोगों की रामबाण औषधि भी है। 


➡️डॉ  सूर्यकान्त  जी ने आयुषग्राम, चित्रकूट की प्रशंसा करते हुये कहा की मैंने देश-विदेश के विभिन्न चिकित्सालयों, चिकित्सा शिक्षा संस्थानों का भ्रमण किया है। यहाँ तक कि मैंने आयुर्वेद के लिए प्रसिद्ध केरल के भी कई संस्थानों का भ्रमण किया है लेकिन आयुषग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय का सात्विक एवं आध्यात्मिक वातावरण, कर्मचारियों का अनुशासन एवं कर्तव्यनिष्ठा वास्तव में अनुकरणीय है। अपने सीमित साधनों से ऐसा स्वास्थ्यप्रद वातावरण निर्मित करने के लिए आचार्य डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी जी की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। 

➡️अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आचार्य वैद्य वाजपेयी जी ने बताया कि आधुनिक चिकित्सा की श्वसन तंत्र शाखा के परास्नातक डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी जी आयुर्वेद के बहुत बड़े प्रशंसक है और इनके उत्तम स्वास्थ्य एवं सक्रियता के पीछे आयुर्वेदमय जीवनशैली और योग प्राणायाम का नियमित अभ्यास है। 
संगोष्ठी में डॉ अर्चना वाजपेयी, श्री आलोक कुमार, श्री बाल्मीकि द्विवेदी, श्री राकेश द्विवेदी, शालू सचान, साधना, स्नेहा, आलोक वाजपेयी, राहुल, राघवेंद्र, संध्या वर्मा एवं अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

 


आयुष ग्राम ट्रस्ट चिकित्सालय चित्रकूट धाम मे आचार्य डॉ मदन गोपाल वाजपेयी जी और डॉ सूर्यकांत त्रिपाठी जी







डॉ मदन गोपाल वाजपेयी         आयुर्वेदाचार्यपी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी.साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद)एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
 प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन 

डॉ परमानन्द वाजपेयी                              एम.डी. (एस.&पी.मेडिसिन-आयु0)    
                             

डॉ अर्चना वाजपेयी            एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)    







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