आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट के संस्थापक अध्यक्ष और सीनियर आयुर्वेद फिजीशियन डॉ. वाजपेयी जी कहते हैं कि आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट बिना सरकारी/गैरसरकारी सहायता के अपने स्वयं के संसाधनों के बलबूते पर इतने अच्छे परिणाम और स्वास्थ्य सेवायें प्रदान कर रहा है। सस्ता भोजन, सस्ता बेड चार्ज, सस्ती दवायें, सस्ता नर्सिंग चार्ज। डॉ. वाजपेयी आगे यह भी कहते हैं कि यदि सरकार हमें उचित संसाधन, प्रोत्साहन, आश्रय और व्यवस्था उपलब्ध कराये तो देश के अनगिनत हार्ट रोगियों को बाईपास सर्जरी/स्टेंट से तथा गुर्दे के रोगियों को डायलेसिस से बचाया जा सकता है और उन्हें आरोग्य के मुकाम में खड़ा किया जा सकता है।’’
➡️ मैं डॉ. ओमप्रकाश श्रीवास्तव (उम्र 65) निवासी- मझगवां अमरपाटन, सतना (म.प्र.) से हूँ। मैं 1976 में ही जबलपुर मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई कर सरकारी नौकरी न कर 1977 से क्लीनिक चला रहा हूँ, 1978 से राजनीति क्षेत्र में भागीदारी करता रहा हूँ। मेरे दोनों बेटे भी मेडिकल लाइन में हैं।
➡️ . 2002 में एक दुर्घटना से मेरे सिर में चोट आयी, पैर की हड्डी टूट गयी, पैर का ऑपरेशन करवाने जाने पर जाँच हुयी, जाँच में डायबिटीज़ बहुत ज्यादा थी, तो मुझसे डायबिटीज़ कण्ट्रोल करने को कहा गया फिर मेरा जबलपुर के हॉस्पिटल में ऑपरेशन हुआ, सुगर की अंग्रेजी दवायें लगातार चलती रहीं।
➡️ अभी 5 साल से दवा लेने के बाद भी डायबिटीज़ कण्ट्रोल न होने पर मुझे 10 व 14 यूनिट इंसुलिन लेनी पड़ने लगीं।
➡️ फिर 5 साल से मेरा ब्लडप्रेशर बढने लगा तो उसकी भी अंग्रेजी दवायें लेने लगा। मैं नागपुर में डायबिटीज़ हॉस्पिटल के डॉक्टर साकेत को पाण्डेय को दिखाया वहाँ से 3 साल तक ब्लडप्रेशर व सुगर की अंग्रेजी दवायें चलीं।
➡️ फिर 3 साल पहले मेरे पेट में समस्या हुयी- उदरवायु, हाथ-पैरो में सूजन आ आने लगी तो मैंने डॉक्टर अग्रवाल को दिखाया, उन्होंने नागपुर के लिए रिफर कर दिया, डेढ़ साल तक दवायें चलीं और जाँच करवाने पर किडनी में समस्या बतायी और यूरिया, क्रिटनीन बढ़ा हुआ आया, दवायें चलीं लेकिन कोयी आराम नहीं मिला।
➡️ फिर मैं एम्स, भोपाल में चला गया, वहाँ 6 माह तक दवायें चलीं लेकिन यूरिया, क्रिटनीन बढ़ता ही जा रहा था। फिर मैंने डॉ.एम.एस. बहादुर नेफ़्रोलॉजिस्ट बाम्बे को भी दिखाया उन्होंने कहा कि अगर मेरी दवाओं से कण्ट्रोल नहीं होता है तो डायलेसिस व किडनी ट्रांसप्लांट का सहारा लेना पड़ेगा। डेढ़ साल तक दवायें चलीं कोई आराम नहीं हो पा रहा था। अब मेरे शरीर में सूजन आ गयी, चलना-फिरना बंद हो गया, सबसे बड़ी बात यह थी कि मैं डायलेसिस में फसना नहीं चाहता था। क्योंकि वह कोई जीवन नहीं होता।
➡️ तभी मुझे खजुरीताल आश्रम
के महाराज जी के द्वारा आयुष ग्राम चिकित्सालय,
चित्रकूट के बारे में पता चला। मैं आयुष ग्राम चित्रकूट
के
लिये चला लेकिन गलती से आयुष ग्राम न पहुँचकर मैं आरोग्यधाम चित्रकूट
पहुँच गया, आरोग्यधाम
से मैंने 15 दिनों तक दवायें खायीं लेकिन कोई आराम नहीं मिला।
➡️ अब मैं खजुरीताल आश्रम के महाराज जी से बात कर समझकर 13 जनवरी 2021
को आयुष
ग्राम ट्रस्ट, सूरजकुण्ड रोड, चित्रकूट
पहुँचा, वहाँ रजिस्ट्रेशन हुआ और फिर नम्बर आने पर डॉक्टर वाजपेयी जी की ओपीडी में भेजा गया।
जब
मैं उनके पास गया तो उस समय मुझे इतनी समस्यायें थीं-
➡️ मैं अपने आप से चल नहीं पा रहा था, आयुष ग्राम चिकित्सालय की ओपीडी में व्हील चेयर में आया था, मेरे पूरे शरीर में सूजन थी।
➡️ भूख नहीं लग रही थी, मैं अपने आप से खड़ा नहीं हो पा रहा था।
➡️ ब्लडप्रेशर व सुगर दोनों की दवायें और 10 से 14 यूनिट इंसुलिन दिन में दो बार लेने के बाद भी कण्ट्रोल नहीं रहता था, साँस बहुत फूल रही थी, नित्यक्रियायें सभी गड़बड़ थीं, उस समय मेरी हालत बहुत गम्भीर थी। मेरे दोनों बेटे भी परेशान थे।
➡️ सर ने देखा और कुछ जाँचें करवायीं जाँच में- हेमोग्लोबिन 8.5, रेण्डम ब्लडशुगर 140, यूरिया 140.4, क्रिटनीन 8.6 एएलपी 161.7, फास्फोरस 7.7 आया। डॉक्टर वाजपेयी सर ने कहा कि आपको 3 सप्ताह तक भर्ती रखकर चिकित्सा करेंगे और आपको 100% डायलेसिस से बचेंगे।
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आयुष ग्राम चिकित्सालय में भर्ती होने के समय की रिपोर्ट |
➡️ मेरी सारी सूजन खत्म हो गयी, भूख बहुत अच्छी
लगने लगी, मैं अपने आप से 30-40 सीढ़ियाँ चढ़ने उतरने लगा जो मैं व्हील चेयर में आया था और खड़े होने के लिए तरस रहा था।
मेरी
इंसुलिन पूरी तरह बन्द हो गयी, ब्लडप्रेशर कि दवा 2 टाइम से
1 टाइम हो गयी, अंग्रेजी दवायें बंद हो गयीं, मैं अपने आप से अपना नित्यकर्म कर पाने लगा और जाँचे भी अच्छी
आने लगीं।
आयुष ग्राम चिकित्सालय से डिस्चार्ज होने के समय की रिपोर्ट
➡️ मैं इतना खुश हूँ कि क्या कहूँ, मुझे तो नया जीवन मिल गया, मैं
तो ऐलोपैथिक का हूँ अब अपने रोगियों को आयुर्वेद में ही भेजूँगा। यहाँ का पूरा
स्टॉफ व डॉक्टर वाजपेयी तो ऋषि परम्परा को अपनाने वाले हैं, ऐसा लगता हैं कि डॉक्टर वाजपेयी जी एक ऋषि या भगवान के रूप में इस धरती पर आयें हैं और हम जैसे लोगों को नया जीवन देते हैं। मैं उनको
कोटि-कोटि प्रणाम करता हूँ, इतनी कारगर चिकित्सा का चुनाव करतें
हैं जो शायद ही कोई दूसरा कर पायें।
डॉ. ओमप्रकाश श्रीवास्तव
निवासी- मझगवां अमरपाटन, सतना (म.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)
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