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श्री दीपक लोधी साथ में उनके पिताजी चन्दन लोधी |
➡️ मैं दीपक
मेरे पिता जी श्री चन्दन सिंह (उम्र 52) हम कनखार बसरी, सागर (म.प्र.) से हैं।
➡️ हम लोग एक साधारण किसान हैं।
➡️ मेरे पिता जी को 2 माह पहले से कमजोरी बहुत लगने लगी थी, चल
नहीं पा रहे थे, नाखून सफ़ेद पड़ गए थे,
ब्लडप्रेशर बढ़ता ही जा रहा था, चक्कर आ रहे थे, पैरों में दर्द हो रहा था।
➡️ इन सभी समस्याओं के चलते हम लोग बीना (म.प्र.) के
प्राइवेट हॉस्पिटल में डॉ. अंजन पंण्डित जी को दिखाया, उन्होंने
खून की जाँच करवायी और कहा कि खून बहुत कम है इसके लिए आयरन के इंजेक्शन व ड्रिप चढेंगी, मैंने 10 दिन तक इलाज करवाया, कोई आराम नहीं मिला।
➡️ फिर मैंने
ललितपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में दिखाया, वहाँ भी सारी जाँचों के बाद बताया गया कि पिता जी की दोनों किडनी खराब हो
गयीं और क्रिटनीन बढ़ा है तो ललितपुर में में तुरन्त डायलेसिस व ट्रांसप्लाण्ट के
लिए बोल दिया गया।
➡️ लेकिन हम
लोग डायलेसिस व ट्रांसप्लाण्ट क्या होता है?
ये
कुछ भी नहीं जानते थे।
➡️ हम लोग बहुत परेशान थे कि इतने पैसे नहीं कि ये सब करवा पायें तो वहाँ पर
डॉक्टर ने समझाया डायलेसिस व ट्रांसप्लाण्ट में बहुत पैसे लगते हैं इसलिए आप
दवायें चलाओ और घर पर ही अपने पिता जी की सेवा करें। हम लोग अपने पिता जी को घर ले
आये।
➡️ तभी मेरे मामा जी को आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला कि
यहाँ पर न कोई इंजेक्शन, न चीर-फाड़ और न ही डायलेसिस होती
आयुर्वेद का बहुत बड़ा संस्थान है, दवाइयाँ व पंचकर्म थैरेपी
द्वारा ही चिकित्सा कि जाती है।
➡️ मैं 13 जनवरी 2021 को अपने पिता जी लेकर आयुष ग्राम चित्रकूट पहुँचा। वहाँ
रजिस्ट्रेशन हुआ और फिर नम्बर आने पर डॉक्टर वाजपेयी जी कि
ओपीडी में भेजा गया।
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आयुष ग्राम चिकित्सालय में भर्ती के समय की रिपोर्ट |
➡️ उन्होंने
कुछ जाँचे करवायीं जाँच में-
यूरिया 172.2, क्रिटनीन 8.4, फास्फोरस 5.9, हेमोग्लोबिन 9.4 आया।
➡️ उन्होने सलाह दी कि आप 3 सप्ताह यहाँ रहें चिकित्सा करवायें आपके पिता जी को मैं 100% डायलेसिस से बचा लूँगा। हम तुरन्त रह गये क्योंकि तैयारी से गये थे, चिकत्सा शुरू हो गयी।
➡️ डिस्चार्ज के दिन : यूरिया 129.8, क्रिटनीन 7.5, सोडियम 135.1, फास्फोरस 5.6 आया और सबसे बड़ी बात तो यह कि शरीर सम्बन्धी तमाम समस्याओं जैसे उल्टी होना, कमजोरी, भूख न लगना, कब्ज आदि में बहुत सुधार हुआ। हम बहुत प्रसन्न हैं, अब आगे दवाइयाँ और परहेज बराबर चलेगा, हम उसका पालन करेंगे।
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आयुष ग्राम चिकित्सालय से डिस्चार्ज के समय की रिपोर्ट |
➡️ डॉक्टर साहब ने कहा है कि यदि ठीक इसी तरह चलेंगे तो आशा करें कि निरन्तर सुधार होता जाएगा।
हम यह कह सकते हैं कि मेरे पिता जी डायलेसिस और ट्रांसप्लाण्ट
से बच गये।
दीपक लोधी श्री
चन्दन सिंह लोधी
निवासी-
कनखार बसरी, सागर (म.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)
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