इंसुलिन छूटी : किडनी काम करने लगी, बहुत अच्छा हूँ आयुष ग्राम चित्रकूट से !!


क्या ये सही नहीं है !!
किडनी और हृदय रोगों की चिकित्सा आयुष में बहुत ही उत्कृष्ट है, ऐसे रोगी जिनकी अंग्रेजी दवा खाते - खाते शरीर की जीवनीय शक्ति और व्याधिक्षमत्व शक्ति पूरी तरह से नष्ट हो जाती है ऐसे रोगियों को आयुष चिकित्सा बहुत ही परिणामोत्पादक, प्रभावशाली और जीवनदायिनी है, किन्तु लोगों में जागरूकता का आभाव है जन - जन को इसका प्रचार करना चाहिए। आज अंग्रेजी इलाज की स्थिति यह है कि पहले एक गोली से इलाज शुरू होता है धीरे-धीरे वह हार्टकिडनीलिवर का रोगी बन जाता है और फिरकभी भी बन्द न होने वाली दवाओं का सिलसिला चलने लगता है। जबकि आयुष चिकित्सा में दवायें धीरे-धीरे घटते-घटते बिल्कुल बन्द हो जाती हैं। ऐसे में आप सभी का पावन कर्तव्य बनता है कि पीड़ित मानव का सही मार्गदर्शन करें और उन तक जानकारी पहुँचायें, ताकि ऐसे पीड़ित मानव का कल्याण हो सके और लोग अंग्रेजी दवाओं के जाल से बच सकें 

डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
संस्थाध्यक्षआयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूटधाम (उ.प्र.) २१०२०५

Evidence based treatment (वैज्ञानिक प्रमाण युक्त चिकित्सा)

लाल बहादुर शुक्ल (कर्वी, चित्रकूट)

            मैं लालबहादुर शुक्ला (६३ वर्ष) ग्राम-मनका, पोस्ट- बरगढ़, जिला- कर्वी चित्रकूट से हूँ। मुझे पिछले १५ साल से सुगर की समस्या है, तभी से अंग्रेजी दवा लेने लगा था।

➡️    पिछले ५ साल से ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगी तो उसकी भी दवा लेने लगा। दवाइयाँ बढ़ती गयीं। सुगर भी बढ़ने लगा। अब डॉक्टर ने ३०-३० यूनिट सुबह-शाम इन्सुलिन चालू कर दिया और भी अंग्रेजी दवायें साथ में ब्लडप्रेशर व अन्य समस्याओं की दवायें जोड़ दी।

➡️    ४ साल पहले मुझे आँख का ऑपरेशन करवाने जाना पड़ा, वहाँ पर सभी जाँचें हुयीं, जाँच में सुगर तो था ही पर किडनी की भी समस्या का पता चला। मैंने किडनी की समस्या के लिए १५ दिनों की अंग्रेजी दवायें लीं, लेकिन मुझे कोई आराम नहीं मिला और परेशानी बढ़ीं।

➡️    अब मैं नागपुर चला गया, वहाँ पर जाँचें हुयीं क्रिटनीन व यूरिया बढ़ा ही आया, १ माह इलाज चला, लेकिन कोई आराम नहीं मिला। उसके बाद मैंने रीवा में भोपाल के डॉक्टर आते थे उनका भी २ माह तक इलाज चला, लेकिन कोई आराम नहीं मिला। मैंने सतना से ३ साल तक इलाज लिया लेकिन किडनी की समस्या में कोई फर्क  नहीं आया।

➡️    तभी मुझे एक रिश्तेदार द्वारा आयुष ग्राम ट्रस्ट चिकित्सालय, चित्रकू के बारे में पता चला, मैं ५ जून २०१९ को आयुष ग्राम चित्रकू आया, उस समय मुझे पैरों में सूजन थी और सुगर भी कभी-कभी बहुत ज्यादा हो जाता था और कभी-कभी कम हो जाता था, इंसुलिन २० यूनिट रात में लेनी पड़ती थी। ब्लडप्रेशर की दवा चल रही थी, मुझे कमजोरी बहुत थी, गुस्सा बहुत आता था, लगता जीवन अब बचेगा नहीं।

            मुझे २५ अक्टूबर २०२० को आयुष ग्राम चिकित्सालय चित्रकू लाया गया। सूजन थी, साँस लेने में कठिनाई थी, भूख नहीं लगती थी, जीवन लगता था कि बचेगा नहीं। सर ने भर्ती होने की सलाह दी पर मैं भर्ती नहीं हुआ। जाँच करवाने पर हेमोग्लोबिन ११.६, ब्लड शुगर २७६.०, यूरिया ७१.०, क्रिटनीन ४.७, एल्ब्यूमिन (३+) में आ रहा था।

➡️    यहाँ पर डॉक्टर वाजपेयी जी ने कहा परेशान न हो, मैं ठीक करूँगा, इंसुलिन भी छुड़वाने की कोशिश करता हूँ।

➡️    एक दिन मेरा सुगर बहुत कम हो गया, मुझे बेहोशी की हालत में आयुष ग्राम चित्रकूट लाया गया, सर ने तुरन्त जाँच करवाई जाँच में- हेमोग्लोबिन ९.६, ब्लड शुगर ३१.५, यूरिया ६७.५, क्रिटनीन ५.१, एएलपी १६५.५ फास्फोरस ५.४ आया। सर ने मुझे भर्ती किया और १५ दिनों तक भर्ती करके चिकित्सा करवायी, मेरी इंसुलिन पूर्णत: बन्द हो गयी और अंग्रेजी दवायें भी बन्द हो गयीं, मेरा क्रिटनीन भी घट गया। १ भी अंग्रेजी दवा नहीं चलायी गयी, केवल आयुर्वेद से ही मेरा जीवन लौटा दिया। १५ दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया।

➡️    मैं हर माह दिखाने आता हूँ और फिर दवायें लेकर जाता हूँ, बीच-बीच में पैसे न होने के कारण दवायें बन्द भी हो जाती थीं। इस समय २२ जनवरी २०२१ की जाँच में हेमोग्लोबिन १०.५, यूरिया ५४.६, क्रिटनीन ३.८, एएलपी १३८.४, आरबीएस १६२.६ आ गया। इंसुलिन बन्द है।

            मेरी जो १५ साल से अंग्रेजी दवा सुगर की चल रही थी धीरे-धीरे ३०-३० यूनिट इंसुलिन भी ५ सालों से ले रहा था, अन्य दवायें भी अंग्रेजी ले रहा था वह सब बन्द हैं और शुगर नार्मल है।

            मैं और मेरा पूरा परिवार बहुत खुश है कि मैं काफी स्वस्थ हो गया, मेरा जीवन बच गया। इंसुलिन से छुटकारा मिल गया। मैं डॉक्टर वाजपेयी और पूरे स्टॉफ को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूँ।

लालबहादुर शुक्ला

ग्राम-मनका, पोस्ट- बरगढ़, जिला- कर्वी, चित्रकूट (उ.प्र.)

डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी एक प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। शास्त्रीय चिकित्सा के पीयूष पाणि चिकित्सक और हार्ट, किडनी, शिरोरोग (त्रिमर्म), रीढ़ की चिकित्सा के महान आचार्य जो विगड़े से विगड़े हार्ट, रीढ़, किडनी, शिरोरोगों को शास्त्रीय चिकित्सा से सम्हाल लेते हैं । आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम, दिव्य चिकित्सा भवन, आयुष ग्राम मासिक, चिकित्सा पल्लव और अनेकों संस्थाओं के संस्थापक ।

इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
डॉ. अर्चना वाजपेयी

डॉ. अर्चना वाजपेयी एम.डी. (मेडिसिन-आयु.) में हैं आप स्त्री – पुरुषों के जीर्ण, जटिल रोगों की चिकित्सा में विशेष कुशल हैं । मृदुभाषी, रोगी के प्रति करुणा रखकर चिकित्सा करना उनकी विशिष्ट शैली है । लेखन, अध्ययन, व्याख्यान, उनकी हॉबी है । आयुर्वेद संहिता ग्रंथों में उनकी विशेष रूचि है ।

आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा संचालित
   
आयुष ग्राम चिकित्सालय:चित्रकूट 
   मोब.न. 9919527646, 8601209999
 website: www.ayushgram.org



  डॉ मदन गोपाल वाजपेयी         आयुर्वेदाचार्यपी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी.साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद)एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
 प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन 

डॉ परमानन्द वाजपेयी                                                एम.डी. (एस.&पी.मेडिसिन-आयु0)    
                             
डॉ अर्चना वाजपेयी                              एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद) 

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