लाल बहादुर शुक्ल (कर्वी, चित्रकूट)
मैं लालबहादुर शुक्ला (६३ वर्ष)
ग्राम-मनका, पोस्ट-
बरगढ़, जिला-
कर्वी चित्रकूट से
हूँ। मुझे पिछले १५ साल से सुगर की समस्या है, तभी
से अंग्रेजी दवा लेने लगा था।
➡️ पिछले ५ साल से ब्लड प्रेशर की समस्या होने
लगी तो उसकी भी दवा लेने लगा। दवाइयाँ बढ़ती गयीं। सुगर भी बढ़ने लगा। अब
डॉक्टर ने ३०-३० यूनिट सुबह-शाम इन्सुलिन चालू कर दिया और भी अंग्रेजी दवायें साथ
में ब्लडप्रेशर व अन्य समस्याओं की दवायें जोड़ दी।
➡️ ४ साल पहले मुझे आँख का ऑपरेशन करवाने जाना
पड़ा, वहाँ पर सभी जाँचें हुयीं, जाँच
में सुगर तो था ही पर किडनी की भी समस्या का पता चला। मैंने किडनी की समस्या के
लिए १५ दिनों की अंग्रेजी दवायें लीं, लेकिन
मुझे कोई आराम नहीं मिला और परेशानी बढ़ीं।
➡️ अब मैं नागपुर चला गया, वहाँ
पर जाँचें हुयीं क्रिटनीन व यूरिया बढ़ा ही आया, १
माह इलाज चला, लेकिन
कोई आराम नहीं मिला। उसके बाद मैंने रीवा में भोपाल के डॉक्टर आते
थे उनका भी २ माह तक इलाज चला, लेकिन कोई
आराम नहीं मिला। मैंने सतना से ३ साल तक इलाज लिया लेकिन किडनी की समस्या में कोई
फर्क नहीं आया।
➡️ तभी मुझे एक रिश्तेदार द्वारा आयुष
ग्राम ट्रस्ट चिकित्सालय, चित्रकूट के
बारे में पता चला, मैं ५ जून २०१९ को आयुष
ग्राम चित्रकूट आया, उस
समय मुझे पैरों में सूजन थी और सुगर भी कभी-कभी बहुत ज्यादा हो जाता था और कभी-कभी
कम हो जाता था, इंसुलिन
२० यूनिट रात में लेनी पड़ती थी। ब्लडप्रेशर की दवा चल रही थी, मुझे
कमजोरी बहुत थी, गुस्सा
बहुत आता था, लगता
जीवन अब बचेगा नहीं।
मुझे २५ अक्टूबर २०२० को आयुष
ग्राम चिकित्सालय चित्रकूट
लाया गया। सूजन थी, साँस लेने में कठिनाई थी, भूख
नहीं लगती थी, जीवन लगता था कि बचेगा नहीं। सर ने
भर्ती होने की सलाह दी पर मैं भर्ती नहीं हुआ। जाँच
करवाने पर हेमोग्लोबिन ११.६, ब्लड
शुगर २७६.०, यूरिया
७१.०, क्रिटनीन ४.७, एल्ब्यूमिन
(३+) में आ रहा था।
➡️ यहाँ पर
डॉक्टर वाजपेयी जी ने कहा परेशान न हो, मैं
ठीक करूँगा, इंसुलिन
भी छुड़वाने की कोशिश करता हूँ।
➡️ एक दिन मेरा सुगर बहुत कम हो गया, मुझे
बेहोशी की हालत में आयुष ग्राम चित्रकूट
लाया गया, सर ने तुरन्त जाँच करवाई जाँच
में- हेमोग्लोबिन ९.६, ब्लड
शुगर ३१.५, यूरिया
६७.५, क्रिटनीन ५.१, एएलपी
१६५.५ फास्फोरस ५.४ आया। सर ने मुझे भर्ती किया और १५
दिनों तक भर्ती करके चिकित्सा करवायी, मेरी
इंसुलिन पूर्णत: बन्द हो गयी और अंग्रेजी दवायें भी बन्द हो गयीं, मेरा
क्रिटनीन भी घट गया। १ भी अंग्रेजी दवा नहीं चलायी गयी, केवल
आयुर्वेद से ही मेरा जीवन लौटा
दिया।
१५ दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया।
➡️ मैं हर माह दिखाने आता हूँ और फिर दवायें लेकर
जाता हूँ, बीच-बीच में पैसे न होने के कारण
दवायें बन्द भी हो जाती थीं। इस समय २२ जनवरी २०२१ की जाँच में
हेमोग्लोबिन १०.५, यूरिया
५४.६, क्रिटनीन ३.८, एएलपी
१३८.४, आरबीएस १६२.६ आ गया। इंसुलिन बन्द
है।
मेरी जो १५ साल से अंग्रेजी दवा सुगर की चल रही
थी धीरे-धीरे ३०-३० यूनिट इंसुलिन भी ५ सालों से ले रहा था, अन्य
दवायें भी अंग्रेजी ले रहा था वह सब बन्द हैं और शुगर नार्मल है।
मैं और मेरा पूरा परिवार बहुत खुश है कि मैं
काफी स्वस्थ हो गया, मेरा जीवन बच गया। इंसुलिन
से छुटकारा मिल गया। मैं डॉक्टर वाजपेयी और पूरे स्टॉफ को बहुत-बहुत धन्यवाद देता
हूँ।
लालबहादुर शुक्ला
ग्राम-मनका, पोस्ट- बरगढ़, जिला- कर्वी, चित्रकूट (उ.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
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