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अकरामुल हक (अध्यापक) |
मैं अकरामुल हक (48 वर्ष) बुलवाहा, छित्तौनी, कुशीनगर (उ.प्र.) से हूँ, पेशे से अध्यापक हूँ। 4 साल पहले मेरे पैरों में अचानक सूजन आ गयी, गोरखपुर में डॉक्टर आर.के.सी. मिश्रा
को दिखाया, जाँचे करवाई, तो थायराइड की
बीमारी का पता चला और किडनी की खराबी का पता चला, थायराइड की
दवा तो दे दी लेकिन अन्य समस्याओं के लिए पीजीआई लखनऊ के लिए रिफर कर दिया, पीजीआई लखनऊ
में जाँच करवाने पर यूरिया,क्रिटनीन बढ़ा आया और पेसाब में प्रोटीन (4+) में आया। पीजीआई लखनऊ में दो साल तक लगातार दवायें चली लेकिन
कुछ भी अन्तर नहीं आया।
तभी मेरे रिश्तेदार जो
अपनी पत्नी का इलाज आयुष ग्राम (ट्रस्ट)
चित्रकूट में करवा रहे हैं
के द्वारा आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट का पता चला। मैं 15 जुलाई 2020 को आयुष ग्राम चित्रकूट
पहुँचा, रजिस्ट्रेशन हुआ फिर नम्बर आने पर मुझे ओपीडी-2 में डॉक्टर वाजपेयी जी का पास बुलाया गया। जब मैं उनके पास गया तो-
मुझे बहुत काजोरी थी, जाँचे तो सब पहले जैसे ही थी, पर आयुष ग्राम
चित्रकूट में करवाई गयी तो हेमोग्लोबिन 8.4, यूरिया78.7, क्रिटनीन 5.8 आया।
आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट
में 2 सप्ताह रहने की सलाह दी, यही यहाँ की चिकित्सा प्रक्रिया हसी। किडनी रोगी प्रथम 2 सप्ताह रखकर पंचकर्म और औषधियाँ
चलती हैं।
मैं तैयारी से ही गया था, डायलेसिस से बचना चाहता था, इलाज शुरू हो गया।
समय-समय पर जाँचे होती रही। 2 सप्ताह बाद मुझे 1
माह की दवा देकर डिस्चार्ज कर दिया गया। एक माह बाद फिर 2 सप्ताह के लिए भर्ती किया
गया। फिर घर बैठे दवाई, परहेज चल रहा है। मुझे शारीरक लाभ और नई स्फूर्ति आ गयी।
5 माह बाद- आज मुझे उपचार कराते 5 माह पूरे हो गये, इस समय मेरा क्रिटनीन 5.8 से घटकर 3.2 हो गयाम, यूरिया 65.2, हेमोग्लोबिन 8.8, प्रोटीन (3+) हो गया।
मैं डायलेसिस से बचा हुआ हूँ, स्वस्थ्य मेरा दिनों दिन अच्छा होता जा रहा है। मेरी अंग्रेजी दवायें बिल्कुल बंद हैं, थायराइड
नार्मल आ गयी और मुझे तो अब ऐसा लगता है कि अब कोई समस्या नहीं है, कमजोरी बिल्कुल खत्म हो गयी, उल्टियाँ जो कभी-कभी हो
जाती थीं वह बिल्कुल ठीक हैं, मेरे शरीर में एक नयी स्फूर्ति
है। मैं एहसानमन्द
हूँ, भगवान राम कि तपोभूमि में सेवा कर रहे आयुष ग्राम
(ट्रस्ट) चित्रकूट संस्था की।
जो इतनी अच्छी सेवा कर रहे हैं। मैं अध्यापक हूँ, मैंने देखा कि अगर ऊपर वाले ने आपकी उम्र रखी है आप धीरज रखकर
पूरे नियम, परहेज और आराम से यहाँ से चिकित्सा करेंगे और किसी
तरह की फिक्र नहीं रखेंगे, सब ऊपर वाले पर छोडकर इलाज करेंगे तो किडनी, हार्ट,रीढ़
के मरीज यहाँ से रोज़ जीवन पा रहें हैं। मैं अपनी बात सब जगह पहुँचाना चाहता हूँ।
बुलहावा (बौरा टोला), छित्तौनी, कुशीनगर (उ.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)
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