किडनी फेल्योर से बेटे को जीवन दान मिला : आयुष ग्राम चित्रकूट से !!

   

क्या ये सही नहीं है !!
किडनी और हृदय रोगों की चिकित्सा आयुष में बहुत ही उत्कृष्ट है, ऐसे रोगी जिनकी अंग्रेजी दवा खाते - खाते शरीर की जीवनीय शक्ति और व्याधिक्षमत्व शक्ति पूरी तरह से नष्ट हो जाती है ऐसे रोगियों को आयुष चिकित्सा बहुत ही परिणामोत्पादक, प्रभावशाली और जीवनदायिनी है, किन्तु लोगों में जागरूकता का आभाव है जन - जन को इसका प्रचार करना चाहिए। आज अंग्रेजी इलाज की स्थिति यह है कि पहले एक गोली से इलाज शुरू होता है धीरे-धीरे वह हार्टकिडनीलिवर का रोगी बन जाता है और फिरकभी भी बन्द न होने वाली दवाओं का सिलसिला चलने लगता है। जबकि आयुष चिकित्सा में दवायें धीरे-धीरे घटते-घटते बिल्कुल बन्द हो जाती हैं। ऐसे में आप सभी का पावन कर्तव्य बनता है कि पीड़ित मानव का सही मार्गदर्शन करें और उन तक जानकारी पहुँचायें, ताकि ऐसे पीड़ित मानव का कल्याण हो सके और लोग अंग्रेजी दवाओं के जाल से बच सकें 

डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
संस्थाध्यक्षआयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूटधाम (उ.प्र.) २१०२०५
Evidence based treatment (वैज्ञानिक प्रमाण युक्त चिकित्सा)

श्यामू साथ में उसकी माँ मंजू देवी 

➡️ मैं मंजू सिंह बेटा श्यामू (13 वर्ष) कक्षा 8 का छात्र है। हम बहुत गरीब परिवार से हैं, रहने वाले रुना कला थाना- गाजीपुर, फ़तेहपुर (उ.प्र.) से हैं। मेरा बेटा बहनों में सबसे छोटा है, घर में सबका लाड़ला है, जो माँगता था खाने को वही दिया जाता था, दुकान की चीजें बहुत खाता था।

➡️ 1 माह पहले स्कूल में बुखार आ जाने से स्कूल से घर आ गया, गाँव के डॉक्टर को दिखाया, दवायें चलीं, इंजेक्शन लगे, बुखार तो कम हो गया लेकिन गले में छाले पड गये।।

➡️ अब हम लोग गाजीपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में ले गये, 4 दिनों तक अंग्रेजी दवायें चलीं, इंजेक्शन व बोतल चढ़ाई गयीं लेकिन कोई आराम नहीं मिला तो हम लोग फ़तेहपुर के नर्सिंग होम में गये, वहाँ पर जाँचें हुयीं, जांच में किडनी में इंन्फेक्शन बताया गया, वहाँ पर सभी अंग्रेजी दवायें चलीं, 4-5 दिनों तक भर्ती रखा गया लेकिन कोई आराम नहीं हुआ।

➡️ फिर हम लोग कानपुर के अंजन हॉस्पिटल (प्राइवेट) ले गये, यहाँ पर जाँचें देखीं और भर्ती किया गया, मेरे बेटे के पेट में दर्द बहुत हो रहा था, सूजन पूरे शरीर में थी, गले में छालों के कारण कुछ खा-पी नहीं पा रहा था, कानपुर के गले के डॉक्टर ने देखा तो कुछ आराम मिल गया लेकिन और भी समस्यायें बढ़ती जा रहीं थीं।

➡️ यहाँ 4 दिनों तक ऐसे ही भर्ती रखा लेकिन बाद में आईसीयू में भर्ती करने के लिए बोलने लगे तो हम लोग उसे घर ले आये।


➡️ फिर उसी समय मेरे गाँव के एक व्यक्ति सुधाकर विश्वकर्मा जो 4 साल पहले आयुष ग्राम चित्रकूट में बहुत ही गंभीर अवस्था में लाये गये, किडनी फेल थी डॉक्टर डायलेसिस की बात कह रहे थे, यहाँ रहकर इलाज कराये थे और वह आज भी पूर्ण स्वस्थ हैं उनके द्वारा आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला।

➡️ हम लोग 23 दिसम्बर 2020 को अपने बेटे को लेकर सुधाकर जी के साथ आयुष ग्राम चित्रकूट आये, रजिस्ट्रेशन हुआ, फिर नम्बर आने पर डॉक्टर वाजपेयी जी के पास बुलाया गया उन्होंने सारी समस्यायें पूछीं और कुछ जाँचें करवाईं जाँच में किडनी में सूजन बतायी, पेशाब में प्रोटीन आ रहा था, पित्ताशय, आंतों में भी सूजन थी। हम लोग तो अनपढ़ हैं हम लोगों को इन सब का ज्ञान बिल्कुल नहीं था।

➡️ उन्होंने कहा की 2 सप्ताह के लिए भर्ती कर चिकित्सा करवानी पड़ेगी, हमने अपने बेटे को 2 सप्ताह के लिए भर्ती किया गया।

➡️ मेरा बेटे भर्ती होने से डर गया था क्योंकि जहाँ - जहाँ भर्ती हुआ था सभी जगह रोज़ - रोज़ इंजेक्शन, से परेशान हो गया था, उसे लग रहा यहाँ भी यही सब होगा लेकिन सब ने मेरे बेटे को समझाया यहाँ पर कुछ ऐसा नहीं होता है।

➡️ 2 सप्ताह भर्ती कर चिकित्सा करवायी गयी, जब हम बेटे को लेकर आये उस समय उसके पेट में दर्द बना रहता था, गला बहुत सूखता था, पानी पीने से उसके नाक से निकलने लगता था, पूरे शरीर में सूजन थी, अपने आप से करवट नहीं ले पा रहा था।

➡️ 2 सप्ताह भर्ती करके चिकित्सा हुयी, पंचकर्म हुआ, आयुर्वेद दवायें दी जातीं, नर्सें और डॉक्टर आते, समय-समय दवायें देते, रोगी को देखते, रोगी के हिसाब का खाना भी यहीं से मिलता, 2 सप्ताह में बेटा बहुत स्वस्थ हो गया, सिर्फ कमजोरी है और गले में पानी पीने से थोड़ी  समस्या होती है और सूजन तो बिल्कुल खत्म हो गयी, पेटे के दर्द में पूर्ण आराम हो गया।

➡️ मैं बहुत खुश और दु:खी भी हूँ। खुश इसलिए हूँ की मेरे बेटे ठीक हो गया। दुखी इसलिए हूँ की अंग्रेजी अस्पतालों में लूट गया।

➡️ मेरा बेटा रोज़ - रोज़ के इंजेक्शन, बोतलों से बच गया, इन सभी के कारण वह अन्य हॉस्पिटल से उसे लगा कि कहीं भी जाएंगे तो यही सब होगा लेकिन चित्रकूट में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे मेरा बेटा बहुत खुश है।

मंजू सिंह

रुना काला गाजीपुर, फ़तेहपुर (उ.प्र.)

डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी एक प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। शास्त्रीय चिकित्सा के पीयूष पाणि चिकित्सक और हार्ट, किडनी, शिरोरोग (त्रिमर्म), रीढ़ की चिकित्सा के महान आचार्य जो विगड़े से विगड़े हार्ट, रीढ़, किडनी, शिरोरोगों को शास्त्रीय चिकित्सा से सम्हाल लेते हैं । आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम, दिव्य चिकित्सा भवन, आयुष ग्राम मासिक, चिकित्सा पल्लव और अनेकों संस्थाओं के संस्थापक ।

इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
डॉ. अर्चना वाजपेयी

डॉ. अर्चना वाजपेयी एम.डी. (मेडिसिन-आयु.) में हैं आप स्त्री – पुरुषों के जीर्ण, जटिल रोगों की चिकित्सा में विशेष कुशल हैं । मृदुभाषी, रोगी के प्रति करुणा रखकर चिकित्सा करना उनकी विशिष्ट शैली है । लेखन, अध्ययन, व्याख्यान, उनकी हॉबी है । आयुर्वेद संहिता ग्रंथों में उनकी विशेष रूचि है ।

   मोब.न. 9919527646, 8601209999
 website: www.ayushgram.org



  डॉ मदन गोपाल वाजपेयी         आयुर्वेदाचार्यपी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी.साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद)एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
 प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन 

डॉ परमानन्द वाजपेयी                                                एम.डी. (एस.&पी.मेडिसिन-आयु0)    
                             

डॉ अर्चना वाजपेयी                              एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)     

   

 

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