![]() |
मो॰ वारिस अंसारी |
➡️ मैं मोहम्मद वारिस अंसारी (64 वर्ष) सीधी (म.प्र.) से हूँ, बिजली विभाग में क्लर्क पद से रिटायर्ड हूँ।
मुझे अक्टूबर 2020 में अचानक गैस की समस्या बहुत ज्यादा होने लगी, डकारें आने लगीं, सीने में दर्द, श्वास लेने में समस्या, सीढ़ियाँ चढ़ने में पेरशानी होती थी पर बीच-बीच में बैठना पड़ता था।
➡️ मैंने रीवा में दिखाया, वहाँ पर ईको व ईसीजी करवाया गया और कहा गया कि शायद ब्लॉकेज होने की सम्भावना है, एंजियोग्राफी करवाने कि सलाह दी, अंग्रेजी दवायें दी, पर जैसे ही अंग्रेजी दवायें खाना शुरू किया तो सीने में जलन और भी समस्यायें होने लगीं।
➡️ अब मैं नागपुर चला गया
वहाँ नागपुर के क्रिश्चियन हॉस्पिटल में दिखाया, वहाँ पर एंजियोग्राफी करवाई गयी और 80 % - 80 % के दो ब्लॉकेज बताये।
अब एंजियोप्लास्टी करवाने (स्टेंट डलवाने) की सलाह दी।
➡️ मैं
1 माह की मोहलत लेकर एलोपैथ दवायें लेकर घर आ गया पर जबकि नागपुर में कहा गया था कि जितनी जल्दी हो सके
उतनी जल्दी एंजियोप्लास्टी स्टेंट डलवा लें।
➡️ लेकिन मेरे घर में आने के बाद मेरे दो रिश्तेदारों ने आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूट की आयुष कार्डियोलोजी के बारे में बताया ये दोनों रिश्तेदार आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूट कि आयुष कार्डियोलॉजी में इलाज करा चुके थे और पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
➡️ मैं 18 नवम्बर 2020 को अपनी पत्नी सहित आयुष ग्राम चित्रकूट पहुँचा, रजिस्ट्रेशन हुआ, फिर ओपीडी-2 में डॉक्टर वाजपेयी जी के पास बुलाया गया, उन्होंने सारी जाँचें देखीं और कहा कि आप बिल्कुल परेशान न हों।
➡️ कोई एंजियोप्लास्टी व स्टेंट कि जरूरत नहीं पड़ेगी और न कोई अटैक आयेगा। मुझे 10 दिनों तक भर्ती रहकर चिकित्सा करवाने कि सलाह दी।
➡️ मैं पूरी तरह तैयारी से नहीं था इसलिए मैं घर आ गया और 5 दिन बाद फिर जाकर भर्ती हों गया और 10 दिनों तक भर्ती रहकर चिकित्सा हुयी। अरे ! बड़ी आराम दायक, शांति वाली चिकित्सा। दवायें चली,।
➡️ मुझे 10 दिनों की चिकित्सा से ही 25% आराम मिल गया, न कोई चीर-फाड़, न स्टेंट, सर्जरी। साँस फूलना कम हो गयी, मैं आराम से चलने लगा, अब बीच में बैठना नहीं पड़ता, मुझे एक माह कि दवा देकर डिस्चार्ज कर दिया गया। मैंने 1 माह की दवायें घर में रहकर खायीं और 10 दिनों के लिए लिए भर्ती हो गया। क्योंकि आयुष ग्राम (ट्रस्ट) में दो बार 10-10 दिनों के लिए भर्ती होने कि सलाह दी गयी थी। यहाँ की चिकित्सा में कोई चीड़-फाड़ नहीं, सुई-इंजेक्शन नहीं। केवल आयुर्वेदीय चिकित्सा, ह्रदयबस्ति, शिरोधारा, निरूह, अनुवासन आदि होता है। उचित खान-पान दिया जाता है। दवायें दी जाती है।
➡️ आपको बता दूँ कि जहाँ अंग्रेजी डॉक्टर कह रहे थे कि आपको हार्ट में बिना छ्ल्ला डलवाये जीवन ही नहीं चल सकता, कभी भी अटैक आ सकता है वहीं आयुष कार्डियोलॉजी चित्रकूट की चिकित्सा से मुझे इस समय 70% से ज्यादा आराम है, ऑपरेशन से बच गया । मेरी सारी अंग्रेजी दवायें भी बन्द हो गयीं और मैं अब खूब चल फिर लेता हूँ, सीढ़ियाँ उतरकर टहलने चला जाता हूँ।
➡️ सीने में कभी-कभी हल्का भारीपन लगता है । मैं बहुत खुश हूँ कि आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट ने मुझे एंजियोप्लास्टी (स्टेंट) से बचा लिया और मुझे इतनी जल्दी 70% बीमारी से निजात दिला दिया। क्योंकि मैं देखता हूँ कि स्टेंट डलवाने वाले, बाईपास सर्जरी वाले परेशान हो रहे हैं, बार बार ब्लॉकेज और कमजोरी कि समस्या में पड़े रहते है। किन्तु इस चिकित्सा से रोज़ का रोज़ नई ताकत मिलती है। मैं कहता हूँ कि यह बात झूठी है कि बिना स्टेंट या एंजियोप्लास्टी के तुरन्त मौत हो जाती है। मेरी बात सब जगह पहुँचायें।
मोहम्मद वारिस अंसारी
98/3 के. इन्दिरा गाँधी वार्ड नम्बर-18, बनास कोटाहा, सीधी (म.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
0 टिप्पणियाँ