प्रेमचन्द्र पटेल पुत्र श्री मोतीलाल पटेल
➡️ मैं
प्रेमचन्द्र पटेल मेरे पिता जी मोतीलाल पटेल (उम्र ७०) स्थान- हरसोस, बनारस
(उ.प्र.) से हैं। मेरे पिता जी एक बिजनेसमैन हैं। इन्हें
४ साल से सुगर की समस्या थी तभी से अंग्रेजी दवा लेने लगे थे, तभी
से ब्लडप्रेशर की भी समस्या होने लगी उसकी भी अंग्रेजी दवा लेने लगे।
➡️ २८ मार्च २०१९ को साँस लेने में समस्या होने
लगी तो हम उन्हें हेरीटेज हॉस्पिटल बनारस ले गये, वहाँ
पर सारी जाँचें हुयीं, जाँच में किडनी की समस्या का पता
चला। ४-५ दिनों तक दवायें खायीं लेकिन कोई आराम नहीं मिला।
फिर ओपल हॉस्पिटल बनारस ले गये, वहाँ
पर फिर से जाँचें हुयीं जाँच के बाद डायलेसिस के लिए बोल दिया गया लेकिन डायलेसिस
नहीं करवाई और ३-४ माह तक दवायें चलीं, क्रिटनीन
घटता-बढ़ता रहता था। फिर मुझे मेरे एक रिश्तेदार डॉ. गुलाब सिंह, बनारस
के द्वारा आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट के
बारे में पता चला।
हम आयुष ग्राम
चित्रकूट
पहुँचे। वहाँ रजिस्ट्रेशन हुआ, फिर नम्बर
आने पर ओपीडी-२ में डॉक्टर वाजपेयी जी के पास बुलाया
गया। जब हम पिता जी को लेकर उनके पास गये तो उस समय
निम्न समस्यायें थी-
➡️ पिता जी को कमजोरी बहुत थी, चक्कर आ रहे थे, उन्हें दो लोग पकड़ कर लाये थे
➡️ आँखों से साफ
दिखाई नहीं देता था, भूख
कम लग रही थी, पैरों
में सूजन थी, पेशाब
होने में समस्या थी।
➡️ जब मेरे भइया पिता जी को लेकर सर के पास
दिखाया तो उन्होंने कुछ जाँचें करवायीं जाँच में-
हेमोग्लोबिन ६.७, क्रिटनीन
११.४, यूरिया २९३.२, यूरिक
एसिड ९.७, एएलपी
१६६.४ आया। उन्होंने तीन सप्ताह के लिए आयुष
ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट में
रखा गया।
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आयुष ग्राम चिकित्सालय में भर्ती होने के समय की रिपोर्ट |
➡️ चिकित्सा
शुरू हुयी, पंचकर्म, रोगी
के हिसाब से खान-पान दिया गया। दवायें चलती रहीं। हर सप्ताह खून की जाँच हुयी, हर
सप्ताह यूरिया, क्रिटनीन
घटता जा रहा था।
➡️ तीन सप्ताह
बाद डिस्चार्ज कर दिया गया, तब
से दवायें नियमित चल रही हैं और खान-पान का परहेज भी।
➡️ फिर ३०
दिसम्बर २०२० को जाँच करवाने पर हेमोग्लोबिन ८.०, यूरिया
१५०.६, क्रिटनीन ८.३, यूरिक
एसिड ७.५ एएलपी १४९.० आ गया। सारी समस्यायें खत्म हो गयीं।
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आयुष ग्राम में भर्ती रहकर चिकित्सा के बाद की रिपोर्ट |
➡️ आज ३ माह दवायें
करते हो गये, मेरे
पिता जी पूरी तरह स्वस्थ हैं।
➡️ ७० वर्ष की आयु में जहाँ सभी अंग्रेजी डॉक्टर
डायलेसिस की ही सलाह दे रहे थे वहीं आज मेरे पिता
जी बिना डायलेसिस व अंग्रेजी दवायें के इतने अच्छे हो गये हैं कि कह नहीं सकता।
➡️ अंग्रेजी डॉक्टरों ने किडनी में सिस्ट भी
बताया था, अंग्रेजी दवायें चलने के बाद कोई
आराम नहीं मिल पा रहा था, वहीं आज यहाँ की चिकित्सा से पूर्ण
स्वस्थ हैं। अब तो मैं अपने पिता जी को नहीं लेकर आता, जाँच
करवाने के बाद स्वयं मैं दवायें ले जाता हूँ।
➡️ २८ जनवरी
२०२१ की जाँच करवाने पर यूरिया ८०.०, क्रिटनीन
४.४५, यूरिक
एसिड ८.६५ आ गया।
चिकित्सा के 1 महीने बाद की रिपोर्ट
मैं और मेरा पूरा परिवार बहुत खुश
है कि मेरे पिता जी ७० साल की उम्र में बिना डायलेसिस व बिना अंग्रेजी दवाओं के आज
पूर्ण स्वस्थ हैं, यह
हम लोगों के लिए चमत्कार ही है। हम लोग इस चिकित्सा संस्थान का व सभी कर्मचारियों
को शुभकामनायें देता हूँ और भगवान् से प्रार्थना करता हूँ कि यह खूब तरक्की करें
जिससे हम जैसे लोगों की सहायता हो सके।
प्रेमचन्द्र पटेल पुत्र श्री मोतीलाल पटेल
ग्राम/पोस्ट हरसोस, वाराणसी (उ.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
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