➡️ मैं नीलम सोनी (42 वर्ष), पति श्री पवन सोनी, वार्ड नं.-38, तुलसी गौशाला चौक, सतना (म.प्र.) से हूँ। मेरा पति श्री पवन सोनी बिजनेस करतें हैं। मुझे 18 साल पहले जोडों मेंदर्द होने लगा था, चलने में आवाज आने लगी थीं। मैंने ऐसे ही दर्द की दवायें लेकर खाती रहती थी, पर धीरे-धीरे पूरे शरीर में जकड़न होने लगी, अब मैं दिन में 2-3 बार पेन किलर होने लगी। मैंने सबसे पहले प्रयागराज में दिखाया, वहाँ जाँचे हुयीं डॉक्टर ने गठिया की समस्या बतायी, दवाएं चलीं लेकिन कोई आराम नहीं मिला।
➡️ फिर मैंने व नागपूर में दिखाया वहाँ भी गठिया की ही समस्या बतायी, काफी दिनों तक दवाएं चलीं लेकिन कोई आराम नहीं मिला, पेन किलर 2-3 बार लेनी ही पड़ती थी और धीरे-धीरे मैं अपंग होने लगा।
दवाएं खाते-खाते मुझे
10-12 साल पहले ज्वाइन्डिस की भी समस्या हो गयी थी, उसके लिए
पहले प्रयागराज में 1 हफ्ते भर्ती रही फिर नागपूर में 1 माह भर्ती रही, दवाएं चलीं आराम मिल गया।फिर मैंने गठिया के लिए ऐसे ही एक वैघ जी से
आयुर्वेदिक दवायें भी खायीं कोई लाभ नहीं हुआ। घरेलू दवायें मैं 18 सालों से चल ही
रही थी, जो जैसा बताता था वैसे ही करती थी।
➡️ अब दवायें खाते-खाते मुझे 2 साल से सुगर व ब्लडप्रेशर की समस्या हो गयीं, इसकी भी अंग्रेजी दवायें चलीं। मार्च 2020 से मुझे बहुत समस्यायें होने लगीं –
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प्रयागराज हॉस्पिटल की रिपोर्ट |
➡️ सभी जोड़ों में दर्द व सूजन
आ गयी थी, धोखे से छू जाने में दर्द होता था।
➡️ मेरा चलना-फिरना बिल्कुल बंद हो गया, अपने आप से से करवट तक नहीं ले पाने लगीं, मैं अपने से एक सीधी भी नहीं चढ़ पाती थी। शुगर व ब्लडप्रेशर की कई और भी सारी दवाएं पेन किलर दवाएं ले रहीं थी।
➡️ मैं बहुत परेशान हो गयी थी, मैं अपनी जिन्दगी से हर मान ली थी, मुझे सभी-पैथी से सभी प्रकार की दवायें खाकर परेशान हो गयी।
➡️ फिर उसी समय मेरे पति को किसी व्यक्ति के द्वारा आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला। मैं 11 अक्टूबर 2020 को आयुष ग्राम चित्रकूट अपनी माँ के साथ आयी, रजिस्ट्रेशन हुआ फिर ओपीडी-2 में डॉक्टर वाजपेयी जी के पास बुलाया गया उन्होंने देखा और कुछ जाँचे करवायीं, जाँच में गठिया की ही समस्या बतायी।
➡️ उस समय भी बिल्कुल चल नहीं पा रहीं थी। उन्होंने कहा आप बिल्कुल परेशान न हो, रोग तो 18 साल से पुराना है ही लेकिन मैं आप को चलाऊँगा, यह कहकर 2 सप्ताह बरती रहकर चिकित्सा करवाने की सलाह दी, मैं आयुष ग्राम चित्रकूट में भर्ती हो गयी चिकित्सा शुरू हुयी, मेरी इन 15 दिनों में सिर्फ शुगर की अंग्रेजी दवायें छोडकर सारी दवायें बंद हो गयीं थी और 10 से 20% तक गठिया में आराम भी मिल गया था, फिर 2 सप्ताह बाद डेढ़ माह की दवायें देकर घर भेज दिया, फिर पुन: 3 जनवरी 2020 को 2 सप्ताह के लिए भर्ती होकर चिकित्सा करवायी, इन 2 सप्ताह में 50% आराम मिल गया।
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आयुष ग्राम में भर्ती होने के 2 सप्ताह बाद की रिपोर्ट |
➡️ मैं बहुत खुश हूँ कि मैं जीवन से हर गयी थी पर मेरी 18 साल की बीमारी सभी
आयुर्वेद, घरेलू दवायें, अंग्रेजी
दवायें खा-खाकर परेशान हो गयी, यहाँ पर सिर्फ 2 माह में ही 50% से ज्यादा
आराम मिल गया। मैं और मेरा पूरा परिवार बहुत खुश है। व पूरे
अस्पताल परिवार को धन्यवाद देती हूँ जो 18 साल की बीमारी को 2 माह में सिर्फ आयुर्वेद चिकित्सा से मुझे
50% आराम मिल गया। अब मैं बहुत जल्द पहले जैसे काम कर पाऊँगी, मैं पूर्ण स्वस्थ हो जाऊँगी। एस विश्वास है।
➡️ मैंने देखा कि चित्रकूट
सूरजकुण्ड रोड में आयुष ग्राम ऐसा आयुष चिकित्सा संस्थान है जो
पूर्ण वैज्ञानिक तरीके से आयुष चिकित्सा होती है
डॉक्टरों, नर्सें, फर्मासिस्ट का स्टॉफ है। सम्पूर्ण चिकित्सा
कि व्यवस्था है अत: गठिया, रीढ़, हार्ट, किडनी के रोगी यहाँ से नया जीवन पते हैं बस, रोगी यहाँ कि पूरी सलाह माने तो मेरी तरह ही लोगों को जिन्दगी मिलती है।
नीलम सोनी
पत्नी श्री पवन सोनी
वार्ड नं॰-38, कल्लू बर्तन वाले के पास, तुलसी गौशाला चौक, सतना (म॰प्र॰)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
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