➡आयुष ग्राम ने बचाया रीढ़ के ऑपरेशन से! मैं तो लेटे-लेटे ही भोजन करती थी!!

➡आयुष ग्राम ने बचाया रीढ़ के ऑपरेशन से!  मैं तो लेटे-लेटे ही भोजन करती थी!!

➡ मैं सोम प्रभा पत्नी श्री विनय कुमार  (उम्र ३१) कृष्णा नगर बिहार , आगरा रोड, एटा (उ.प्र.) से हैं। 

                            

मुझे २७ दिसम्बर २०२० को अचानक कमर से लेकर नीचे बायें पैर में बहुत तेज दर्द हो रहा था, चलना-फिरना        बन्द हो गया, मुझे आगरा के एक हॉस्पिटल में ले जाया गया, वहाँ पर एमआरआई होने के बाद डॉक्टर ने कहा       कि पैर की २ नसें दबी हुयी हैं, जिसका सर्जरी किये बिना ठीक नहीं हो सकता, पर मैंने स्वयं ऑपरेशन के लिए          मनाकर कर दिया और घर आ गये।


                                          


फिर अलीगंज में दिखाया वहाँ पर दिन में २ बार दर्द का इंजेक्शन व पेनकिलर चलने लगीं और २५ दिनों तक          फिजियोथैरेपी करवाई, ले १³ भी आराम नहीं मिला। 

तभी मुझे एक पड़ोसी महिला, उसे भी सर्जरी की सलाह दी गयी थी, वह आयुष ग्राम (ट्रस्ट), सूरजकुण्ड रोड,          चित्रकूट के चिकित्सालय से इलाज करवाकर बिल्कुल स्वस्थ है के द्वारा चित्रकूट के आयुष ग्राम ट्रस्ट के              आयुष ग्राम चिकित्सालय के न्यूरो स्पाइन ट्रीटमेण्ट का पता चला कि यहाँ बिना ऑपरेशन पंचकर्म और                आयुर्वेद औषधियों से रीढ़ की बीमारी ठीक हो जाती है। 

मुझे १९ फरवरी २०२१ को मेरे पति आयुष ग्राम चित्रकूट लेकर आये, रजिस्ट्रेशन हुआ, फिर मुझे ओपीडी नं.-२        में डॉक्टर साहब ने देखा, उस समय मुझे पकड़कर लेकर आया गया। दर्द के कारण रोते हुए आई, दर्द के                  इंजेक्शन दिन में २ बार लग रहे थे और पेनकिलर भी, फिर भी दर्द बहुत ज्यादा था। लेटे-लेट भोजन कर रही         थी, उठना-बैठना तो दूर लेटने में भी चीटीं जैसी काटती थीं।




सर ने कहा आप बिल्कुल परेशान न हों आपको ४५ दिन के अंतर में १५-१५ दिन यहाँ रहकर पंचकर्म लेना             होगा  दवायें भी चलेंगी। हर माह १०³ आराम मिलेगा और ९ माह में ९०³ स्वस्थ हो जाओगी, इसके लिए सर ने       पहले २ सप्ताह के लिए भर्ती रखा गया, मेरी चिकित्सा शुरू हुयी। पहले सप्ताह से ही पेनकिलर व इंजेक्शन          बन्द करवा दी गयीं। फिर ४५ दिन के बाद २ सप्ताह भर्ती रही, मैं ७वें माह से अपने घर का काम स्वयं करने            लगी।

मैं बहुत खुश हूँ कि जहाँ एलोपैथ में मुझे तुरन्त सर्जरी की सलाह दी गयी और मैं जहाँ दिन में २ बार दर्द के           पेनकिलर व इंजेक्शन लगने के बावजूद भी कोई आराम नहीं था, अपना स्वयं का कार्य नहीं कर पाने के लिए         मजबूर थी यहाँ तक कि भोजन भी लेटे-लेटे ही करती थी। 

आज मुझे आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट ने एक नई जिन्दगी दी, मेरी तो आशा ही नहीं रह गयी थी कि          मैं  कभी भी चल भी पाऊँगी, अपने आपको एक लाचार और बेसहारा समझने लगी थी। 

यहाँ के डॉक्टर साहब ने ९ माह में ९०³ आराम की बात कही थी, मुझे तो ७ माह में ही ९०³ से ज्यादा आराम मिल गया, मैं तो सोचती रहती थी कि ३१ वर्ष की आयु है मेरे ये बच्चे ११ वर्ष का लड़का व ६ वर्ष की लड़की है इनका भविष्य क्या होगा, मैं तो अपंग ही हो गयी थी लेकिन आज मैं स्वयं का तो काम करती ही हूँ और पूरे घर का भी काम कर पाने लगी हूँ। मैं तो कहती हूँ कि किसी को भी ऐसी परेशानी हो तो जरूर आयुष ग्राम ट्रस्ट के आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट पहुँचें। मेरी तरह आपको भी लाभ मिलेगा ऐसी आशा रखें।


-श्रीमती सोमप्रभा पत्नी श्री विनय कुमार नगर बिहार , आगरा  रोड, एटा        (उ.प्र.) मोबा.नं.- 9675370046

क्या ये सही नहीं है !!
किडनी और हृदय रोगों की चिकित्सा आयुष में बहुत ही उत्कृष्ट है, ऐसे रोगी जिनकी अंग्रेजी दवा खाते - खाते शरीर की जीवनीय शक्ति और व्याधिक्षमत्व शक्ति पूरी तरह से नष्ट हो जाती है ऐसे रोगियों को आयुष चिकित्सा बहुत ही परिणामोत्पादक, प्रभावशाली और जीवनदायिनी है, किन्तु लोगों में जागरूकता का आभाव है जन - जन को इसका प्रचार करना चाहिए। आज अंग्रेजी इलाज की स्थिति यह है कि पहले एक गोली से इलाज शुरू होता है धीरे-धीरे वह हार्टकिडनीलिवर का रोगी बन जाता है और फिरकभी भी बन्द न होने वाली दवाओं का सिलसिला चलने लगता है। जबकि आयुष चिकित्सा में दवायें धीरे-धीरे घटते-घटते बिल्कुल बन्द हो जाती हैं। ऐसे में आप सभी का पावन कर्तव्य बनता है कि पीड़ित मानव का सही मार्गदर्शन करें और उन तक जानकारी पहुँचायें, ताकि ऐसे पीड़ित मानव का कल्याण हो सके और लोग अंग्रेजी दवाओं के जाल से बच सकें 

डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
संस्थाध्यक्षआयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूटधाम (उ.प्र.) २१०२०५
Evidence based treatment (वैज्ञानिक प्रमाण युक्त चिकित्सा)




      


डॉ मदन गोपाल वाजपेयी         आयुर्वेदाचार्यपी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी.साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद)एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
 प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन 

डॉ परमानन्द वाजपेयी                          एम.डी. (एस.&पी.मेडिसिन-आयु0)    
                             

  डॉ अर्चना वाजपेयी           एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)  


सरकार आयुष को बढ़ाये मानव का जीवन बचाये!!
     सरकार को फिर से भारत में अंग्रेजी अस्पताल और अंग्रेजी मेडिकल कॉलेजों की जगह अच्छे और समृद्ध आयुष संस्थान खोलने चाहिए तथा उनसे पूरी क्षमता से कार्य लेना चाहिए। इससे भारत का मानव हार्ट के ऑपरेशनछेड़छाड़ स्टेंट और डायलिसिस जैसी स्थितियों से बचकर और हार्ट को स्वस्थ रख सकेगा। क्योंकि हार्ट के रोगी पहले भी होते थे आज भी होते हैं और आगे भी होते रहेंगे। जिनका सर्वोच्च समाधान आयुष में है। आयुष ग्राम चित्रकूट एक ऐसा आयुष संस्थान है जहाँ ऐसे-ऐसे रस-रसायनों/ औषध कल्पों का निर्माण और संयोजन करके रखा गया है जो जीवनदान देते हैं। पंचकर्म की व्यवस्था एम.डी. डॉक्टरों के निर्देशन में हो रही हैपेयाविलेपीयवागू आदि आहार कल्पों की भी पूरी उपलब्धता है इसलिये यहाँ के ऐसे चमत्कारिक परिणाम आते हैं।


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