मेरे जीजा जी डायलेसिस से बचे आयुष ग्राम से ॥
मेरा नामे अरविंद कुमार गुप्ता है , मेरे जीजा जी श्री राम सजीवन गुप्ता (उम्र 55) हम लोग ग्राम -पूरा , प्रतापगढ़ ( उ. प्र.) से है
मेरे जीजा जी को 24 सितम्बर 2021 को अचानक उल्टी व दस्त बहुत होने लगे तो घर के लोग उन्हे प्रतापगढ़ के एक प्राइवेट हॉस्पिटल मे ले गए वहा पर एक दिन तक भर्ती रखकर अँग्रेजी द्वाए चली, थोड़ा आराम मिलने पर घर ले आया गया, घर ले आने के बाद अचानक फिर से उल्टी व दस्त की समस्या होने लगी तो हम लोग उन्हे जौनपुर ले गए , वहा पर जाते जाते वो बेहोश हो गए, जौनपुर मे जाँचे हुई, जांच मे - बीएसआर 162.4 यूरिया 89.40, क्रिटनीन 4.26 सोडियम 132.7, बिल्यूर्बीन 1.33 आया जौनपुर मे 3 डीनो तक भर्ती रखा गया, कुछ आराम मिलने पर डायलेसिस करवाने के लिए रिफर कर दिया गया ।
फिर हम लोग वाराणसी बीएचयु ले गए वहा पुनः जाँचे हुई जांच मे - यूरिया 164.6, क्रिटनीन 7.5आया । जांच आने के बाद यहा भी तुरंत डायलेसिस के लिए बोल दिया गया । 2 दिन तक एमरजेंसी रखा गया ।
हम लोग परेशान हो कर प्रतापगढ़ वापस ले आए घर आने बाद हमारे गाव के एक पड़ोसी व्यक्ति जो खुद स्वयं आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट मे रहकर किडनी का उपचार करवा रहे थे उनके द्वारा चित्रकूट के आयुष ग्राम ट्रस्ट के चिकित्सालय के बारे मे पता चला ।
हम लोग 30 सितम्बर 2021 को को आयुष ग्राम ट्रस्ट सूरज कुंड रोड , चित्रकूट आ गए वहा पर रजिस्टेशन करवाया गया फिर सारी स्मसयाए पूछी गई और कुछ जाँचे करवाई गई जांच मे यूरिया 106.8 क्रि ट निन 5.1 सोडियम 132.8, हेमोब्लोबिन 7.1 मे आया उस समय बहुत स्मसयाये थी -
भूख बिल्कुल नही लग रही थी , काथेटर पड़ा हुआ था , कमजोरी भूत ज्यादा थी, सिर मे दर्द बीएचटी ज्यादा था, कमर मे दर्द था, कमजोरी के कारण सहारे से चलना पड़ता था। सर ने सब कुछ , सभी जाँचे देखि और भर्ती कर लिया ।
मे अपने जीजा जी के साथ रह गया, सभी समय से द्वाए, पंचकर्म चिकित्सा शुरू हुयी।मेरे जीजा जी को आज 10 दिन पूरे हो गए है , इस समय उन्हे बहुत आराम है सारी अँग्रेजी द्वाए बंद कर दी गई और 8 ओक्टोबर 2021 की जांच करवाने पर बीएसआर 218, यूरिया 48.9 , क्रिटनीन 1.6 आया ।
मेरे जीजा जी केवल 10 दिनो मे डायलेसिस से बच गए और शारीरिक व पथोलाजिकल भी इतना अच्छा परिणाम आ गया की हम सभी परिवार वाले बहुत खुश है जहा पर पर सभी जगह सिर्फ डायलेसिस की ही बात कही गई वही आज सिर्फ आयुष ग्राम ट्रस्ट सूरज कुंड रोड चित्रकूट से मेरे जीजा जी पूर्ण स्वास्थ्य है
मे अपने जैसे सभी किडनी रोगियो से यही कहना चहुगा कि सभी को इस बीमारी के लिए केवल एक मात्र डायलेसिस ही सहारा नही समझना चाहिये बिना डायलेसिस के भी हम सब वैदिक चिकित्सा से भी एक नया जीवन दान पा सकते है ।
- अरविंद कुमार गुप्ता , रामसजीवन गुप्ता , ग्राम/पोस्ट - पूरा, प्रतापगढ़ (उ. प्र.)
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)
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