ऐसे गम्भीर किडनी रोगियों तक में जीवन देता आयुष ग्राम चित्रकूट !!
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श्री रामधनी मौर्य, पुत्र महेशचन्द्र मौर्य |
➡ मेरा नाम महेशचन्द्र मौर्य, मेरे पिता जी श्री रामधनी मौर्य (उम्र ६०),ग्राम- बेलाखास सरायममरेज (हण्डिया), प्रयागराज (उ.प्र.) के रहने वाले हैं, मेरे पिता जी किसान हैं।
➡ मेरे पिता जी को 12 सालों से सुगर (मधुमेह) की समस्या थी, तभी से एलोपैथिक दवा ले रहे थे।
➡ 31 जुलाई 2021 को अचानक मेरे पिता जी की पेशाब रुक गई, हम लोग पास के ही पटेल हॉस्पिटल प्रतापपुर, प्रयागराज लेकर भागे, वहाँ पर भर्ती किया गया और वहाँ कैथेटर डाला गया और जाँच में किडनी फेल बताया गया, 8 दिनों तक भर्ती रखा और कुछ आराम मिलने पर घर भेज दिया गया, घर में कैथेटर निकलवाने के बाद फिर से समस्या होने लगी, हम लोग फिर से पटेल हॉस्पिटल लेकर गये, फिर से कैथेटर डाल दिया गया और 3 दिनों तक भर्ती रखा गया। फिर 1 सप्ताह तक घर में रहे, 1 सप्ताह में अब और समस्या होने लगी, चलना-फिरना, बोलना सब धीरे-धीरे बन्द हो गया, हाथ पैरों में कम्पन होने लगा, भूख मर गयी।
➡ हम लोग जीवनशक्ति हॉस्पिटल प्रयागराज ले गये, वहाँ पर सारी जाँचें हुयीं, जाँच में किडनी फेल बताकर डायलेसिस की सलाह दी गयी
➡ उसी समय मुझे एक डॉक्टर के द्वारा आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय के बारे में पता चला, मुझे आयुर्वेद में पहले से ही बहुत भरोसा था पर समस्या यह कि सब जगह बड़े और अच्छे आयुर्वेद के हॉस्पिटल हैं नहीं। पर जैसे ही चित्रकूट आयुष ग्राम ट्रस्ट का पता चला तो मैं सीधे 29 अगस्त को अपने पिता जी को लेकर आयुष ग्राम चिकित्सालय, सूरजकुण्ड रोड, चित्रकूट पहुँचा,वहाँ जाँचें हुयीं,
जाँच में- हेमोग्लोबिन 11.7, शुगर 394.8, यूरिया 299.2, क्रिटनीन 8.7, यूरिक एसिड 8.4, कैल्शियम 8.1, सोडियम 114.8, पोटैशियम 5.6, फास्फोरस 8.0, पेशाब में ग्लूकोज (++), एल्बूमिन (+++), पल्ससेल (25-30) आया।
उस समय बहुत ही इमरजेन्सी थी-
➡ चलना-फिरना, बोलना बिल्कुल बन्द था, ओपीडी में व्हील चेयर में लाया गया था।
➡ भूख बिल्कुल नहीं लग रही थी, कमजोरी बहुत थी।
➡ कैथेटर डालने पर पेशाब हो रही थी, हाथ-पैरों में कम्पन हो रहा था।
➡ वहाँ के किडनी रोग के विभाग में डॉक्टर साहब ने जाँचें देखीं और 15 दिनों के लिए भर्ती करने की सलाह दी, मैंने भर्ती कर दिया। चिकित्सा शुरू हुयी, पिता जी को पहले दिन से ही लाभ मिलने लगा।
➡ पहले सप्ताह में ही मेरे पिता जी बोलने लगे और उठकर बैठने लगे, 15 दिनों की चिकित्सा से मेरे पिता जी को काफी आराम मिल गया।
➡ अब वह चलने-फिरने, बोलने लगे हैं, अपने आप से चलकर पंचकर्म विभाग तक जाने लगे और सीढ़ियाँ उतरकर नीचे आ जाने लागे, भूख भी लगने लगी, कमजोरी पहले से कम हो गयी। हाथ-पैरों का कम्पन खत्म हो गया।
➡ 10 सितम्बर को जाँच करवाने पर हेमोग्लोबिन 8.0, यूरिया 299.2 से घटकर 120.5, क्रिटनीन 8.7 से घटकर 3.7, यूरिक एसिड 8.4 से घटकर 7.6, कैल्शियम 8.1 से बढ़कर 9.4, सोडियम 114.6 से बढ़कर 134.6, पोटैशियम 5.6 से घटकर 4.5, फास्फोरस 8.0 से घटकर आया।
➡ आज 15 दिनों के बाद सर ने 1 माह की दवायें लिखीं। पिता जी को डिस्चार्ज किया गया और इस समय सारी अंग्रेजी दवायें भी बन्द हैं। यदि चित्रकूट आयुष ग्राम की जानकारी न मिलती तो मेरे पिता जी डायलेसिस पर होते। मैं चाहता हूँ कि आप मेरी बात सब जगह पहुँचायें ताकि दूसरे लोग भी लाभ उठा सकें।
- महेशचन्द्र मौर्य,
पुत्र श्री रामधनी मौर्य,
ग्राम- बेलाखास सरायममरेज हण्डिया,
प्रयागराज (उ.प्र.) मोबा.नं.- ९०८६५४३०१०
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
(सुपर स्पेशलिटी आयुर्वेद हॉस्पिटल)

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
1 टिप्पणियाँ
जय आयुषग्राम
जवाब देंहटाएंजय आयुर्वेद