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जयेन्तु गोस्वामी साथ में माता जी जसुमति गोस्वामी |
➡ मैं जयेन्तु गोस्वामी, मेरी
माता जी श्रीमती जसुमति गोस्वामी (उम्र ६२ वर्ष) हम लोग मोरवी (राजकोट), गुजरात
से हैं।
➡ मेरी माँ को २ साल से
हल्का-हल्का कन्धों में दर्द रहता था तो हम लोग पेन किलर दवायें खिला देते थे तो
आराम मिल जाता था।
➡ इधर १५ मई २०२० से भूख कम लगने लगी, मुँह
का स्वाद कड़वा हो जाता, बुखार, कमजोरी, खून
भी कम होने लगा, पूरे शरीर में दर्द इसके चलते हम
लोग ब्रज हॉस्पिटल गुजरात में कोविड-१९ की जाँच करवाया तो कोविड-१९ निगेटिव था। तो
उन्होंने ४-५ दिन की अंग्रेजी दवायें दी और हम घर वापस आ गये। फिर ५-६ दिन बाद
बुलाया तो अंग्रेजी डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने कहा कि कैंसर की
संभावना बतायी और कुछ जाँचें करवायीं जाँच में कैंसर का पता
चला।
➡ हमने सिविल हॉस्पिटल अहमदाबाद में अंग्रेजी
डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने कहा कि आपको कीमोथैरेपी करवाना पड़ेगा, हम
लोग वहाँ से डर के कारण चले आये और हम लोग सोचने लगे की कैसे होगा।
➡ अब हम एक आयुर्वेद डॉ. प्रवीण गिरी गोस्वामी
को दिखाया जो डॉ. वाजपेयी जी के शिष्य हैं। वे हमेशा आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट आते रहते हैं। उन्होंने आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पूरी जानकारी दी। कहा
कि आप यहाँ चले जायें, यहाँ आपकी माँ कीमोथैरेपी से बच
सकती हैं। इसके बाद पनगरा के स्वामी कृष्णानन्द महाराज जी द्वारा भी कुछ जानकारी
और प्रेरणा प्राप्त हुयी।
➡ अब हम लोग १९ मई २०२१ को आयुष ग्राम चित्रकूट पहुँचे, पहले
रजिस्ट्रेशन हुआ, नम्बर आने पर ओपीडी-१ में डॉ.
महेन्द्र त्रिपाठी के पास बुलाया गया। उस समय माता जी को बहुत समस्यायें हो रहीं
थी-
➡ भूख न लगना, मुँह का स्वाद कड़वा हो जाता था, बुखार, कमजोरी, खून की कमी, पूरे शरीर
में दर्द, बिल्कुल भी चल नहीं पातीं थीं आदि समस्यायें थीं।
➡ आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट के डॉ. महेन्द्र त्रिपाठी जी ने सारी समस्यायें पूछीं और जाँचें करवायीं।
जाँच रिपोर्ट आने पर उन्होंने १५ दिन के लिये भर्ती होने की सलाह दी, हम
लोग भर्ती हो गये, चिकित्सा शुरू हो गयी, ५-६
दिन में काफी आराम मिलने लगा। यहाँ की
चिकित्सा में न कोई इंजेक्शन, न कोई चीर-फाड़। केवल आयुर्वेदीय पद्धति से ही चिकित्सा है।
केवल पंचकर्म, रसौषधियाँ, काढ़े, घनसत्व आदि दिये जाते रहे। रोज सुबह डॉक्टर हमारे कमरे में
आते, माता जी को देखते और चिकित्सा लिखते।
➡ जब हम लोग यहाँ आयुष ग्राम (ट्रस्ट)
चित्रकूट में
आये थे तो ऐसा लग रहा था कि मेरी माता जी १०-१५ दिन की मेहमान हैं लेकिन आयुष ग्राम चित्रकूट के पावन भूमि में आकर मेरी माता
जी को नया जीवनदान प्राप्त हो गया।
एक सप्ताह
बाद जब जाँच हुयी तो सीआरपी ४२.७ से घटकर १४.७ तक आ गया। और भी रिपोर्टें पॉजिटिव
रहीं जिन्हें देखकर हम बहुत खुश हुये कि कमजोरी, घबराहट, भूख लगने
लगी, बुखार भी ठीक हो गया आदि समस्यायें ठीक हो गयीं।
➡ माता जी की सेहत में सुधार देखकर और पाकर हम
कितना खुश हैं बता नहीं सकते। यहाँ की चिकित्सा से हमारी माता जी बिल्कुल ठीक हैं।
हम
आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट के पूरे स्टॉफ को धन्यवाद देते हैं जिसके कारण हमारी
माता जी को नया जीवन मिल गया। हम कहते हैं कि जब भी किसी को ऐसी समस्या हो तो सबसे
पहले आयुर्वेद चिकित्सा अपनायें।
जयेन्तु गोस्वामी
कुबेर नगर-४, बावड़ी रोड मोरवी, राजकोट (गुजरात) ३६३६४१
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)
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