डायलेसिस में जाने के पहले लगता था कि खुदकुशी कर लूँ !!

 

क्या ये सही नहीं है !!
किडनी और हृदय रोगों की चिकित्सा आयुष में बहुत ही उत्कृष्ट है, ऐसे रोगी जिनकी अंग्रेजी दवा खाते - खाते शरीर की जीवनीय शक्ति और व्याधिक्षमत्व शक्ति पूरी तरह से नष्ट हो जाती है ऐसे रोगियों को आयुष चिकित्सा बहुत ही परिणामोत्पादक, प्रभावशाली और जीवनदायिनी है, किन्तु लोगों में जागरूकता का आभाव है जन - जन को इसका प्रचार करना चाहिए। आज अंग्रेजी इलाज की स्थिति यह है कि पहले एक गोली से इलाज शुरू होता है धीरे-धीरे वह हार्टकिडनीलिवर का रोगी बन जाता है और फिरकभी भी बन्द न होने वाली दवाओं का सिलसिला चलने लगता है। जबकि आयुष चिकित्सा में दवायें धीरे-धीरे घटते-घटते बिल्कुल बन्द हो जाती हैं। ऐसे में आप सभी का पावन कर्तव्य बनता है कि पीड़ित मानव का सही मार्गदर्शन करें और उन तक जानकारी पहुँचायें, ताकि ऐसे पीड़ित मानव का कल्याण हो सके और लोग अंग्रेजी दवाओं के जाल से बच सकें 

डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
संस्थाध्यक्षआयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूटधाम (उ.प्र.) २१०२०५


Evidence based treatment (वैज्ञानिक प्रमाण युक्त चिकित्सा)
कु. अदिति साथ मे माँ मीना देवी

                मैं अदिति सिंह (१९ वर्ष), गोपी महाराजगंज (उ.प्र.) से हूँ। मैं १२वीं (इण्टर मीडिएट) की छात्रा हूँ। मुझे १०-११ माह पहले अचानक मासिक धर्म आना बन्द हो गया, महाराजगंज से अंग्रेजी दवायें चलीं, ये दवायें खाने से मासिक धर्म तो ठीक हो गया लेकिन उसी बीच में पैरों में सूजन आ गयी, महाराजगंज के सदर हॉस्पिटल में दिखाया, ब्लड जाँचें हुयी और जाँच में किडनी की समस्या का पता चला, यूरिया, क्रिटनीन बढ़ा पाया गया और हेमोग्लोबिन ५.५ आया।

            फिर मैंने गोरखपुर के डॉक्टर आनन्द बंका को दिखाया, उन्होंने जाँचें देखीं और ब्लड चढ़वाने और डायलेसिस तथा किडनी ट्रांसप्लाण्ट करवाने की सलाह दी और जगदीश हॉस्पिटल गोरखपुर के लिये रिफर कर दिया और वहाँ सारी जाँचें देखीं गयीं और २ यूनिट खून चढ़ाया, ४ डायलेसिस हुयीं और अंग्रेजी दवायें चलीं। अब आगे  हफ्ते में २ डायलेसिस करवाते रहने को कहा गया। मैं बहुत परेशान थी, मैं ४ भाई बहनों में सबसे बड़ी हूँ, मेरे पापा सुगर के मरीज हैं, मेरी पूरी जिन्दगी कैसे डायलेसिस करवा पायेंगे।

            मुझे ब्लड बढ़ाने के लिए हफ्ते में १ इंजेक्शन भी लगने लगा, मैं ३ इंजेक्शन लगवा चुकी थी, मुझे एम्स दिल्ली में भी दिखाने के लिए नम्बर लग चुका था, पूरी तैयारी हो गयी थी कि ट्रांसप्लाण्ट ही करवा लिया जाये।

            तभी मुझे जहाँ पर मेरी डायलेसिस हो रही थी, जो डायलेसिस कर रहे थे, उसी में एक व्यक्ति ने अकेले में बुलाकर मुझे आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकू के बारे में बताया और एक रोगी सीमा मिश्रा जिनकी डायलेसिस आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट के इलाज से छूट चुकी है का नम्बर दिया, मेरे पापा जी ने उनसे बात की और मुझे ११ दिसम्बर २०२० को आयुष ग्राम चित्रकूट लेकर आये। मेरा रजिस्ट्रेशन हुआ और नम्बर आने पर डॉक्टर वाजपेयी जी के पास बुलाया गया और सारी समस्यायें पूछीं गयीं और जाँचें करवाई गयीं।

आयुष ग्राम चिकित्सालय में भर्ती के दिन 11/12/2020 की रिपोर्ट 

            ११ दिसम्बर २०२० को यहाँ मेरी जाँच हुयी, जाँच में- हेमोग्लोबिन ९.६, क्रिटनीन ८.२, यूरिया १६०.६ एएलपी २०४.१, फास्फोरस ६.० आया। आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूट में मुझे २१ दिनों के लिए भर्ती किया गया, दवायें चलीं। मुझे आयुर्वेदिक दवाओं व पंचकर्म चिकित्सा से ३ दिनों में ही आराम मिलने लगा।

            जब मैं यहाँ आयी थी उस समय कुछ दूर चलने में श्वास फूलने लगती थी, अनियमित मासिक धर्म हो रहा था, गैस बहुत बन रही थी, जिससे अच्छे से पेट साफ नहीं हो रहा था, पेट में भारीपन रहता था मुझे सबसे ज्यादा इंजेक्शन व डायलेसिस से डर लगता था। मुझे डायलेसिस के लिए जाने से पहले ऐसा लगता था कि खुदकुशी कर लूँ लेकिन डायलेसिस में न जाऊँ।

            आज मेरी चिकित्सा के २० दिन हो गये। ३० दिसम्बर २०२० की जाँच में क्रिटनीन घटने लगा, क्रिटनीन ७.५ हुआ, यूरिया १३०.२ एएलपी १७२.५, फास्फोरस ५.७ आ गया। बिना इंजेक्शन ब्लड बढ़ाने के लिए व बिना डायलेसिस के। मुझे इन २१ दिनों में न तो कोई अंग्रेजी दवाओं की जरूरत पड़ी, न इंजेक्शन की और न ही डायलेसिस की।

आयुष ग्राम चिकित्सालय में 20 दिन की चिकित्सा के बाद की रिपोर्ट 

            मैं मीना देवी, अदिति की माँ बीमारी को लेकर बहुत परेशान थी, लेकिन मैं बहुत खुश हूँ कि मेरी बेटी को डायलेसिस से बचा लिया, मेरी बेटी की जब पढ़ने-लिखने की उम्र थी तब उसे हॉस्पिटलों के चक्कर लगाने पड़े और इतना ही नहीं १६ साल की उम्र से पूरी जिन्दगी डायलेसिस के ही सहारे रहना कैसे सम्भव था, हम लोग बहुत परेशान थे कि मेरी बेटी किसी तरह से स्वस्थ हो जाये और डायलेसिस से छुटकारा मिल जाये।

            मेरा पूरा परिवार सर व पूरे स्टॉफ को धन्यवाद देता है कि मेरी बेटी को डायलेसिस व अंग्रेजी दवाओं से छुटकारा मिला। अब मुझे पूर्ण विश्वास हो गया है कि मैने अगर पूर्ण परहेज व समय-समय से दवायें किया तो मैं बहुत जल्द स्वस्थ हो जाऊँगी। मैं अपनी पढ़ाई भी पूरी कर सकूँगी।

अदिति सिंह पुत्री श्री राजकुमार सिंह

गोपी, महाराजगंज (उ.प्र.)

डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी एक प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। शास्त्रीय चिकित्सा के पीयूष पाणि चिकित्सक और हार्ट, किडनी, शिरोरोग (त्रिमर्म), रीढ़ की चिकित्सा के महान आचार्य जो विगड़े से विगड़े हार्ट, रीढ़, किडनी, शिरोरोगों को शास्त्रीय चिकित्सा से सम्हाल लेते हैं । आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम, दिव्य चिकित्सा भवन, आयुष ग्राम मासिक, चिकित्सा पल्लव और अनेकों संस्थाओं के संस्थापक ।

इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
डॉ. अर्चना वाजपेयी

डॉ. अर्चना वाजपेयी एम.डी. (मेडिसिन आयु.) में हैं आप स्त्री – पुरुषों के जीर्ण, जटिल रोगों की चिकित्सा में विशेष कुशल हैं । मृदुभाषी, रोगी के प्रति करुणा रखकर चिकित्सा करना उनकी विशिष्ट शैली है । लेखन, अध्ययन, व्याख्यान, उनकी हॉबी है । आयुर्वेद संहिता ग्रंथों में उनकी विशेष रूचि है ।

आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा संचालित
   
आयुष ग्राम चिकित्सालय:चित्रकूट 
   मोब.न. 9919527646, 8601209999
 website: www.ayushgram.org



  डॉ मदन गोपाल वाजपेयी         आयुर्वेदाचार्यपी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी.साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद)एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
 प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन 
                                  
डॉ अर्चना वाजपेयी                              एम.डी.(कायचिकित्सा) आयुर्वेद 

डॉ परमानन्द वाजपेयी                                                                  एम.डी.(आयु.) आ.

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