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अभय शंकर तिवारी साथ में पत्नी विभा देवी |
मैं एडवोकेट अभय शंकर तिवारी मेरी पत्नी
श्रीमती विभा देवी (३६ वर्ष) हम लोग मिर्जापुर (उ.प्र.) से हैं। मेरी पत्नी के
पैरों में हल्का-हल्का दर्द तो काफी वर्षों से था, लेकिन
५ साल पहले बच्चेदानी में गाँठ होने के कारण ऑपरेशन करवाना पड़ा।
इस ऑपरेशन के बाद से ही चलने में, काम
करने में समस्या होने लगी और कुछ दिनों बाद तो इन्हें
पकड़कर चलना पड़ता था, पैरों
में दर्द व गर्दन के पास असहनीय दर्द होने लगा।
सबसे पहले मैंने मिर्जापुर के एक हॉस्पिटल में
दिखाया, वहाँ पर २-३ माह इलाज चला, लेकिन
जब तक दवायें खातीं तब तक तो आराम रहता था, जैसे ही दवायें बन्द होती तो फिर
से असहनीय दर्द शुरू हो जाता था।
फिर मैंने तेज बहादुर सपरु हॉस्पिटल, प्रयागराज
में दिखाया, वहाँ पर डॉक्टर ने एमआरआई के लिए
सलाह दी, मैंने एमआरआई, एक्स-रे
दोनों करवाया, जाँच
में Disc bulge
सी३-सी४/सी४-सी५ व एल-५ में समस्या बताई गयी, आप
समझें कि मैंने डेढ़ साल तक अंग्रेजी दवायें कीं लेकिन स्थिति वही कि दवायें खाने
से आराम रहता था, जहाँ दवायें बन्द होतीं वैसे ही
दर्द शुरू हो जाता था।
फिर मुझे मेरे ही गाँव के एक व्यक्ति द्वारा आयुष
ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट के
बारे में पता चला। मैं अपनी पत्नी को २४ नवम्बर २०२० को लेकर आया, रजिस्ट्रेशन
हुआ, नम्बर आने के बाद डॉक्टर
वाजपेयी जी के पास बुलाया गया, उन्होंने
सारी रिपोर्ट्स देखीं और समस्यायें पूछीं। उन्होंने बताया कि आप चिन्ता न करें, इन्हें
एक माह के अन्तर से २-२ सप्ताह यहाँ रखना होगा, जिससे
थैरापी हो सके, सिंकाई, बस्ति, अभ्यंग
आदि इन्हें हर माह १० %
आराम मिलेगा, ६ से
८ माह तक दवा चलेगी और ९९% ठीक
हो जायेंगी। कुछ ही दिन बाद अपने आप चलने लगेंगी, इन्हें
पकड़ना नहीं पड़ेगा। मैं यह सुनकर कितना खुश हुआ बता नहीं सकता, क्योंकि
किसी डॉक्टर ने ऐसा विश्वास नहीं दिलाया था।
मैं १४ दिसम्बर २०२० को आयुष
ग्राम चित्रकूट आया
और २ सप्ताह के लिए भर्ती करवाया। जब मैं अपनी पत्नी को यहाँ लेकर आया था उस
समय मेरी पत्नी के पैरों में असहनीय दर्द हो रहा था, गर्दन
में भी दर्द हो रहा था, मेरी
पत्नी को पकड़कर चलन पड़ता था, बिना
सहारे के जमीन में पैर भी नहीं रख पाती थीं, २
साल में ५ किलो ग्राम वजन भी बढ़ गया था, पूरे
शरीर में सूजन आ गयी थी, घबराहट
बहुत होती थी, कमर
व पैरों में असहनीय दर्द था, पेन
किलर लेने के बाद भी दर्द रहता था, रात-रात
भर दर्द के कारण चिल्लाती और रोती रहती थी।
१६ दिनों की आयुर्वेद चिकित्सा करवाने के बाद
आज बिना पेन किलर के दर्द में आराम हो गया, बिना
सहारे के चलने भी लगीं, सीढ़ियाँ चढ़ने-उतरने लगीं, अब
अपनी चिकित्सा करवाने खुद ही चली जाती हैं, चलने
में बहुत हल्का दर्द होता है।
अंग्रेजी दवायें पूरी तरह बन्द हैं। जहाँ
अंग्रेजी दवाओं को खाने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा था, आज
सिर्फ १५
दिनों की थैरेपी से कफी सुधार आ गया।
सर ने यह बोला कि हर माह १० %
सुधार आयेगा, १६ दिनों में इन्हें ३० %
आराम हो गया और मुझे पूर्ण विश्वास है कि बहुत जल्द मेरी पत्नी अपने से पहले जैसे
घर का पूरा काम करने लगेंगी।
मैं कहता हूँ कि मेरी बात सब जगह पहुँचायें ताकि दूसरे लोग जो मेरी तरह परेशान हों वे लाभ उठा सकें।
विभा देवी पत्नी श्री अभय शंकर
तिवारी
मीनगढ़ा (तीता), हलिया लालगंज, मिर्जापुर (उ.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ परमानन्द वाजपेयी एम.डी.(आयु.) आ.
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