आयुष ग्राम में मेरी डायलेसिस छूटी : अब मैं अपनी पढ़ाई पूरी कर सकूंगा !!

 

क्या ये सही नहीं है !!
किडनी और हृदय रोगों की चिकित्सा आयुष में बहुत ही उत्कृष्ट है, ऐसे रोगी जिनकी अंग्रेजी दवा खाते - खाते शरीर की जीवनीय शक्ति और व्याधिक्षमत्व शक्ति पूरी तरह से नष्ट हो जाती है ऐसे रोगियों को आयुष चिकित्सा बहुत ही परिणामोत्पादक, प्रभावशाली और जीवनदायिनी है, किन्तु लोगों में जागरूकता का आभाव है जन - जन को इसका प्रचार करना चाहिए। आज अंग्रेजी इलाज की स्थिति यह है कि पहले एक गोली से इलाज शुरू होता है धीरे-धीरे वह हार्टकिडनीलिवर का रोगी बन जाता है और फिरकभी भी बन्द न होने वाली दवाओं का सिलसिला चलने लगता है। जबकि आयुष चिकित्सा में दवायें धीरे-धीरे घटते-घटते बिल्कुल बन्द हो जाती हैं। ऐसे में आप सभी का पावन कर्तव्य बनता है कि पीड़ित मानव का सही मार्गदर्शन करें और उन तक जानकारी पहुँचायें, ताकि ऐसे पीड़ित मानव का कल्याण हो सके और लोग अंग्रेजी दवाओं के जाल से बच सकें 

डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
संस्थाध्यक्षआयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूटधाम (उ.प्र.) २१०२०५
Evidence based treatment (वैज्ञानिक प्रमाण युक्त चिकित्सा)
संदीप कुमार गुप्ता 

            मैं बहराइच (उ.प्र.) से संदीप कुमार उम्र १९, मैं इण्टरमीडिएट का छात्र था। २ साल पहले मुझे मेरे पेशाब में जलन होने लगी, सिर में दर्द होने लगा, भूख नहीं लगने लगी, पैरों में सूजन थी। मैंने २२ अगस्त को विवेकानन्द हॉस्पिटल लखनऊ में दिखाया, वहाँ पर सारी जाँचें हुयीं, जाँच में बताया गया कि मेरी किडनी खराब है और जाँच में हेमोग्लोबिन ८.१, क्रिटनीन ७.३६, यूरिया १०२.२, सोडियम १३३, पोटेशियम ५.६२, एएलपी २०९ आया। यहाँ पर तुरन्त डायलेसिस के लिए कहा गया। मैं डायलेसिस तो नहीं कराया पर इधर-उधर की दवायें लेने लगा।

            जुलाई २०२० में और ज्यादा समस्यायें होने लगीं, उस समय मैं ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था, कमजोरी बहुत लग रही थी, भूख नहीं लग रही थी, मुँह का स्वाद कडुवा रहता था, पूरे शरीर में सूजन आ गयी थी।

            फिर मैं दोबारा से विवेकानन्द हॉस्पिटल लखनऊ गया, वहाँ पर फिर से जाँचें हुयीं, जाँच में क्रिटनीन बढ़ा आने पर मेरी तुरन्त डायलेसिस कर दी गयी। अब आगे मुझे १ हफ्ते में २ डायलेसिस के लिए बोला गया लेकिन मैंने हफ्ते में सिर्फ १ ही डायलेसिस करवाई, क्योंकि मेरे पास इतने पैसे नहीं थे, जैसे-तैसे मैंने डायलेसिस करवाई, अंतिम डायलेसिस १७.११.२०२० को हुयी।

विवेकानन्द हॉस्पिटल लखनऊ में डायलेसिस के बाद की रिपोर्ट

            तभी मुझे मेरे ही रिश्तेदार के द्वारा आयुष ग्राम (ट्रस्ट) के आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला। मैं अपनी मम्मी और नाना जी के साथ २३ नवम्बर २०२० को आयुष ग्राम चित्रकू पहुँचा। मेरा रजिस्ट्रेशन हुआ और मेरी जाँच करवाई गयी, जाँच में- हेमाग्लोबिन ९.०, क्रिटनीन ८.४०, यूरिया १०४.८, यूरिक एसिड ८.६, फासफोरस ५.६, सोडियम १३५, पोटेशियम ५.६२, एएलपी २७१.४ आया।

आयुष ग्राम चिकित्सालय मे भर्ती के समय की रिपोर्ट 

            फिर त्रिमर्मीय चिकित्सा विभाग की ओपीडी-२ में डॉक्टर वाजपेयी जी के बुलाया गया, उन्होंने जाँचें देखीं, समस्यायें पूछीं और कहा कि २-३ सप्ताह भर्ती रहकर चिकित्सा करवाईये मैं डायलेसिस छुड़वाने की कोशिश करता हूँ।

            मैं भर्ती हो गया, आज मुझे चिकित्सा करवाते २१ दिन हो गये, इस समय मुझे बहुत आराम हो गया, पूरे शरीर की सूजन खत्म हो गयी, भूख भी लगने लगी, चलने में जो श्वास पूâलती थी उसमें भी आराम हो गया, पेशाब की जलन अब बिल्कुल खत्म हो गयी, मुँह का स्वाद अच्छा हो गया। मुझे इन २१ दिनों में न तो डायलेसिस के लिए जाना पड़ा और न ही अंग्रेजी दवायें लेनी पड़ीं।

            आज १३ दिसम्बर २०२० की जाँच में हेमोग्लोबिन ९.०, क्रिटनीन ५.७, यूरिया ६८.८, फासफोरस ५.२, एएलपी १९६.५ आया। जाँच में इतना अच्छा परिणाम देखकर मैं और मेरा पूरा परिवार नाच गया।

आयुष ग्राम चिकित्सालय में 21 दिन चिकित्सा के बाद की रिपोर्ट 

            मैं आयुष ग्राम (ट्रस्ट) के चिकित्सा संस्थान के डॉक्टर वाजपेयी व पूरे स्टॉफ को धन्यवाद देता हूँ कि मुझे एक नया जीवनदान दिया है। अब मैं अपनी आगे की पढ़ाई भी पूरी कर सकूँगा।

            मैं बहुत खुश हूँ कि जहाँ अंग्रेजी डॉक्टरों ने पूरी जिन्दगी डायलेसिस के लिए कहा था, लेकिन इस समय न ही किसी अंग्रेजी दवाओं की जरूरत पड़ रही है और न ही डायलेसिस की। मुझे लगता है कि यदि मैं शुरू में यहाँ आ जाता तो हमारा पैसा भी नहीं बर्बाद होता और डायलेसिस से बच जाता।

मैं चाहता हूँ कि मेरी बात आप अपने स्तर से सब जगह पहुँचायें ताकि मेरे जैसे दूसरे लोग भी लाभ उठा सकें

संदीप कुमार

गोबरि अरकापुर (बेलवापदुम) पयागपुर,

बहराइच (उ.प्र.)

डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी एक प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। शास्त्रीय चिकित्सा के पीयूष पाणि चिकित्सक और हार्ट, किडनी, शिरोरोग (त्रिमर्म), रीढ़ की चिकित्सा के महान आचार्य जो विगड़े से विगड़े हार्ट, रीढ़, किडनी, शिरोरोगों को शास्त्रीय चिकित्सा से सम्हाल लेते हैं । आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम, दिव्य चिकित्सा भवन, आयुष ग्राम मासिक, चिकित्सा पल्लव और अनेकों संस्थाओं के संस्थापक ।

इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
डॉ. अर्चना वाजपेयी

डॉ. अर्चना वाजपेयी एम.डी. (मेडिसिन आयु.) में हैं आप स्त्री – पुरुषों के जीर्ण, जटिल रोगों की चिकित्सा में विशेष कुशल हैं । मृदुभाषी, रोगी के प्रति करुणा रखकर चिकित्सा करना उनकी विशिष्ट शैली है । लेखन, अध्ययन, व्याख्यान, उनकी हॉबी है । आयुर्वेद संहिता ग्रंथों में उनकी विशेष रूचि है ।

आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा संचालित
   
आयुष ग्राम चिकित्सालय:चित्रकूट 
   मोब.न. 9919527646, 8601209999
 website: www.ayushgram.org



  डॉ मदन गोपाल वाजपेयी         आयुर्वेदाचार्यपी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी.साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद)एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
 प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन 
                                  
डॉ अर्चना वाजपेयी                              एम.डी.(कायचिकित्सा) आयुर्वेद 

डॉ परमानन्द वाजपेयी                                                                  एम.डी.(आयु.) आ.

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