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संदीप कुमार गुप्ता |
मैं बहराइच (उ.प्र.) से संदीप कुमार उम्र १९, मैं इण्टरमीडिएट का छात्र था। २ साल पहले मुझे मेरे पेशाब में जलन होने लगी, सिर में दर्द होने लगा, भूख नहीं लगने लगी, पैरों में सूजन थी। मैंने २२ अगस्त को विवेकानन्द हॉस्पिटल लखनऊ में दिखाया, वहाँ पर सारी जाँचें हुयीं, जाँच में बताया गया कि मेरी किडनी खराब है और जाँच में हेमोग्लोबिन ८.१, क्रिटनीन ७.३६, यूरिया १०२.२, सोडियम १३३, पोटेशियम ५.६२, एएलपी २०९ आया। यहाँ पर तुरन्त डायलेसिस के लिए कहा गया। मैं डायलेसिस तो नहीं कराया पर इधर-उधर की दवायें लेने लगा।
जुलाई २०२० में और ज्यादा समस्यायें होने लगीं, उस समय मैं ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था, कमजोरी बहुत लग रही थी, भूख नहीं लग रही थी, मुँह का स्वाद कडुवा रहता था, पूरे शरीर में सूजन आ गयी थी।
फिर मैं दोबारा से विवेकानन्द हॉस्पिटल लखनऊ
गया, वहाँ पर फिर से जाँचें हुयीं, जाँच
में क्रिटनीन बढ़ा आने पर मेरी तुरन्त डायलेसिस कर दी गयी। अब आगे मुझे १ हफ्ते में
२ डायलेसिस के लिए बोला गया लेकिन मैंने हफ्ते में सिर्फ १ ही
डायलेसिस करवाई, क्योंकि मेरे पास इतने पैसे नहीं
थे, जैसे-तैसे मैंने डायलेसिस करवाई, अंतिम
डायलेसिस १७.११.२०२० को हुयी।
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विवेकानन्द हॉस्पिटल लखनऊ में डायलेसिस के बाद की रिपोर्ट |
तभी मुझे मेरे ही रिश्तेदार के
द्वारा आयुष ग्राम (ट्रस्ट) के आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट के
बारे में पता चला। मैं अपनी मम्मी और नाना जी के साथ २३ नवम्बर
२०२० को आयुष ग्राम चित्रकूट पहुँचा।
मेरा रजिस्ट्रेशन हुआ और मेरी जाँच करवाई गयी, जाँच
में- हेमाग्लोबिन ९.०, क्रिटनीन
८.४०, यूरिया १०४.८, यूरिक
एसिड ८.६, फासफोरस
५.६, सोडियम १३५, पोटेशियम
५.६२, एएलपी २७१.४ आया।
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आयुष ग्राम चिकित्सालय मे भर्ती के समय की रिपोर्ट |
फिर त्रिमर्मीय चिकित्सा विभाग की
ओपीडी-२ में डॉक्टर वाजपेयी जी के बुलाया गया, उन्होंने
जाँचें देखीं, समस्यायें
पूछीं और कहा कि २-३ सप्ताह भर्ती रहकर चिकित्सा करवाईये मैं डायलेसिस छुड़वाने की
कोशिश करता हूँ।
मैं भर्ती हो गया, आज
मुझे चिकित्सा करवाते २१ दिन हो गये, इस
समय मुझे बहुत आराम हो गया, पूरे शरीर की सूजन खत्म हो गयी, भूख
भी लगने लगी, चलने में जो श्वास पूâलती
थी उसमें भी आराम हो गया, पेशाब की जलन अब बिल्कुल खत्म हो
गयी, मुँह का स्वाद अच्छा हो गया। मुझे
इन २१ दिनों में न तो डायलेसिस के लिए जाना पड़ा और न ही अंग्रेजी दवायें लेनी
पड़ीं।
आज १३ दिसम्बर २०२० की जाँच में
हेमोग्लोबिन ९.०, क्रिटनीन
५.७, यूरिया ६८.८, फासफोरस
५.२, एएलपी १९६.५ आया। जाँच
में इतना अच्छा परिणाम देखकर मैं और मेरा पूरा परिवार नाच गया।
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आयुष ग्राम चिकित्सालय में 21 दिन चिकित्सा के बाद की रिपोर्ट |
मैं आयुष ग्राम (ट्रस्ट) के
चिकित्सा संस्थान के डॉक्टर वाजपेयी व पूरे स्टॉफ को धन्यवाद देता हूँ कि मुझे एक
नया जीवनदान दिया है। अब मैं अपनी आगे की पढ़ाई भी पूरी कर सकूँगा।
मैं बहुत खुश हूँ कि जहाँ अंग्रेजी डॉक्टरों ने
पूरी जिन्दगी डायलेसिस के लिए कहा था, लेकिन
इस समय न ही किसी अंग्रेजी दवाओं की जरूरत पड़ रही है और न ही डायलेसिस की। मुझे
लगता है कि यदि मैं शुरू में यहाँ आ जाता तो हमारा पैसा भी नहीं बर्बाद होता और
डायलेसिस से बच जाता।
मैं
चाहता हूँ कि मेरी बात आप अपने स्तर से सब जगह पहुँचायें ताकि मेरे जैसे दूसरे लोग
भी लाभ उठा सकें।
संदीप कुमार
गोबरि अरकापुर
(बेलवापदुम) पयागपुर,
बहराइच (उ.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ परमानन्द वाजपेयी एम.डी.(आयु.) आ.
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