➡️ मैं रोहित सिंह (३४ वर्ष), पतारा कानपुर नगर (उ.प्र.) का रहने वाला हूँ।
➡️ मुझे ३ साल पहले धीरे-धीरे सीने में दर्द होने
लगा, घबराहट रहने लगी, मैंने
कानपुर के मरियमपुर हॉस्पिटल में दिखाया, वहाँ के डॉ. ने टीएमटी टेस्ट करवाया, उसमें
हार्ट में ब्लॉकेज बताया और तुरन्त एंजियोग्राफी करवाने के बाद, स्टेंट
डालना पड़ेगा ऐसा कहा।
➡️ मैं बहुत घबरा गया, मेरी
उम्र ही कितनी थी ३४ साल की। मैं १ माह की अंग्रेजी दवायें लेकर घर चला आया पर
मुझे कुछ भी आराम नहीं मिला।
➡️ फिर मैं कानपुर के दूसरे कार्डियोलॉजी में गया, वहाँ
भी स्टेंट डालने की सलाह दी। वे बोले कि यदि नहीं कराओगे तो किसी भी समय मौत हो
सकती है। मेरे परिवार के लोग परेशान, क्योंकि
उम्र ही मेरी ३४ साल, आप ही बतायें कि ३४ साल में किसी
के हार्ट के ऑपरेशन या स्टेंट की बात डॉक्टर कह दें तो क्या दशा होगी उसके परिवार
की। १५ दिनों की दवायें खायीं, लेकिन कोई
आराम नहीं मिला।
➡️ मेरे सीने में दर्द बहुत तेज
रहने लगा, ब्लडप्रेशर की भी दवा चलने लगी, हार्ट पड़ेगा ऐसा सुनकर
बहुत रोया और मुझे इतना डॉक्टरों ने डरा दिया था कि एंजियोप्लास्टी करवाना ही
पड़ेगा।
➡️ तभी मेरे एक पुराने मित्र श्री आनन्द सिंह से
भेंट हुयी, उन्होंने बताया कि भइया! मेरा
लिवर भी ९० % खराब था और डॉक्टरों ने लिवर
ट्रान्सप्लाण्ट की बाती की थी, मेरा
तो विवाह ही कुछ दिन पहले हुआ था, मैं आयुष
ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट गया
वहाँ का साल भर इलाज किया आज मेरी स्थिति स्वयं देख लो। यह
उ.प्र. में आयुर्वेद का एक ट्रस्ट से चलाया जा रहा सबसे बड़ा आयुर्वेद संस्थान है।
यहाँ हार्ट, किडनी, लिवर
का भी बहुत अच्छा ट्रीटमेण्ट है।
➡️ मैं आयुष
ग्राम चित्रकूट पहुँचा, रजिस्ट्रेशन
हुआ और फिर ओपीडी-२ में डॉक्टर वाजपेयी जी के पास बुलाया गया, उन्होंने
सारी रिपोर्टें देखीं, नाड़ी, जीभ
आदि का परीक्षण किया।
➡️ डॉक्टर साहब ने मुझे समझाया और
मेरा विश्वास बढ़ाने के लिए लिखकर दे दिया कि हार्ट अटैक नहीं होगा? और न ही कोई ऑपरेशन की
जरूरत पड़ेगी।
➡️ मैं उनकी
बातों से संतुष्ट हुआ, जैसा
आयुष ग्राम चित्रकूट के
डॉक्टर साहब ने समझाया वैसा किसी ने समझाया ही नहीं। मेरा
डर समाप्त हुआ और चिकित्सा शुरू कर दी। मुझे पहले माह से ही ‘आयुष कार्डियोलॉजी’ के ट्रीटमेण्ट से आराम
मिलने लगा। अभी केवल २ माह ही हुये हैं मेरी लगभग पूरी समस्यायें खत्म हो गयीं।
सीने का दर्द, साँस फूलना, नींद न आना, घबराहट सब में आराम मिल
गया।
➡️ मैं बहुत घबराया हुआ था कि इतनी कम उम्र में
मुझे ऑपरेशन करवाना पड़ेगा, स्टेंट डलवाना पड़ेगा। लेकिन यहाँ
की चिकित्सा से २ माह की मुझे पूर्ण आराम मिल गया, मैं
बहुत खुश हूँ कि मुझे कोई ऑपरेशन नहीं करवाना पड़ा। मैं डॉ. वाजपेयी सर व पूरे
स्टॉफ को धन्यवाद देता हूँ, ये अस्पताल तो मेरे लिए वरदान
साबित हुआ है, जहाँ पर मैं इतनी जल्दी पूर्ण
स्वस्थ हो सका हूँ। अब मैं सबसे यही कहना चाहता हूँ कि यदि आपको या आपके परिचित
में हार्ट की कोई ऐसी दिक्कत है तो घबरायें नहीं, ऑपरेशन
या स्टेंट न डलवायें मेरी तरह आयुष ग्राम पहुँचें वहाँ के डॉक्टरों की सलाह लें और
उसे मानें आप भी मेरी तरह स्वस्थ होंगे। मैं अब समझ गया कि ऐसी समस्याओं और
जल्दबाजी में लोग ऑपरेशन, स्टेंट
में फँस
जाते हैं और जीवनभर उसका खामियाजा भोगते रहते हैं।
रोहित सिंह
पतारा, कानपुर नगर (उ.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
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