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रामबहादुर तिवारी जी साथ में डॉ. अर्चना वाजपेयी और नर्स शालू सचान |
मेरी उम्र ६२ साल, मैं रोडवेज के सीनियर क्लर्क के पद से रिटायर्ड हूँ। मुझे ३ साल से मधुमेह एवं ब्लड प्रेशर की समस्या थी, इसकी अंग्रेजी दवा खाते-खाते कभी-कभी यूरिन से ब्लड आने लगा, भूख मर गयी, बीपी बहुत बढ़ने लगा, इन सबके चलते मैंने बाँदा के डॉ. भरद्वाज जी को दिखाया, उन्होंने मेरी खून की जाँच करवायी, जाँच में मेरा क्रिटनीन १.८ एमजी/डीएल आया। डॉ. भरद्वाज से मेरा ३ माह तक इलाज चला, बाद में मैं रिजेन्सी कानपुर चला गया। वहाँ की जाँच में मेरा क्रिटनीन २.० एमजी/डीएल के लगभग आया। रिजेन्सी कानपुर में मैंने २ साल अंग्रेजी दवा की। मेरी दवा चल ही रही थी, कि एक दिन अचानक कुछ भी खाने पर उल्टी हो जाती, पेशाब से खून आने लगा, बीपी बढ़ गया। इन सबके चलते फिर मैं रिजेन्सी भागा, वहाँ पर जाँचें की गयीं तो मेरा यूरिया १७८.४ और क्रिटनीन १५.९२ एमजी/डीएल आया, तो वहाँ के डॉक्टरों ने तुरन्त डायलेसिस के लिए बोल दिया।
मैं और मेरा
परिवार परेशान हो गया कि शुगर और बीपी की अंग्रेजी दवा खाते-खाते आज ३ साल में
मेरा क्रिटनीन १५.९२ एमजी/डीएल तक पहुँच गया और आज डायलेसिस की नौबत आ गयी।
मेरी ३ दिन के
अन्दर ५ डायलेसिस हो गयी,
अब मुझे और मेरे
परिवार को लगने लगा कि डायलेसिस कब तक कराऊँगा।
तभी बाँदा के प्रो. जे.पी. अवस्थी, सेवा निवृत्त राजकीय आयुर्वेद कॉलेज, अतर्रा ने मुझे आयुष ग्राम ट्रस्ट चिकित्सालय, चित्रकूट जाने की सलाह दी।
तभी बाँदा के प्रो. जे.पी. अवस्थी, सेवा निवृत्त राजकीय आयुर्वेद कॉलेज, अतर्रा ने मुझे आयुष ग्राम ट्रस्ट चिकित्सालय, चित्रकूट जाने की सलाह दी।
मैं अपने बेटे और
भाई के साथ २४ मार्च २०१९ को चित्रकूट पहुँचा, मेरा रजिस्ट्रेशन करवाया गया, मेरा नम्बर आने पर मुझे डॉक्टर वाजपेयी जी के
पास बुलाया गया। उन्होंने समस्यायें पूछीं और नाड़ी परीक्षण किया और खून की जाँच
करवायी, जाँच आने के बाद
फिर से बुलाया गया, कहा कि केस तो
बिगड़ गया है, पर आप परेशान न
हों, सम्हालेंगे और
डायलेसिस बन्द करायेंगे। मुझे चित्रकूट में २१ दिन यहाँ रखा गया। पंचकर्म हुआ, उचित पथ्य दिया
गया। बीच-बीच में बहुत इमरजेन्सी आयीं पर सबकी सब आयुर्वेद से ही मैनेज किया। डॉ.
अर्चना वाजपेयी, एम.डी. (आयु.
कायचिकित्सा), कु. स्नेहा, साधना नर्स ने
बहुत श्रम किया।
२१ दिन के अन्दर
धीरे-धीरे मेरी सभी समस्यायें, उल्टी का होना, कमजोरी, यूरिन से खून आना जाती रहीं, भूख लगने लगी और गले में पड़ी मेरी नेक लाइन भी
निकलवा दी गयी।
आज मेरा यूरिया
७४.६ एमजी/डीएल और क्रिटनीन ४.१ एमजी/डीएल है। मैं और मेरा परिवार बहुत खुश है कि
मेरी अंग्रेजी दवायें सभी बन्द हैं, सिर्फ बीपी की १ टाइम लेते हैं वह भी कभी-कभी। सबसे ज्यादा मैं
खुश हूँ कि मेरी डायलेसिस छूट गयी।
मुझे जो अंग्रेजी
डॉक्टरों ने डायलेसिस में ही जिन्दा रहने को कहा था। वहीं आयुष ग्राम ट्रस्ट
चिकित्सालय, चित्रकूट ने मुझे सिर्फ २१ दिन में मुझे
डायलेसिस से छुटकारा दिला दिया।
मैं डॉ. जे.पी.
अवस्थी जी बाँदा वालों का भी आभारी हूँ जिन्होंने मुझे सही रास्ता बताया नहीं तो
मेरी डायलेसिस न छूटती। मैं तो सभी से कहता हूँ कि किडनी, शुगर, ब्लड प्रेशर के
मरीज आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट की शरण लें, उन्हें भी मेरी तरह लाभ मिलेगा ऐसी आशा रखें।
रामबहादुर तिवारी (से.नि.वरिष्ठ सहायक रोडवेज)
बासु मिष्ठान के पास
बासु मिष्ठान के पास
सिविल लाइन, बाँदा (उ.प्र.)
सूचना - चर्म रोगों की आयुर्वेदीय चिकित्सा पर एक सेमिनार :
आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा धन्वन्तरी पखवाड़ा के अवसर पर शनिवार दिनाँक ९ नवम्बर २०१९ को '' चर्म रोगों की आयुर्वेदीय चिकित्सा कैसे हो '' विषय पर आयुर्वेद संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है | इस कार्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक चिकित्सक मो. / व्हाटसएप्प ६३८८०६७००५, ८००९२२२१३८ पर अपना पंजीकरण करायें ||

डॉ परमानन्द वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य
मोब.न. 9919527646, 8601209999
website: www.ayushgram.org
डॉ मदन गोपाल वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य, पी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी., साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि, एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत )
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा) आयुर्वेद
डॉ परमानन्द वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य
डॉ आर.एस. शुक्ल आयुर्वेदाचार्य
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