जीवन भर डायलेसिस के अंग्रेजी फार्मूले को झुठला दिया आयुष ग्राम हॉस्पिटल चित्रकूट ने !!

मीना पटेल जी साथ में उनका बेटा भँवर सिंह पटेल 


            
मेरी माँ मीना पटेल ४० वर्ष, २३ अगस्त २०१९ से बीमार हुयीं, बुखार आया तो अंग्रेजी दवा करने वाले स्थानीय डॉक्टर को बुलाकर इलाज कराया, बुखार से राहत तो मिली लेकिन दो ही दिन बाद मेरी माँ के पूरे शरीर में सूजन आने लगी, जी मिचलाता, भूख नहीं लगती, पेशाब में भी समस्या आने लगी, कमजोरी बहुत हो गयी।
            इन सबके चलते मैं माँ (मीना पटेल) को रीवा के संजय गाँधी हास्पिटल ले गया, वहाँ पर जाँचें करवायी गयीं जाँच आने के बाद डॉक्टर ने कहा कि दोनों किडनी फेल हो गयीं है और खून की कमी भी है। यह सुनकर हमारे सबके नीचे की जमीन खिसक गयी। मेडिकल कॉलेज में ३ यूनिट ब्लड चढ़वाया। कुछ भी आराम न मिलने पर मैं वहाँ से नागपुर नीति गौरव हास्पिटल में ले गया, मेरी माँ की बीपी हाई रहने लगी, बिल्कुल चल नहीं पाने लगी थीं। नागपुर में डॉक्टर ने देखा और फिर से ब्लड की जाँचें करवायीं, जाँच करवाने पर क्रिटनीन ८.९० एमजी/डीएल, यूरिया १९१.४ एमजी/डीएल आया।


 नागपुर के डॉक्टर ने डायलेसिस के लिए बोल दिया मैं बहुत परेशान था, लेकिन कोई और रास्ता न मिलने पर मैंने अपनी माँ की डायलेसिस करवा दी। १९ सितम्बर २०१९ तक ३ डायलेसिस हो गयीं। नागपुर में ८ दिन तक भर्ती रखने के बाद मैं दवा लेकर घर आ गया, २ लाख रुपये खर्च हो गये। नागपुर के डॉक्टरों ने कहा कि जब तक जीवन है, तब तक डायलेसिस करवाना पड़ेगा और एलोपैथी दवायें चलेंगी।
            तभी मुझे आयुष ग्राम (ट्रस्ट), चित्रकूट का पता चला, मेरे ही गाँव के एक सज्जन जो यहाँ से अपना इलाज करवा रहे हैं। मैं दूसरे दिन ही आयुष ग्राम (ट्रस्ट) के चिकित्सालय, चित्रकूट अपनी माँ को लेकर आया। काफी भीड़ थी, मैंने अपनी माँ का रजिट्रेशन करवाया, फिर मेरा नम्बर आने पर मुझे डॉ. अर्चना वाजपेयी, एम.डी. (आयु. कायचिकित्सा) की ओपीडी में बुलाया गया, पूरी हिस्ट्री पूछी गयी और फिर से जाँच करवायी गयीं। उन्होंने बीमारी के बारे में पूछा और बहुत अच्छे से डायग्नोस करके मुझे समझाया और कहा कि २ या ३ सप्ताह यहाँ भर्ती रहे तो आपको डायलेसिस से छुटकारा मिल सकता है और खून चढ़वाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। मैं अपनी माँ को भर्ती कर दिया, रोज सुबह डॉक्टर आतीं, नर्सें आती, शाम को भी डॉक्टर आते, अच्छे ढंग से पंचकर्म व खान-पान लिखते। अच्छे से पंचकर्म होता, दवाइयाँ भी चलीं और हर सप्ताह जाँच करवायी जाती पहले ही सप्ताह से मेरी माँ को आराम मिलना शुरू हो गया, ४ दिन बाद दवा चलने के बाद जब जाँच करवायी गयी तो हीमोग्लोबिन ८ जीएम %, क्रिटनीन घटकर २.७ एमजी/डीएल और यूरिया ७३ एमजी/डीएल आया,

मैं खुश हो गया कि अब मेरी माँ को डायलेसिस नहीं करवाना पड़ेगा। डॉक्टर मैम ने कहा कि ऐसा रिजल्ट बहुत कम रोगियों में मिलता है, आपकी माँ की बॉडी बहुत अच्छा रिस्पान्स कर रही है। फिर १ सप्ताह दवा और पंचकर्म चिकित्सा होने के बाद जब जाँच करवायी गयी तो हिमोग्लोबिन ८.० जीएम %क्रिटनीन १.२ एमजी/डीएलयूरिया २६.१ एमजी/डीएलफासफोरस ३.६ आ गया


            अब तो मैम ने मेरी माँ के गले में डायलेसिस हेतु पड़ी नेक लाइन भी निकलवा दी और कहा कि अब डायलेसिस की बिल्कुल जरूरत नहीं पड़ेगी।
            आज १६ अक्टूबर २०१९ को मेरी माँ का डिस्चार्ज है, आज की जाँच करवाने पर बिल्कुल नार्मल आयी है, मैम ने जाँच देखकर १ माह की दवा लिखी और कहा कि घर जाओ दवा टाइम से खिलाना तथा पथ्य पालन करना। मैं और मेरी माँ और मेरा पूरा परिवार बहुत खुश है कि मेरी माँ को आयुष चिकित्सा और आयुष ग्राम के कुशल डॉक्टरों ने डायलेसिस और एलोपैथी दवाओं से मुक्ति दिला दी।
            अंग्रेजी डॉक्टर कहते थे कि जब तक जीवन है तब तक डायलेसिस और एलोपैथी का ही सहारा लेना पड़ेगा लेकिन आयुष ग्राम ट्रस्ट के आयुष डॉक्टरों और आयुष चिकित्सा ने इसे झुठला दिया। आप सबके सामने रिपोर्ट प्रस्तुत है।

भवर सिंह पटेल
मोहनिया, सीधी (म.प्र.)
मोबा.नं.- ७९७४४७६५१४ 



सूचना र्म रोगों की आयुर्वेदीय चिकित्सा पर एक सेमिनार :


आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा धन्वन्तरी पखवाड़ा के अवसर पर शनिवार दिनाँक ९ नवम्बर २०१९ को '' चर्म रोगों की आयुर्वेदीय चिकित्सा कैसे हो '' विषय पर आयुर्वेद संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है | इस कार्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक चिकित्सक मो. / व्हाटसएप्प ६३८८०६७००५८००९२२२१३८ पर अपना पंजीकरण करायें ||



आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा संचालित
   
आयुष ग्राम चिकित्सालय:चित्रकूट 
   मोब.न. 9919527646, 8601209999
 website: www.ayushgram.org



  डॉ मदन गोपाल वाजपेयी        आयुर्वेदाचार्यपी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी.साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधिएम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत )
 प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव
                                  
डॉ अर्चना वाजपेयी                              एम.डी.(कायचिकित्सा) आयुर्वेद 

डॉ परमानन्द वाजपेयी                                                                   आयुर्वेदाचार्य


डॉ आर.एस. शुक्ल                                                                           आयुर्वेदाचार्य 




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ