अब ‘आयुष ग्राम गुरुकुलम्’ के छात्र बन सकेगें संस्कारित, सुसभ्य, परिश्रमी और नीतिवान् डॉक्टर, इंजीनियर !!

अब आयुष ग्राम गुरुकुलम्के छात्र बन सकेगें

संस्कारित, सुसभ्य, परिश्रमी और नीतिवान् डॉक्टर, इंजीनियर !!


आप सभी को जानकर असीम प्रसन्नता होगी कि अब आयुष ग्राम गुरुकुलम् चित्रकूट के छात्र डॉक्टर और इंजीनियर भी बन सकेंगे। इसके लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने , ,  (प्रथमा) हाईस्कूल, इण्टरमीडिएट (पूर्वमध्यमा, उत्तरमध्यमा) वही गणित, वही साइंस, वही अंग्रेजी, वही हिन्दी लागू कर दिया जो अन्य हाईस्कूल इण्टर कॉलेजों में चल रही थी। इसके अलावा सरकार ने हाईस्कूल के बाद इण्टरमीडिएट में साइंस साइड, कामर्स साइड तथा आर्ट साइड भी कर दिया। इसके अलावा सरकार ने हाईस्कूल के बाद इण्टरमीडिएट में साइंस साइड, कामर्स साइंस तथा आर्ट साइड भी कर दिया है ।
 
सबसे बड़ी बात तो यह है कि सरकार ने इस पाठ्यक्रम में कक्षा ९ से १२वी तक आयुर्वेद (An ancient medical science) भी लागू कर दिया है तथा इस पाठ्यक्रम का आयुष ग्राम गुरुकुलम् चित्रकूट’ में पठन-पाठन भी प्रारम्भ हो गया। ऐसा देश के किसी भी विद्यालय में नहीं है।
 
इससे छात्र आगे चलकर जब डॉक्टर बनने की दिशा में बढ़ेंगे तो यूनिक सिद्ध होंगे क्योंकि ये छात्र साइंस साइड (बायोलॉजी ग्रुप) से तो होंगे ही साथ ही प्राच्य मेडिकल साइंस भी पढ़कर गये होंगे।
 
इस प्रकार जिन्हे आगे चलकर इंजीनियर बनना है वे गणित (MATH) ग्रुप लेगें यदि डॉक्टर बनना है तो बायोग्रुप से तो होंगे पर आयुर्वेद (An Ancient Medical Science) भी पढेंगे।
सरकार के इस नए पाठ्यक्रम से अब आयुष ग्राम गुरुकुलम् के विद्यार्थी विशिष्ट बनेगें। यहाँ के विद्यार्थियों का वैशिष्ट्य यह रहता है कि वे ब्रह्ममुहूर्त में जागरण कर पूरी भारतीय संस्कृति की अवधारणा के अनुसार दिनचर्या, जीवनशैली, खान-पान रखते हैं। जिससे मानसिक, शारीरिक और संस्कारों से बहुत ही स्वस्थ एवं मजबूत रहते हैं।
 
इसलिये हम कह सकते हैं कि अब पूरा मौका मिला है संस्कारित, सुसभ्य, परिश्रमी और नीतिसम्पन्न डॉक्टर और इंजीनियर बनने का आयुष ग्राम गुरुकुलम् चित्रकूट से!!

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नवीन पाठ्यक्रम लागू करने का सरकारी आदेश और विवरण

प्रेषक,
 
शिक्षा निदेशक (मा.) एवं अध्यक्ष
 
उ.प्र. माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद्
 
शाहमीना रोड, लखनऊ (उ.प्र.)
सेवा में,
 
१. संयुक्त शिक्षा निदेशक उत्तर प्रदेश।
 
२. जिला विद्यालय निरीक्षक उत्तर प्रदेश।

पत्रांक- स०परि०/९१९९-१०४६९-२०१९-२० 
दिनांक २८ अगस्त २०१९

विषय- उ.प्र. माध्यमिक सं. शिक्षा परिषद्, शाहमीना रोड, लखनऊ के नियंत्रणाधीन प्रदेश में संचालित   सं. माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षिक सत्र २०१९-२० से नवीन पाठ्यक्रम लागू किए जाने के    सम्बन्ध में।

महोदय,
 
उपर्युक्त विषय के सन्दर्भ में अवगत कराना है कि उ०प्र० माध्यमिक सं. शिक्षा परिषद् लखनऊ द्वारा प्रदेश में संचालित सं. माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को व्यवसाय परक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सं. माध्यमिक शिक्षा परिषद् का नवीन/संशोधित पाठ्यक्रम तैयार किया गया है, जिसे परिषद् कार्यकारिणी की स्वीकृति प्राप्त है। नवीन/संशोधित पाठ्यक्रम से शासन भी अवगत है। शासन के पत्र संख्या- ६६७/पन्द्रह-९-१९-२००१ (२९४)/१७ टी०सी० दिनांक १९ जून २०१९ द्वारा परिषद् विनियमावली २०१२ के अध्याय-३ ‘‘पाठ्यक्रम समितियाँ’’ में वर्णित प्रावधानानुसार अग्रेत्तर आवश्यक कार्यवाही नियमानुसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गये हैं, चूँकि सं. शिक्षा परिषद् का वर्तमान पाठ्यक्रम काफी प्राचीन एवं परम्परागत है। जनसामान्य की माँग के अनुसार परिषद् द्वारा समय-समय पर पाठ्यक्रम समिति/पाठ्यचर्या समिति एवं विषय विशेषज्ञों की कार्यशालाएँ/बैठकें आहूत कर सं. शिक्षा परिषद् हेतु नवीन एवं संशोधित पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। उक्त पाठ्यक्रम में संस्कृत शास्त्रों की अनिवार्यता के साथ बेसिक शिक्षा परिषद/माध्यमिक शिक्षा परिषद् के आधीन संचालित जूनियर हाईस्कूल, हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की भाँति आधुनिक विषयों को लागू करते हुए पाठ्यक्रम को व्यवसायपरक बनाया गया है जिससे सं. माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र भी सामान्य शिक्षा की भाँति विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार हेतु अपने भविष्य का चयन कर सकेंगे। 
 
सं. शिक्षा परिषद् के प्रथमा (कक्षा ८) से उत्तर मध्यमा (इण्टरमीडिएट) स्तर तक नवीन पाठ्यक्रमों में आधुनिक विषयों में वही पाठ्यक्रम निर्धारित है जो बेसिक शिक्षा परिषद् एवं माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा लागू है। इन विषयों में संस्कृत शिक्षा परिषद् द्वारा कोई अतिरिक्त पाठ्यपुस्तक निर्धारित नहीं की गयी है। फलस्वरूप प्रथमा स्तर पर बेसिक शिक्षा परिषद् द्वारा निर्धारित आधुनिक विषय की पुस्तकें एवं पूर्वमध्यमा एवं उत्तरमध्यमा स्तर पर (हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट) माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम लागू होगा। 
 
सं. विद्यालयों में जुलाई से प्रारम्भ होने वाले शैक्षणिक सत्र २०१९-२० से उपरोक्त पाठ्यक्रम पूर्व मध्यमा  प्रथम (कक्षा-९) एवं उत्तर मध्यमा प्रथम (कक्षा-११) में लागू होगा। प्रथमा (कक्षा ८) स्तर पर संशोधित पाठ्यक्रम आगामी शैक्षिक सत्र से लागू किया जायेगा। इस पर शासन से सहमति प्राप्त कर ली गयी है। संशोधित पाठ्यक्रम की विवरणिका संलग्न की जा रही है।
 
कृपया प्रदेश स्तर पर संचालित संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में उपरोक्तानुसार नवीन पाठ्यक्रम शैक्षिक सत्र २०१९-२० से लागू कराये जाने हेतु अपने स्तर से तत्काल प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित कराने का कष्ट करें।
 
संलग्न पाठ्यक्रम विवरणिका।

          भवदीय

 

         हस्ताक्षर

        (विनय कुमार पाण्डेय)

                उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद्
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आयुष ग्राम गुरूकुलम के छात्र 


पृ॰स॰ सं॰परि॰/९१९९-१०४६९/२०१९-२० तद्दिनांक।
 
उपरोक्त की प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक  कार्यवाही हेतु प्रेषित-

१. निजी सचिव, मा॰ उप मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश शासन को मा॰ उप मुख्यमंत्री जी के सादर अवलोकनार्थ।
२. प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा, उत्तर शासन।
३. सचिव, माध्यमिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश शासन।
४. संयुक्त सचिव, शिक्षा (९) अनुभाग, उत्तर प्रदेश लखनऊ।
५. शिक्षा निदेशक (बेसिक/ एस॰सी॰ई॰आर॰टी॰) लखनऊ।
६. अपर शिक्षा निदेशक  (बेसिक/माध्यमिक/पत्राचार) शिक्षा निदेशालय, उ॰प्र॰ प्रयागराज।
७. सं. शिक्षा परिषद् के समस्त कार्यकारिणी सदस्य।
८. सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद् उ॰प्र॰ प्रयागराज।

९. क्षेत्रीय सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद्, प्रयागराज/मेरठ/वाराणसी/बरेली/गोरखपुर।

१०. उप शिक्षा निदेशक (सं.) शिक्षा निदेशालय,, उ॰प्र॰ प्रयागराज।

११. निरीक्षक, सं. पाठ्यशालायें, उ॰प्र॰ प्रयागराज।

१२. उप निरीक्षक, संस्कृत पाठ्यशालायें, कार्यालय संयुक्त शिक्षा निदेशक, उत्तर प्र्रदेश को इस निर्देश के साथ प्रेषित कि वे अपने मण्डल में संचालित समस्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों को नवीन/संशोधित पाठ्यक्रम शैक्षिक सत्र २०१९-२० से लागू कराये जाने के सम्बन्ध में तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें।

१३. प्रधानाचार्य, समस्त सं. माध्यमिक विद्यालय, उत्तर प्रदेश।

 

               हस्ताक्षर       

          (विनय कुमार पाण्डेय) शिक्षा निदेशक (मा॰) एवं अध्यक्ष,

           उ॰प्र॰ माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद्,

                 १८-पार्क रोड, लखनऊ।

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पूर्वमध्यमापरीक्षा (कक्षा-९-१०)
प्रथम खण्ड: तथा द्वितीयखण्ड:
(हाईस्कूल  & )

पत्रसंख्या विषया:         पूर्णांका:
  अनिवार्यसंस्कृत        ७०+३० = १००

संस्कृतशास्त्र (अधोनिर्दिष्टेषु एकमनिवार्यम्) (नीचे लिखे विषयों में एक अनिवार्य है।) ७०+३० = १०० 

१. ऋग्वेद:

२. शुक्लयजुर्वेद:

३. कृष्णयजुर्वेद:

४. सामवेद:

५. अथर्ववेद:

६. आयुर्वेद: (An Ancient Medical science)

७. प्राचीनव्याकरणम्

८. नव्यव्याकरणम्

९. साहित्यम्

१०. न्याय

११. दर्शनम्

१२. ज्योतिषम्

१३. जैनदर्शनम्

१४. थेरवादबौद्धदर्शनम्

१५. पुराणेतिहासम्

१६. प्राकृतं तथा जैनागम:

३. प्रारम्भिक हिन्दी/हिन्दी      ७०+३० = १००

४. आंग्लभाषा (अंग्रेजी)/पाली / नेपाली / प्राकृतम  ७०+३० = १००

 

५.  सामाजिक-विज्ञानम्      ७०+३० = १००

 

६-७  वैकल्पिक-  विषय: (अधोनिर्दिष्टेषु द्वयमनिवार्यम्)   ७०+३० = १००

  (नीचे लिखे विषयों में दो अनिवार्य है।)    ७०+३० = १००

  (१) विज्ञानम् (२) गणितम् (३) गृहविज्ञानम् (४) इतिहास, पुराण एवं संस्कृति (५) चित्रकला (६)    कम्प्यूटरविज्ञानम् (७) वाणिज्यम् (८) संगीतम्- गायनम् (९) संगीतम् - वादनम् (१०) पौरोहित्यम्    (११) तुलनात्मक- दर्शनम् (१२)  वास्तुशास्त्रम्

 

  ऐच्छिक- विषय: - नैतिकशिक्षा- शारीरिकशिक्षा- समाजोपयोगि- उत्पादकार्याणि च

(लिखित परीक्षा- नास्ति, विद्यालय द्वारा श्रेणीकरणम्)

 

 यदि कोई विद्यार्थी अष्टम् प्रश्नपत्र में नैतिक शिक्षा/शारीरिक शिक्षा/समाजोपयोगि उत्पादकार्य में से कोई विषय लेना चाहता है तो ले सकता है पर उसकी लिखित परीक्षा बोर्डनहीं लेगा केवल विद्यालय द्वारा ही श्रेणीकरण किया   जायेगा।


वक्तव्यम् - परिषद् द्वारा प्रतिपत्रं सप्तते: अज्रनां परीक्षा आयोजयिष्यते अवशिष्टा: त्रिंशत् अज्र: आन्तरिकमूल्याज्र्नम्    आधृत्य विद्यालयस्य विषय- शिक्षकेण प्रदास्यन्ते।
               
हस्ताक्षर
                 
सचिव
             
उ॰प्र॰ माध्यमिक सं. शिक्षा परिषद् लखनऊ

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आयुष ग्राम गुरुकुलम विद्यार्थीगण  


उत्तरमध्यमापरीक्षा कक्षा-११-१२)
प्रथमखण्ड तथा द्वितीयखण्ड (मानविकीवर्ग:)
(इण्टरमीडिएट  & )

पत्रसंख्या              विषया:                       पूर्णांक
प्रथमपत्रम्       अनिवार्यसंस्कृतम्       १००
 
द्वितीयपत्रम् संस्कृतशास्त्रम् (अधोनिर्दिष्टेषु कस्यचिदेकस्य शास्त्रस्य प्रश्नपत्र द्वयम्)            १००

   (
नीचे लिखे एक विषय के दो प्रश्न पत्र होंगे)

एवम्

तृतीयपत्रम्                                            १००  
 
१. ऋग्वेद:                                                           

  २. शुक्लयजुर्वेद:

  ३. कृष्णयजुर्वेद:

  ४. सामवेद:

  ५. अथर्ववेद:

  ६. आयुर्वेद: (An Ancient Medical science)

  ७. प्राचीनव्याकरणम्

  ८. नव्य व्याकरणम्

  ९. साहित्यम्

  १०. न्याय:

  ११. दर्शनम्

  १२. ज्योतिषम्

  १३. जैनदर्शनम्

  १४. थेरवादबौद्धदर्शनम्

  १५. पुराणेतिहासम्

  १६. प्राकृतं तथा जैनागम:

चतुर्थपत्रम्-   हिन्दी

पंचमपत्रम्-  आंग्लभाषा (अंग्रेजी)/नेपाली/पालि प्राकृतम्    १००

षष्ठपत्रम्-  इतिहास:/राजनीतिशास्त्रम्/समाजशास्त्रम्/ गृहविज्ञानम्/   १००

                         एवम्  शिक्षाशास्त्रम्/गणित:/अर्थशास्त्रम्/भूगोल:/तुलनात्मक: दर्शनम्/      १००

सप्तम् पत्रम्- कंठ-संगीतम्/वाद्य: संगीतम् (तबला:सितार:/चित्रकला:/   १००

                                इतिहास-पुराण एवं संस्कृति/पौरोहित्यम्

अष्टमपत्रम्- (ऐच्छिक-विषय:)

  वास्तुशास्त्रम्/योगविज्ञानम्/कम्प्यूटर विज्ञानम्/कर्मकाण्डम्      ग्रेडिंग

  एवं ज्योतिष (लिखितपरीक्षा नास्ति, विद्यालयद्वारा श्रेणीकरणम्) अर्थात् इनमें से कोई विषय लेना चाहता    है तो ले सकता है पर उसकी लिखित परीक्षा बोर्डनहीं लेगा केवल विद्यालय द्वारा ही श्रेणीकरण किया जायेगा।

 

              सचिव

             हस्ताक्षर

                  उ॰प्र॰ माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद्

              लखनऊ
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मंचासीन आयुष ग्राम गुरूकुलम के संस्थापक महोदय डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी और अतिथिगण  

उत्तरमध्यमा (इण्टरमीडिएट) प्रथमखण्ड:
(विज्ञानवर्ग:)

पत्रसंख्या         विषया:            पूर्णांका:

प्रथमपत्रम्     अनिवार्यसंस्कृतम्      १००
 

द्वितीयपत्रम्   संस्कृतशास्त्रम् : प्राच्यविज्ञानम्     १००

तृतीयपत्रम्           हिन्दी                  १००

चतुर्थपत्रम्       आंग्लभाषा (अंग्रेजी)  १००

पंचमपत्रम्       भौतिकविज्ञानम्  (फिजिक्स)     १००

षष्ठपत्रम्       रसायनविज्ञानम् (केमिस्ट्री)     १००

सप्तम् पत्रम्     गणितम् (Math)/जीवविज्ञानम् (बायोलॉजी)   १००

अष्टमपत्रम्       (ऐच्छिक-विषय:)
   

  वास्तुशास्त्रम्/योगविज्ञानम्/कम्प्यूटरविज्ञानम्/कर्मकाण्डम्  
 
एवं ज्योतिष              ग्रेडिंग



(
लिखितपरीक्षा नास्ति, विद्यालयद्वारा श्रेणीकरणम्) अर्थात् इनमें से कोई विषय लेना चाहता    है तो ले सकता है पर उसकी लिखित परीक्षा बोर्डनहीं लेगा केवल विद्यालय द्वारा ही श्रेणीकरण किया जायेगा।


 

                          
हस्ताक्षर
                        
सचिव
                         
उ॰प्र॰ माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद्
                           
लखनऊ

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उत्तरमध्यमा (इण्टरमीडिएट) प्रथमखण्ड:
(वाणिज्य वर्ग:)


पत्रसंख्या           विषया:                     पूर्णांका:

 

प्रथमपत्रम्        अनिवार्यसंस्कृत           १००

 

द्वितीयपत्रम्     संस्कृतशास्त्र : प्राच्यवाणिज्यम्  १००

 

तृतीयपत्रम्        हिन्दी                         १००

 

चतुर्थपत्रम्        आंग्लभाषा (अंग्रेजी)     १००

 

पंचमपत्रम्       बहीखाता तथा लेखाशास्त्र   १००

 

षष्ठपत्रम्        व्यापारिक संगठन एवं पत्र व्यवहार १००

 

सप्तम् पत्रम्      अर्थशास्त्र तथा वाणिज्य भूगोल/अधिकोषण तत्व/औद्योगिक

   संगठन/गणित तथा प्राथमिक सांख्यिकी/बीमा सिद्धान्त एवं व्यवहार/कम्प्यूटर

                                                                                       १००

 

अष्टमपत्रम्  (ऐच्छिक-विषय:)  

 

 वास्तुशास्त्रम्/योगविज्ञानम्/कम्प्यूटरविज्ञानम्/कर्मकाण्डम्  
 
एवं ज्योतिष              ग्रेडिंग

(
लिखितपरीक्षा नास्ति, विद्यालयद्वारा श्रेणीकरणम्) अथार्त इनमें से कोई विषय लेना चाहता    है तो ले सकता है पर उसकी लिखित परीक्षा बोर्डनहीं लेगा केवल विद्यालय द्वारा ही श्रेणीकरण किया जायेगा।
वक्तव्यम्- परिषद् द्वारा प्रतिपत्रम् अशीते: अज्रनां परीक्षा आयोजयिष्यते अवशिष्टा: विंशति: अज्र:     आन्तरिकमूल्याज्र्नम् आधृत्य विद्यालयस्य विषय- शिक्षकेण प्रदास्यन्ते 


                          
हस्ताक्षर
                        
सचिव
                         
उ॰प्र॰ माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद्
                           
लखनऊ

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