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कमला देवी साथ में उनका पुत्र श्री बालमुकुन्द जी !! |
➡️ मैं फतेहपुर (उ.प्र.) से हूँ। नाम बालमुकुन्द मेरी माता जी
श्रीमती कमला देवी पत्नी गुलाब सिंह रिटायर्ड अध्यापिका (उम्र ८२)।
➡️ माता जी को सन् २०१० में राजयक्ष्मा (Tuberculosis) हो गया, कुछ
महीने अंग्रेजी दवायें चलीं पूर्ण आराम हो गया।
➡️ फिर १० माह पहले अचानक थोड़ी समस्या हुयी तो
मैं माता जी को मेदान्ता लखनऊ ले गया, वहाँ
पर कुछ जाँचें हुयीं तो मधुमेह व थायरॉयड का पता चला, कोलेस्ट्रॉल बढ़ा न होने
पर भी कुछ अंग्रेजी दवायें चलाई गयीं लेकिन माता जी को पतले दस्त होने लग गये तो
माता जी ने सब दवायें बन्द कर दीं।
➡️ माता जी को बुखार आने लगा, मैंने
अंग्रेजी डॉक्टर की सलाह से एजिथ्रोमाइसिन
मेडिसिन चलाई उस समय माता जी को बहुत ज्यादा कमजोरी होती जा रही थी। मैंने अपने आप से टायफाइड की जाँच करवायी और जाँच में टायफी-१ आया, उस समय
मेरे पूरे परिवार के सदस्यों को बुखार आ रहा था और लगभग ५ सदस्यों को टायफायड
निकला।
➡️ मैंने माता जी के लिए डॉ. अरविन्द मिश्रा, केजीमयू, लखनऊ के विभागाध्यक्ष से ऑनलाइन परामर्श लिया, उन्होंने कुछ अंग्रेजी दवायें भी बतायीं।
➡️ फिर मैंने डॉ. अरविन्द जी से सलाह ली तो उन्होंने ७ दिनों में १४ इंजेक्शन लगवायें, कोई आराम नहीं मिला तो मैं फतेहपुर के एक सरकारी हॉस्पिटल में दिखाया वहाँ पर ब्लडप्रेशर बहुत लो आया तो २ ड्रिप चढ़ाई गयीं और डॉक्टर ने यह कहकर घर भेज दिया कि उम्र काफी है, घर में रखें और सेवा करें। अब हम परेशान हो गये।
➡️ तभी १९ मई २०२१ को मैं माता जी को लेकर आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूट के आयुष ग्राम चिकित्सालय, सूरजकुण्ड रोड, चित्रकूट लेकर पहुँचा। क्योंकि मुझे २० साल से पता था कि इस चिकित्सालय में ऐसी
प्राणरक्षक आयुर्वेदिक औषधियाँ उपलब्ध हैं जो अन्यत्र कहीं नहीं।
➡️ माता जी का अपने आप उठना-बैठना, बोलना बन्द
हो गया, बोलने में आवाज बहुत ज्यादा लड़खड़ा रही थी। खाना-पीना भी कम हो
गया, कमजोरी बहुत ज्यादा थी, बुखार भी हल्का बना ही
रहता था, ब्लडप्रेशर की भी समस्या थी।
➡️ सर ने सारी समस्यायें सुनी, नाड़ी
देखी, अच्छे से निदान किया फिर आश्वासन
दिया कि आप बिल्कुल परेशान न हों, ७ दिन तक
भर्तीं करेंगे आपकी माता जी बिल्कुल स्वस्थ हो जायेंगी। हम भर्ती हो गये। चिकित्सा
शुरू हो गयी।
➡️ मेरी माता जी यहाँ भर्ती हुयीं
सिर्फ दवाओं की २ ही मात्रा
पेट में गयी कि माता जी अच्छे से बोलने लगीं और २ दिन में वह अपने से चलने लगीं।
➡️ आज ७ दिन हो गये मेरी माता जी पूर्ण स्वस्थ
हैं, अच्छे से खाने-पीने लगीं, बुखार
भी खत्म हो गया, ब्लडप्रेशर
भी ११०/६० के आस-पास रहने लगा, पल्स भी सही आने लगी। ऑक्सीजन लेवल ठीक हो गया।
हम सब लोग कितने खुश हैं कि बता नहीं सकते, मैं
सर को भगवान् के बराबर मानता हूँ, आयुष ग्राम चिकित्सालय यहाँ का स्टॉफ तो बहुत ही
कत्र्तव्यनिष्ठ व धर्मपरायण है। यही यहाँ की शक्ति है।
मैं तो कहता हूँ कि ऐसे आयुष अस्पताल और डॉक्टर सब जगह
हों तो देश का बहुत बड़ा हित हो। इतनी मौतें न हों।
बालमुकुन्द
कृष्ण बिहारी नगर, म.नं.-२००/६०, बाँदा सागर रोड, फतेहपुर उ.प्र.
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
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