सावित्री देवी साथ में बेटी वर्षा शर्मा
➡️ मेरी माँ सावित्री देवी
(५० वर्ष) बसहिया बुजुर्ग, महाराजगंज (उ.प्र.) से हैं।
➡️ मेरी माँ का मार्च २०२० को अचानक पैरों में सूजन और पेट दर्द
शुरू हो गया, मेरा छोटा भाई पास के
अंग्रेजी अस्पताल में माँ को दिखाने ले गया, उन्होंने देखा और कुछ
दवायें दी और बोले कि ठीक हो जायेंगी। लगभग १५ दिन दवा खिलायीं पर कोई आराम नहीं
मिला।
➡️ तब हम माँ को गोरखपुर
लेकर गये, वहाँ स्पंदन हॉस्पिटल में दिखाया, वहाँ के डॉक्टरों ने
जाँच करवायी, जाँच में सुगर और किडनी की समस्या के बारे में पता चला
और उसी समय ब्लडप्रेशर की समस्या के बारे में भी पता चला। वहाँ लगभग ४-५ माह तक
इलाज चला लेकिन कोई आराम नहीं मिला।
➡️ तब हम लोग गोरखपुर के दूसरे हॉस्पिटल में डॉक्टर आनन्द बंका
को दिखाया, वहाँ किडनी ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी, पर हमारे
पास ट्रांसप्लांट कराने की औकात ही नहीं थी।
➡️ फिर हम लोग माँ को लखनऊ केजीएमयू ले गये, वहाँ माँ
को देखा गया, जाँचें करवायीं और इलाज शुरू हो गया, यहाँ के
इलाज से माँ को कुछ दिन तक आराम लगा और कुछ दिन बाद माँ के पेट में फिर दर्द शुरू
हो गया।
➡️ तभी वहीं मेरी मुलाकात मेरे गाँव के एक
व्यक्ति से हुई जिनके रिश्तेदार का इलाज आयुष ग्राम
(ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट में चल रहा था, उन्होंने मुझे कहा बेटा आप अपनी माँ को एक बार आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूट में दिखा दीजिए वहाँ आपकी माँ ठीक हो जायेंगी।
➡️ हमारे
पास पैसा था नहीं कि हम अपनी माँ को लेकर आयुष ग्राम चित्रकूट आ सके। हमारा सारा पैसा अन्य हॉस्पिटलों में खत्म हो चुका था। हम
लोगों ने १ माह बाद पैसों की व्यवस्था की और अपनी माँ को आयुष ग्राम (ट्रस्ट)
चित्रकूट लेकर पहुँचे।
➡️ जब
मैं ट्रेन से सफर करके माँ को हॉस्पिटल ले के आ रही थी तब मैं यह सोच रही थी कि न
तो वहाँ बॉटल और न ही इंजेक्शन लगता फिर इन सबके बिना मेरी माँ का कैसे इलाज होगा।
➡️ फिर
मैंने सोचा १ सप्ताह तक इलाज करवाते हैं जो होगा देखा जायेगा, हर हॉस्पिटल से निराशा मिली है, सोचा यहाँ भी इलाज लेकर भी देख लेते
हैं। हम सुबह आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट पहुँचे, रजिस्ट्रेशन करवाया और ओपीडी नं.-१ में
जाँच और केस हिस्ट्री हुयी और हमें बोला गया कि आपके ३ सप्ताह भर्ती होकर चिकित्सा
करवानी होगी। २-३ घण्टे में जाँच रिपोर्ट आ गयी और ओपीडी-२ में
डॉक्टर वाजपेयी जी के
पास भेजा गया, उन्होंने मेरी माँ को देखा और कहा कि आप परेशान न हों आपकी
माँ बिल्कुल ठीक हो जायेंगी।
➡️ मैंने
तुरन्त माँ को भर्ती करवाया और इलाज शुरू हो गया। मेरी माँ को २ दिन में ही आराम
लगने लगा, पेट दर्द और कमजोरी में उन्हें आराम लग
गया। यहाँ तो हॉस्पिटल नहीं
बिल्कुल तीर्थ है। सब लोग सेवा-भाव से काम करते हैं। आयुर्वेद पंचकर्म होता है, रसौषधियों
से चिकित्सा होती है। बहुत तेज लाभ होता है। संस्थान में प्रवेश करते ही एक विशेष
ऊर्जा का एहसास होता है, अद्भुत शान्ति।
आयुष ग्राम चिकित्सालय में भर्ती होने के समय 14/03/2021 की रिपोर्ट
➡️ १४ मार्च २०२१ को मैं माँ को
लेकर आयी थी उस दिन मेरी माँ का क्रिटनीन ९.१, यूरिया २५४.०, हेमोग्लोबिन ७.० था और आज ४
अप्रैल २०२१ की जाँच में क्रिटनीन ९.१ से घटकर ७.८ हो गया, यूरिया २५४.० से घटकर १२४.०
पर आ गया और हेमोग्लोबिन ७.४ पर आ गया।
आयुष ग्राम चिकित्सालय में भर्ती रहकर चिकित्सा के बाद04/04/2021 की रिपोर्ट
यहाँ की व्यवस्था और यहाँ का स्टॉफ बहुत अच्छा है। सब लोगों ने हमारा बहुत सहयोग किया, यहाँ से इलाज करवा के हम बहुत खुश है, अब मेरी माँ बिल्कुल ठीक हो रही हैं। मैं तो कहती हूँ कि सभी लोग यहाँ लाभ उठायें।
वर्षा शर्मा
बसहिया बुजुर्ग, महाराजगंज (उ.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
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