श्री काशीनाथ दुबे साथ में बेटा राम प्रकाश दुबे
➡️ मैं रामप्रकाश दुबे मेरे पिता जी श्री काशीनाथ दुबे (60 वर्ष) हम लोग दारा नगर, जमुई बाजार, मिर्जापुर (उ.प्र.) के रहने वाले हैं। मेरे पिता जी को 2016 से सुगर की समस्या हो गयी थी। प्रयागराज में अंग्रेजी दवायें चल रहीं थी, लेकिन मेरे पिता जी की लापरवाही से दवाइयाँ छूट गयीं और फिर समस्या होने पर वहीं जिला अस्पताल से अंग्रेजी दवा लेकर खाने लगे।
➡️ 10 जून 2019 को अचानक पैरों में सूजन आ गयी, सीढ़ियाँ चढ़ने में परेशानी होने लगी, कमजोरी बहुत लगने लगी तो मैंने मिर्जापुर के प्राइवेट अस्पताल में जाँच करवायी तो हेमोग्लोबिन 7.5, क्रिटनीन 3.7 आया और किडनी की समस्या का पता चला और वहाँ से रिफर कर दिया गया।
➡️ अब हम लोग फिनिक्स हॉस्पिटल प्रयागराज में ले गये, वहाँ पर 1 हफ्ते की अंग्रेजी दवायें दी गयीं फिर दोबारा से 1 माह की दवायें लगभग 27-28 हजार रूपये दी गयीं और खून बढ़ाने के लिए हफ्ते में 2 बार 1700/- रूपये के इंजेक्शन लगने लगे।
➡️ 1 माह की अंग्रेजी दवायें खाने के बाद फिर जब जाँचें करवायीं तो उसमे हेमोग्लोबिन 13, क्रिटनीन 9.3 आया। 3 माह तक दवायें चली और 1 हफ्ते में 2 इंजेक्शन भी लगते रहे लेकिन 3 माह के बाद जाँच करवाने पर क्रिटनीन 7.7 आ गया तो वहाँ डायलेसिस के लिए बोल दिया गया।
➡️ अब हम ओपल हॉस्पिटल बनारस के डॉक्टर प्रदीप कुमार राय जी को ऑनलाइन दिखाया, उन्होंने कहा कि 1 हफ्ते में 2 डायलेसिस करवानी पड़ेगी, अगर डायलेसिस करवाना हो तो हॉस्पिटल आ जायें नहीं तो औए कहीं एम्स, मेदान्ता आदि में दिखा लीजिए।
➡️ मैंने प्रतापगढ़ के वैध जी को दिखाया, उनकी 1 हफ्ते कि दवायें लेकर खिलायीं तो क्रिटनीन धीरे-धीरे बढने लगा।
➡️ फिर मेरे ही गाँव एक व्यक्ति जो अपने भाई कि किडनी ट्रांसप्लांट करवाने पीजीआई गये थे लेकिन वहाँ से रिफर होने के बाद चित्रकूट से पूर्ण स्वस्थ हैं के द्वारा आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला।
➡️ मेरे पिता जी 10 जनवरी 2021 में अचानक ब्लडप्रेशर 220 के ऊपर हो गया, मेरे पिता जी बिल्कुल ऑन बेड अचेतन अवस्था में आ गये, बोलना, चलना, खाना-पीना सब बन्द हो गया।
➡️ हम तुरन्त 11 जनवरी 2021 को पिता जी को स्ट्रेचर में लिटाकर आयुष ग्राम चित्रकूट पहुँचे। वहाँ रजिस्ट्रेशन हुआ, फिर नम्बर आने पर ओपीडी-2 में डॉक्टर वाजपेयी जी के पास बुलाया गया। उन्होंने सारी समस्यायें पूछीं, ओपीडी न होने के कारण जाँच बाहर से (पैथ काइण्ड) से जाँच करवायी और ओपीडी-1 डॉक्टर त्रिपाठी जी ने देखा और 21 दिनों के लिए भर्ती किया।
➡️ दूसरे दिन 11 जनवरी 2021 को जाँच में हेमोल्गोबिन 5.3, क्रिटनीन 11.9, फास्फोरस 6.9 आया।
➡️ 3 दिनों में मेरे पिता जी चेतना वापस आ गयी और उन्होंने मुझसे कहा कि मैं कहा हूँ, तब मैंने बताया कि आप चित्रकूट में हैं। 3 दिनों मेरे पिता जी सभी से खूब तो करने लगे, अपने मन से पंचकर्म विभाग तक जाने लगे, सूजन भी कम होने लगी, भूख भी लगने लगी और जाँचे भी अच्छी आने लगीं।
➡️ आज 20 दिन पूरे हो गये हैं, मेरे पिता को काफी आराम है, हम लोग तो इतना परेशान हो गये थे, बहुत पैसें भी लग गये लेकिन कोई आराम नहीं मिलने पर सभी ने आशा छोड़ दी थी कि कभी मेरे पिता जी हम सभी पहले जैसे कभी बात भी कर पायेंगे।
➡️ हम लोग बहुत खुश हैं कि
जब मेरे पिता जी बिना डायलेसिस, बिना ट्रांसप्लांट के आज 21 दिनों
में इतना आराम मिल गया, मेरे पिता जी को एक नया जीवनदान मिल
गया।
रामप्रकाश दुबे
काशीनाथ दुबे
दारा नगर
(जमुई बाजार), मिर्जापुर
(उ.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा-आयुर्वेद)
1 टिप्पणियाँ
कितना खर्च आता है भाई साहब जी 21 दिन का???
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