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श्री समीउद्दीन |
मैं
प्रतापगढ़ उ.प्र. से समीउद्दीन (उम्र ४९), मैं
बाम्बे में टैक्सी ड्राइविंग का कार्य करता था। मुझे पिछले ३ साल से सुगर व ब्लड
प्रेशर की समस्या हो गयी, तभी से अंग्रेजी दवायें लेने लगा
था। अभी अक्टूबर माह में सुगर बढ़ गया, ब्लड
प्रेशर की ज्यादा समस्या होने लगी, कुछ
भी खाने में उल्टी होने लगी तो मैंने वहीं बाम्बे
में ही केम हॉस्पिटल में दिखाया, वहाँ
पर सारी जाँचें हुयी, जाँच में बताया कि आपकी दोनों
किडनी फेल हो गयीं, मुझे
डॉक्टरों ने १०-१० यूनिट ३ बार यानी ३० यूनिट इंसुलिन देना शुरू किया और ब्लड
प्रेशर की ३ बार अंग्रेजी दवा लेने लगे और भी कई दूसरी समस्याओं के लिए दवा चलीं। मैं
बाम्बे में अकेला था तो मैं घर आ गया।
फिर मैंने लखनऊ के मेडिकल कॉलेज में दिखाया, वहाँ
भी सारी जाँचें हुयीं, जाँचों में क्रिटनीन, यूरिया
ज्यादा बढ़ा होने के कारण तुरन्त डायलेसिस कर २०-२२ दिनों तक भर्ती रखा और १ सप्ताह
की दवायें लेकर मैं घर आ गया, डायलेसिस के
बाद से कुछ खाने-पीने में आराम तो मिल गया लेकिन
घर आने के बाद २ दिन में ही और समस्यायें होने लगीं, चलने
में श्वांस फूलने
लगी, एक भी कदम अपने आप से नहीं चल पाने
लगा, इतनी कमजोरी
थी, पैरों में सूजन थी। इन सभी समस्याओं के कारण
मैंने प्रतापगढ़ के रूमा हॉस्पिटल में दिखाया, वहाँ
फिर से सारी जाँचें करवायी गयीं और जाँच में फिर ज्यादा समस्या होने पर २
डायलेसिस कर दी गयीं और कहा गया कि अगर फिर से कोई परेशानी होती है तो फिर से
डायलेसिस करवानी पड़ेगी। मैं बहुत परेशान था कि ऐसे में
पूरी जिन्दगी डायलेसिस के सहारे कैसे
जिन्दा रह पाऊँगा।
तभी मेरे एक मित्र जो अपना इलाज करवाकर बिल्कुल स्वस्थ हैं के द्वारा आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला। मैं ६ दिसम्बर २०२० को अपनी पत्नी सहित आयुष ग्राम चित्रकूट आया, रजिस्ट्रेशन करवाया गया, फिर जाँचें हुयीं जाँच में- हेमोग्लोबिन ९.१, यूरिया १०६.१, क्रिटनीन ५.२, सीआरपी २४.१, सोडियम १२६.६ आया। आयुष ग्राम (ट्रस्ट) के डॉक्टर वाजपेयी जी ने जाँचें देखीं और कहा कि आप परेशान न हों मैं आपको ठीक करता हूँ इसके लिए २ सप्ताह भर्ती रहकर चिकित्सा करवानी पड़ेगी।
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आयुष ग्राम चिकित्सालय में भर्ती के समय 6 दिसम्बर 2020 की रिपोर्ट |
मैं भर्ती हो गया, १५
दिनों तक मेरी चिकित्सा चलती गयी। जिसमें
बस्तियाँ, जौ
की पेया, विलेपी, यवागू
आदि खाने के लिए दिये गये, दवाइयाँ
चलीं और मेरी जो समस्यायें थीं उनमें आराम मिलता गया। पहले मैं एक कदम भी नहीं चल
पा रहा था, जब
मैं ओपीडी में आया तो दो लोग पकड़कर लाये, श्वास
बहुत फूल
रही थी, जी
मिचलाता रहता था, पैरों
में सूजन थी, इंसुलिन
भी १०-१० यूनिट दिन में ३ बार लेनी पड़ती थी, अंग्रेजी
दवायें चल ही रही थीं।
यहाँ पर १५ दिनों तक भर्ती रखकर मुझे १ माह की
दवायें देकर व परहेज समझाकर डिस्चार्ज किया जा रहा है। मुझे इस समय बहुत आराम है, मेरी
डायलेसिस छूट गयी, इंसुलिन केवल
रात में वह भी १ बार २ या ३ यूनिट कभी-कभी लेनी पड़ती है, ब्लड
प्रेशर की अंग्रेजी दवा ३ बार लेने की जगह सिर्फ १
बार लेनी पड़ती है और अन्य सारी अंग्रेजी दवायें बिल्कुल बन्द हो गयीं। अब अपने आप
से चल लेता हूँ, कमजोरी
बिल्कुल खत्म हो गयी, पैरौं
की सूजन भी खत्म हो गयी है। जबकि वहाँ डायलेसिस कराते-कराते मेरा चलना-फिरना
बिल्कुल बन्द हो गया था।
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आयुष ग्राम चिकित्सालय में 15 दिन तक भर्ती रहने के बाद 20/12/2020 की रिपोर्ट |
हम सब लोग बहुत खुश हैं कि मेरी डायलेसिस छूट
गयी और सिर्फ १५
दिनों में सारी समस्याओं में काफी आराम मिल गया। आज
२० दिसम्बर २०२० की जाँच में मेरा हेमोग्लोबिन ९.१ से बढ़कर १०.२, यूरिया
१०६ से घटकर ५८.९, क्रिटनीन
५.२ से घटकर ३.५, सोडियम
१२६.६ से बढ़कर १३४ आ गया। अभी
१ माह बाद फिर २ हफ्ते के लिए पंचकर्म के लिए यहाँ रहना होगा। मैं कहता हूँ कि
मेरी बात सब जगह पहुँचे ताकि दूसरे लोग लाभ उठा सकें।
समीउद्दीन
पड़रीजबर (ताला), प्रतापगढ़ (उ.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ परमानन्द वाजपेयी एम.डी.(आयु.) आ.
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